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I Want To Talk Experts Review |
I Want To Talk Review By Komal Nahata(Filminformation)
"शूजित सरकार का निर्देशन दिल को छूने वाला है। उन्होंने नाटक को संवेदनशील तरीके से वर्णित किया है, लेकिन निश्चित रूप से नाटक दर्शकों के एक बहुत ही सीमित वर्ग के लिए है। तबा चाके का संगीत और गीत फिल्म के मूड के साथ अच्छी तरह से मेल खाते हैं। जॉर्ज जोसेफ और कोयना का बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है। अविक मुखोपाध्याय की सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन स्तर की है। मानसी ध्रुव मेहता की प्रोडक्शन डिजाइनिंग अच्छी है। चंद्रशेखर प्रजापति का संपादन काफी तेज है। कुल मिलाकर, 'आई वांट टू टॉक' को दर्शकों के एक बहुत ही सीमित वर्ग द्वारा सराहना मिलेगी, और इसलिए इसकी व्यावसायिक संभावनाएं बेहद कमजोर हैं।"
I Want To Talk Review By Smita Srivastava(Jagran)
"अभिषेक बच्चन के किरदार में कई परते हैं। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते उनके पात्र पर शारीरिक रुप से उसका असर पड़ता है। इस प्रक्रिया में कभी पेट निकलता है तो कभी चेहरे का आकार बदलता है। अभिषेक ने इस शारीरिक कायातंरण से लेकर उनके बोलने की क्षमता पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर हर दृश्य पर बारीकी से काम किया है। सही मायनों में अर्जुन की यह असाधारण कहानी बताती है कि हालातों से लड़ने की ठान ली जाए तो उसे हराना मुश्किल नहीं।"
I Want To Talk Review By Rekha Khan(NBT)
"निर्देशक शूजित सरकार का कहानी कहने का अपना ढंग है। वे जीवन की क्षणभंगुरता की भयावह सोच तक ले जाते हैं और आपके अंदर एक खालीपन भर देते हैं। जब आपका दर्द गहरा होने लगता है, तब नायक की जिजीविषा मरहम का काम करती है। अर्जुन सेन की 20 सर्जरी को वे मेलोड्रामा के साथ महिमामंडित नहीं करते, बल्कि जीवन का रूटीन बना देते हैं। दर्शक अर्जुन के दर्द में डूबने के बजाय उसमें तैरने लगते हैं। शूजित सरकार और अभिषेक बच्चन की कलाकारी और सर्वाइवर स्टोरी के शौकीन यह फिल्म देख सकते हैं।"
I Want To Talk Review By Sarvajeet Singh Chauhan(ABP News)
"जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको एहसास होगा कि अभिषेक बच्चन को आखिर अब भी हर रोज अपने आपको क्यों साबित करना पड़ता है. खैर साबित करना पड़ता है तो उन्होंने फिर से कर दिया है. गुरु, सरकार, युवा जैसी फिल्मों में उनकी एक्टिंग के अगर आप कायल हो चुके हैं. तो एक बार फिर से कमर कस ली जिये उनके दीवाने होने के लिए. आखिर में अगर आप ये फिल्म नहीं देखते तो शायद साल की सबसे बेहतरीन फिल्म देखने से चूक जाएंगे."
I Want To Talk Review By Urmila Kori(Prabhat Khabar)
"निर्देशक शूजित सरकार की आज सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म आई वांट टू टॉक एक सुकून का एहसास करवाती है. यह एक सर्वाइवल स्टोरी है, जो दुख नहीं भरोसा देती है.शूजीत सरकार ने जिस तरह से इस कहानी को ट्रीटमेंट दिया है और उस पर अभिषेक बच्चन का अभिनय इस फिल्म को और खास बना गया है,जिस वजह से यह फिल्म एक बार तो देखी जानी चाहिए."
I Want To Talk Review By Saibal Chatterjee(NDTV)
"'आई वांट टू टॉक' उन भावनाओं पर आधारित है जो 'अत्यंत' बीमार लोगों की कहानियों को आगे बढ़ाती हैं, लेकिन यह इस शैली की परंपराओं का संयम से, संवेदनशीलता से और चुपचाप विनाशकारी प्रभाव के साथ उपयोग करती है।"