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Singham Again Movie Experts Review |
Singham Again Review By Komal Nahata(Filminformation)
"रोहित शेट्टी का निर्देशन बेहतरीन है। उन्होंने हर तरह के दर्शकों और हर आयु वर्ग के लिए एक मनोरंजक फिल्म बनाई है। कुल मिलाकर, सिंघम अगेन एक सुपरहिट फिल्म है और यह बेहतरीन कारोबार करेगी। यह मल्टीप्लेक्स के साथ-साथ सिंगल स्क्रीन सिनेमा में भी चलेगी और पुरुषों और महिलाओं, लड़कियों और लड़कों, युवा और बूढ़े, अमीर और गरीब सभी को पसंद आएगी।"
Singham Again Review By Ashish Tiwari(Dainik Bhaskar)
"रोहित शेट्टी ने फिल्म को विजुअली काफी रिच बनाया है। सिंबा यानी रणवीर सिंह का विलेन जुबैर की टेरिटरी जलाने का सीक्वेंस ताली बजाने पर मजबूर कर सकता है। हनुमान जी ने जिस तरह मां सीता को बचाने के लिए लंका दहन किया था, यह सीन देख वही याद आएगा। कुछ-कुछ सीन्स जरूर थोड़े बचकाने लगते हैं। सीरियस मोमेंट पर कुछ सीन्स क्रिंज लगे हैं। बाकी रोहित शेट्टी ने फिल्म को ज्यादातर क्रिस्प रखने का प्रयास किया है, जिसकी वजह से दर्शक बोर नहीं होंगे।"
Singham Again Review By Pankaj Shukla(Amar Ujala)
"निर्देशक रोहित शेट्टी अच्छे स्टंट डायरेक्टर हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है। वह एक्शन फिल्ममेकर हैं कि नहीं, फिल्म ‘सिंघम अगेन’ के नतीजों से तय होना है। कॉमेडी में उनका हाथ कितना तंग है, दर्शक फिल्म ‘सर्कस’ में देख ही चुके हैं और फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में कॉमेडी के नाम पर जो कुछ रणवीर सिंह ने किया है, वह उसी फिल्म का एक्सटेंशन जैसा लगता है। कहानी इस बार समाज की नहीं ‘पर्सनल’ है। ‘मेरी जरूरतें कम हैं, इसलिए मेरे जमीर में दम है’ जैसे संवाद बोलकर बाजीराव सिंघम बना है। वह सिंघम जिसके कहानी के मुताबिक ‘पुजारी’ पूरे देश की सूबे की पुलिस में हैं। सरकार (केंद्र की ही होगी) ने इन सारे पुलिस अफसरों को मिलाकर एक शिवा स्क्वॉड बनाया है। और, दरवाजा तोड़ने के लिए दया को भी रखा है। आगे इसमें दाढ़ी वाले चुलबुल पांडे भी आने वाले हैं, लेकिन तब तक इसी फिल्म पर टिके रहते हैं।"
Singham Again Review By Subodh Mishra(Aaj Tak)
"मसाला फिल्मों में लॉजिक नहीं खोजा जाना चाहिए, ये बिल्कुल सच बात है. मगर एक मसाला फिल्म को अपने खुद के लॉजिक में थोड़ा इंटेलिजेंट दिखने की कोशिश तो जरूर करनी चाहिए. 'सिंघम अगेन' एक और ग्रैंड फिल्म बनाने की कोशिश में बहुत सारी चीजों को जोड़कर, उन्हें संभालने में नाकाम फिल्म नजर आती है. अजय देवगन हों या रणवीर सिंह या फिर अक्षय कुमार, स्टार्स के फैन्स के लिए भी बहुत कम ही मजेदार मोमेंट हैं. यहां तक कि 'सिंघम अगेन' में सलमान खान का कैमियो भी, उनके सारे कैमियो रोल्स से ठंडा है."
Singham Again Review By Amit Bhatia(ABP News)
"इस बार रोहित शेट्टी का डायरेक्शन एवरेज रहा. उनकी फिल्मों में कई सीटीमार सीन होते हैं, लोग तालियां बजाते हैं, यहां ऐसा नहीं हुआ. ऐसा लगा कि बड़ी आसानी से विलेन मारा गया, कोई बड़ा ट्विस्ट नहीं आया, इतने सारे सितारों को लेने की बजाय स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले पर काम करना चाहिए था. कुल मिलाकर ये एक एवरेज फिल्म है जिसमें कुछ नया नहीं है, बस सितारों को पर्दे पर मार धाड़ करनते देखने का शौक हो तो देख लीजिए."
Singham Again Review By Smita Srivastava(Jagran)
"दीवाली के मौके पर रिलीज सिंघम अगेन को रामायण के समानांतर बनाने का आइडिया दिलचस्प था। क्षितिज पटवर्धन द्वारा लिखी कहानी फिल्म रंग दे बसंती की याद दिलाती है जिसमें एक तरफ क्रांतिकारियों की कहानी चल रही होती है दूसरी ओर समकालीन किरदार। यूनुस सजावल, क्षितिज पटवर्धन, संदीप साकते, अनुषा नंदाकुमार, अभिजीत खुमान और रोहित शेट्टी यानी छह लोगों द्वारा स्क्रीन प्ले लिखने के बावजूद दोनों कहानियों को समानांतर चलाने के लिए मजबूत ड्रामा और दमदार सीक्वेंस यहां नजर नहीं आता।"
Singham Again Review By Sushmeeta Semwal(Live Hindustan)
"आम तौर पर क्या होता है कि फिल्म का पहला हाफ काफी अच्छा होता है और दूसरे पार्ट से फिल्म कम इंट्रेस्टेड हो जाती है, लेकिन इस केस में अलग सीन है। इसका क्रेडिट जाता है युनस साजवाल, अभिजीत खुमान, शितिज पटवारधन, संदीप संकेत, अनुषा नंदाकुमार और रोहित जिन्होंने बेस्ट स्क्रीनप्ले लिखा है। कहीं-कहीं फिल्म में कुछ ऐसे सीन आते हैं जिसे आप पहले ही प्रिडिक्ट कर लेते हैं। एक और दिक्कत यह है कि फिल्म की कई चीजें मेकर्स ने ट्रेलर को दिखा दिया था। दीपिका पादुकोण की एंट्री थोड़ी सीक्रेट रखी गई, वहीं बाकी स्टार्स की एंट्री तो हमने ट्रेलर में ही देख लिया था।"