Badass Ravi Kumar Review By Komal Nahata(Filminformation)
"कुल मिलाकर, बैडएस रवि कुमार ने शानदार संगीत, रोमांचक एक्शन, स्वर्गीय स्थान और रेट्रो फील को अपने प्लस पॉइंट के रूप में पेश किया है, लेकिन दिन के अंत में, यह एक बहुत ही साधारण फिल्म है जिसमें कोई नयापन नहीं है। पहले सप्ताहांत के बाद यह अपनी सारी ताकत खो देगी। लोग फिल्म के 1980 के दशक के फील का मज़ाक उड़ा सकते हैं, लेकिन फिर भी कई लोग इसे अनुभव के लिए देखेंगे।"
Badass Ravi Kumar Review By Pallavi(Aaj Tak)
"फिल्म में कोई कहानी नहीं है. आप फिल्म को कहानी और प्लॉट के हिसाब से देखने गए हैं तो निराशा ही हाथ लगेगी. आपको सिर्फ इसे देखने के लिए जाना है. इसके आगे और पीछे कुछ नहीं सोचना. अगर हो सके तो अपना दिमाग घर पर छोड़कर जाइएगा, क्योंकि अगर आप गलती से भी अपना दिमाग लेकर थिएटर में चले गए तो उसके खराब होने की पूरी-पूरी संभावना है."
Badass Ravi Kumar Review By Faayak Ansari(Amar Ujala)
"पूरी फिल्म में एक्शन है, इमोशन है, सस्पेंस के नाम पर हिमेश रेशमिया हैं और ड्रामा का दूसरा नाम ही हिमेश। तुकबंदी वाले डायलॉग गुदगुदी करते हैं। स्पूफ वाली भी फीलिंग ये फिल्म देखते आती है और क्रिंज कॉमेडी वाली भी। हिंदी सिनेमा में इस श्रेणी के सिनेमा की मौजूदा दौर में बहुत जरूरत है। तमाम दिमाग लगाकर भी हिंदी सिनेमा के धुरंधर न रीमेक ढंग की बना पा रहे हैं और न ही ओरिजिनल तो जब कचरे में ही लोटना है तो फिर ‘बैडआस रविकुमार’ में तो हिमेश रेशमिया बताकर ऐसा करवा रहे हैं। करने को कुछ नहीं हो, सवा दो घंटे टाइम काटना हो, पैसे की ज्यादा मारामारी न हो तो इस हफ्ते ये फिल्म देख डालिए। दिमाग को कभी कभी रिलैक्स रखना भी जरूरी है।"
Badass Ravi Kumar Review By Priyanka Singh(Jagran)
"एक कहावत है कि जिसका काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे, इस पर हिमेश को गौर करने की जरुरत है। वह कमाल के संगीतकार हैं, जिसे वह इस फिल्म के हर गाने में साबित करते हैं। इंटरवल के बाद उन्होंने एक ही गाने में इतनी वेराइटी दी है, जिसे देखकर यही ख्याल आता है कि हिमेश अभिनय में समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं। प्रभु देवा, कीर्ति कुल्हारी, संजय मिश्रा, जानी लीवर, सौरभ सचदेवा जैसे मंझे हुए कलाकारों को इस बिना तर्क वाली फिल्म को करने की क्या जरुरत थी, इसका तर्क वही बेहतर समझा पाएंगे। अंत में एक्सपोज यूनिवर्स की नई फिल्म का संकेत भी है, जिसे देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।"
Badass Ravi Kumar Review By Ashish Tiwari(Dainik Bhaskar)
"अगर आपका दिन खराब है और आपको कुछ ऐसा देखना है जो दिमाग की सारी टेंशन उड़ा दे, तो ये फिल्म आपके लिए है। हिमेश रेशमिया की बहादुरी को सलाम करने और उनकी अनोखी कला को सराहने के लिए यह फिल्म एक बार देखी जा सकती है।"
Badass Ravi Kumar Review By Shwetank(Lallantop)
"ये ऑल द वे हिमेश रेशमिया शो है. क्योंकि हिमेश ने ही इस फिल्म को लिखा है. उन्होंने ही इसका म्यूज़िक कंपोज़ किया है. उन्होंने ही गाने गाए हैं. यहां तक कि फिल्म में रवि कुमार का रोल भी उन्होंने खुद किया है. मज़ेदार बात ये है कि हिमेश ने खुद को कन्विंस कर लिया है कि वो रवि कुमार हैं. और उन्होंने इस चीज़ को परदे पर बेहद सीरियसली निभाया है. क्योंकि वो सेल्फ अवेयर हैं कि वो किस किस्म की फिल्म बना रहे हैं. ये एक फिनोमेना है, जिसे एंजॉय किया जा सकता है. या उससे चिढ़ा जा सकता है. मैंने खुद को दूसरी वाली श्रेणी में रखा है."
Badass Ravi Kumar Review By Rahul Yadav(Jansatta)
"अगर ‘बैडएस रविकुमार’ को देखने और ना देखने की बात की जाए तो आप इसे बिल्कुल देख सकते हैं। ऐसी मूवीज को थिएटर्स में देखना अलग ही बात होती है। ये एक पैसा-वसूल एंटरटेनर फिल्म है। यह वैसी फिल्म है, जिसे थिएटर में जाकर फुल ऑन एंटरटनमेंट के लिए देखा जा सकता है। इसे आप वन टाइम वॉच कह सकते हैं।"
Badass Ravi Kumar Review By Amit Bhatia(ABP News)
"keith gomes ने फिल्म डायरेक्ट की है और उनके बारे में क्या लिखा जाए इसपर अभी रिसर्च करनी होगी. बंटी राठौर के डायलॉग ही बस फिल्म में हंसने का मौका देते हैं. कुल मिलाकर अगर ये देखने है कि खराब से खराब फिल्म कैसे बन सकती है तो देखिए"
Badass Ravi Kumar Review By Pratik Shekhar(News 18)
"कीथ गोम्स द्वारा निर्देशित और हिमेश रेशमिया मेलोडीज के बैनर तले निर्मित, बैडएस रवि कुमार ने साबित कर दिया है कि सही बजट, बेहतरीन संगीत और स्मार्ट स्टोरीटेलिंग के साथ, एक फिल्म बड़ी हिट हो सकती है. ऐसे समय में जब बड़े बजट की फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष कर रही हैं, यह फिल्म दर्शकों के दिलों में जगह बना सकती है."
Badass Ravi Kumar Review By Archika Khurana(Times Of India)
"कुल मिलाकर, आप भले ही दिमाग को घर रखकर थिएटर पहुंचे, लॉजिक को कहीं दरवाजे पर छोड़ दें, फिर भी 'बैडएस रवि कुमार' आपका मनोरंजन नहीं करती है। बल्कि यह आपको गिल्टी प्लेजर देने का साहस भी नहीं जुटा पाती है। अगर आप ये देखना चाहते हैं कि हिमेश रेशमिया ने एक मास एक्शन बनाने की हिम्मत कैसे जुटाई है, तो यह थका देने वाली फिल्म देख सकते हैं।"