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Vanvaas Movie Review |
Vanvaas Movie Review By Komal Nahata(Filminformation)
"कुल मिलाकर, वनवास एक बहुत ही उबाऊ फिल्म है जो दर्शकों को पसंद नहीं आएगी। न तो पारिवारिक दर्शक और न ही युवा इस फिल्म की सराहना करेंगे और यह फिल्म अंतिम रूप से बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने वाली साबित होगी।"
Vanvaas Movie Review By Ashish Rajendra(Jagran)
"गदर एक प्रेम कथा, अपने और गदर 2 जैसी कई बेहतरीन फिल्मों को बनाए जाने के लिए निर्देशक अनिल शर्मा को जाना जाता है। जहां आज के समय में बॉलीवुड में एक्शन मूवी का बोलबाला है, वहां अनिल ने एक फैमिली ड्रामा और खास मैसेज देने वाली वनवास को पेश करने का जिगरा दिखाया है। लेखक सुनील सिरवैया ने कंटेंट की नब्ज को समझते हुए एक इमोशनल स्टोरी से फैंस की आंखें नम होने पर भी मजबूर किया है।"
Vanvaas Movie Review By Pankaj Shukla(Amar Ujala)
"फिल्म तकनीकी तौर पर कहीं कही काफी कमजोर है। कबीर लाल जैसा सिनेमैटोग्राफर बनारस के रंग को परदे पर नहीं उभार पाया है, देखकर अचरज होता है। फिल्म का संपादन भी कहीं कहीं गड़बड़ है। ‘गदर 2’ में उत्तम सिंह का संगीत फिर से सजाने वाले संगीतकार मिथुन भी अपनी ओरिजिनल गानों की अग्नि परीक्षा में बस फेल होते होते ही बचे हैं। फिल्म इसके बावजूद नाना पाटेकर और उत्कर्ष के अभिनय व अनिल शर्मा के निर्देशन के लिए पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती है।"
Vanvaas Movie Review By Bollywood Hungama News Network(Bollywood Hungama)
"कुल मिलाकर, वनवास एक दिल को छू लेने वाली और ईमानदार कहानी है जो गहराई से जुड़ती है। अपने दिल छू लेने वाले सबजेक्ट और इमोशनल क्लाइमेक्स के साथ, यह इस पीढ़ी के लिए बागबान बनने का वादा करती है। बॉक्स ऑफिस पर, इसकी क्षमता सीमित प्री-रिलीज़ चर्चा, व्यापक जागरूकता की कमी और पुष्पा 2 और अन्य नई रिलीज़ से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण बाधित हो सकती है।"
Vanvaas Movie Review By Rekha Khan(NBT)
"लालची और खुदगर्ज बच्चों द्वारा माता-पिता को त्यज दिए जाने की घटनाएं हम आए दिन पढ़ते हैं और इस तरह के परित्यक्त माता-पिता पर हमने 'स्वर्ग' और 'बागबान' जैसी कई फिल्में भी देखी हैं, तो निर्देशक अनिल शर्मा आजमाए गए इमोशनल नुस्खों के साथ एक सेफ कहानी लेकर आते हैं, मगर इस कहानी की रफ्तार सुस्त है। कई जगहों पर फिल्म खिंची हुई मालूम होती है, हालांकि निर्देशक ने हास्य दृश्यों को जोड़ कर उस मेलोड्रामा को मनोरंजक बनाने का भरपूर प्रयास किया है।"
Vanvaas Movie Review By Priya Shukla(India Tv)
""वनवास" सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि समाज का आईना है, जो इंसानी रिश्तों की नाजुकता और ताकत को दिखाती है। इस दिल को छू लेने वाली फिल्म की खासियत ये है कि इसे आप अपने दोस्तों और परिजनों के साथ बिना किसी हिचक के देख सकते हैं, क्योंकि इसमें कोई ऐसे सीन नहीं हैं जिन्हें देखते वक्त हिचकिचाहट महसूस होती हो। अगर एक चीज जो फिल्म में अच्छी हो सकती थी, तो वह है इसका सेकंड हाफ, जिसकी स्पीड कुछ सींस में थोड़ी लंबी लगने लगती हैं। इसे छोड़ दिया जाए तो यह एक अच्छी फिल्म है, जिसे बच्चों-बूढ़ों के साथ बैठकर देखा जा सकता है।"
Vanvaas Movie Review By Madhav Sharma(Times Now)
"एक्शन, थ्रिलर और हॉरर कॉमेडी फिल्मों के इस दौर में फैमिली फिल्म काफी कम ही रिलीज हो रही हैं। वनवास एक ऐसी मूवी है, जिसमें एक अच्छी कहानी को भावनाओं के साथ दर्शकों के आगे परोसा गया है। फैमिली के साथ समय बिताना चाहते हैं तो इस फिल्म को देखने का प्लान बनाया जा सकता है। हालांकि यह फिल्म आपको कुछ आउट ऑफ द बॉक्स या एकदम हटकर वाली कहानी नहीं दिखाने वाली है, हालांकि इस फिल्म को देखते हुए आप एक अच्छा फैमिली टाइम एंजॉय कर सकते हैं।"
Vanvaas Movie Review By Amit Bhatia(ABP News)
"इस फिल्म को अनिल शर्मा ने लिखा और डायरेक्ट किया है. उन्होंने एक अच्छी कहानी को लोगों तक पहुंचाने को कोशिश की है. अगर वो इसे थोड़ा सा मॉडर्न टच देते, थोड़ा मेलो ड्रामा कम रखते और फिल्म को थोड़ा छोटा करते तो ये और अच्छी लगती लेकिन तब भी वो जो कहना चाहते थे, कह गए. कुल मिलाकर अपनी फैमिली के लिए ये फिल्म देख सकते हैं, ये आपको अपने परिवार के करीब लाएगी."
Vanvaas Movie Review By Pratik Shekhar(News 18)
"फिल्म की सिनेमैटोग्राफी पारिवारिक माहौल को खूबसूरती से दर्शाती है, जो फिल्म की निजी भावना को और बढ़ाती है. बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म के भावनात्मक उतार-चढ़ाव से पूरी तरह मेल खाता है, जो अनुभव को और भी गहरा बनाता है. ‘गदर 2’ के बाद अनिल शर्मा ने एक बार फिर मिथुन शर्मा को संगीत की जिम्मेदारी दी, लेकिन फिल्म के गाने आपको थोड़ा निराश जरूर करेंगे. मैं यह कहना चाहूंगा कि ‘वनवास’ सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह हमारी जिंदगी का आईना है, जो हमें मानवीय रिश्तों की नाजुकता और मजबूती दिखाता है."
Vanvaas Movie Review By Nancy Tomar(News 24)
"इस फिल्म को खुद अनिल शर्मा में लिखा और डायरेक्ट किया है और म्यूजिक की कमान थामी है म्यूजिक डायरेक्टर मिथुन ने। राइटिंग और डायरेक्शन के मामले में अनिल शर्मा जिन्होंने पहले हाफ में फिल्म को थोडा इंटरेस्टिंग रखा फिर इंटरवल के बाद फिल्म बोर करती चली गई। नाना पाटेकर की हर बात पर मोनोलॉग, बातों का मीनिंग या कविताएं बोल के बातें करना खुद फिल्म के लीड एक्टर को ऑनस्क्रीन भी बोर करता है और ऑडियंस का भी थिएटर में बैठे हुए यही हाल होता है।"