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CTRL (Netflix) Movie Experts Review |
CTRL Movie Review By Komal Nahata(Filminformation)
"विक्रमादित्य मोटवानी का निर्देशन परिपक्व है। उन्होंने एक कठिन और अनूठा विषय चुना है और इसके वर्णन का बढ़िया काम किया है। इस बात का विशेष उल्लेख किया जाना चाहिए कि उन्होंने बिना सार खोए तकनीकी शब्दावली को कैसे सरल बनाया है। स्नेहा खानवलकर का संगीत काफी अच्छा है। अन्विता दत्त के गीत आकर्षक हैं। वर्तिका झा की कोरियोग्राफी कार्यात्मक है। स्नेहा खानवलकर का बैकग्राउंड म्यूजिक जोश से भरपूर है। प्रतीक शाह का कैमरावर्क बहुत अच्छा है। विक्रम दहिया के एक्शन और स्टंट सीन बेहतरीन स्तर के हैं। प्रोडक्शन डिजाइनिंग उपयुक्त है। जहान नोबल का संपादन तेज है। कुल मिलाकर, Ctrl एक मनोरंजक फिल्म है जिसमें एक अच्छा संदेश है। पुरानी पीढ़ी में तकनीक की समझ की कमी के कारण इसकी अपनी सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन इसका लक्षित दर्शक वर्ग - युवा वर्ग - इसे पसंद करेगा।"
CTRL Movie Review By Priyanka Singh(Jagran)
"फिल्म में विक्रमादित्य ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरे और तकनीक के दुष्परिणामों को दर्शाया है कि कैसे किसी वीडियो या ऑडियो को एआई के जरिए बदल कर किसी की जिंदगी में भूचाल लाया जा सकता है। मुद्दा प्रासंगिक है, लेकिन उसे रोमांचक कहानी के जरिए दिखाने में विक्रमादित्य के साथ उनकी लेखन टीम से अविनाश संपत और सुमुखी सुरेश चूक जाते हैं।"
CTRL Movie Review By Pankaj Shukla(Amar Ujala)
"फिल्म की कहानी का कॉन्सेप्ट बहुत अच्छा है। फिल्म को विक्रमादित्य मोटवानी ने अपने सिनेमैटोग्राफर प्रतीक शाह के सहयोग से शूट भी बहुत अच्छा किया है। स्क्रीनलाइफ फिल्मों में पूरी कहानी कुछ यूं बुनी जाती है कि आपको जो कुछ भी दिख रहा होता है वह फिल्म के किसी न किसी किरदार के मोबाइल या लैपटॉप पर चल रहा होता है। शुरू शुरू में ये थोड़ा अटपटा भी लगता है लेकिन फिल्म जल्द ही दर्शकों को अपने साथ बांध लेती है। फिल्म गोता लगाती है अपनी कहानी के क्लाइमेक्स पर आने के बाद? रोमांस, ड्रामा, एक्शन सब सही जा रहा होता है और स्क्रीनप्ले धोखा दे जाता है। फिल्म का अंत थोड़ा बेहतर सोचा जा सकता है।"
CTRL Movie Review By Upma Singh(NBT)
"अविनाश संपत और विक्रमादित्य मोटवानी की लिखी इस कहानी का विषय नया और अलहदा है, इसलिए फिल्म में एक ताजगी है। विक्रमादित्य ने इस मॉडर्न विषय वाली कहानी को बनाया भी उसी आधुनिक अंदाज में है। फिल्म के गाने कहानी के अनुरूप हैं। कैमरा वर्क, एडिटिंग जैसे तकनीकी पक्ष मजबूत हैं। कुल मिलाकर, यह एक ऐसी फिल्म है, एक बार देखी जा सकती है।"
CTRL Movie Review By Arushi Jain(India Today)
"CTRL सोशल मीडिया पर डेटा गोपनीयता के उल्लंघन और AI के खतरों के बारे में एक चेतावनी भरी कहानी लगती है। हालाँकि, यह प्रयास थकाऊ है और अंततः किसी भी संतोषजनक परिणाम का अभाव है।"
CTRL Movie Review By Sonal Pandya(Times Now)
"CTRL का पहला और दूसरा भाग काफ़ी अलग है; यह एक रिलेशनशिप ड्रामा से शुरू होता है और डिजिटल थ्रिलर में बदल जाता है। इन दोनों कहानियों की नवीनता यह है कि हम पात्रों को डिजिटल स्क्रीन - उनके फ़ोन, लैपटॉप, CCTV कैमरे आदि के ज़रिए देख रहे हैं। निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने, सह-लेखक अविनाश संपत के साथ मिलकर हमारी बढ़ती डिजिटल निर्भरता के बारे में सही बातें कहते हैं। हम शायद ही जानते हों कि हम कौन सी जानकारी दे रहे हैं। समापन भी कनेक्शन की हमारी ज़रूरत को उजागर करता है, भले ही यह एक खौफनाक AI बॉट के साथ हो जो हमारे बारे में बहुत कुछ जानता हो।"
CTRL Movie Review By Amit Bhatia(ABP News)
"विक्रमादित्य मोटवानी ने इस बार निराश किया है, फिल्म की कहानी इतनी असरदार है ही नहीं कि मजा आए.उनसे हमेशा बेहतर की उम्मीद होती है, वो हर एक्टर से उनका बेस्ट निकलवाते हैं लेकिन यहां वो बेस्ट छोड़िए ok भी नहीं निकलवा पाए. कुल मिलाकर AI के बारे में बिल्कुल नहीं पता तो देख लीजिए बाकी आपका टाइम, आपकी मर्जी"
CTRL Movie Review By Dhaval Roy(Times Of India)
"CTRL सोशल मीडिया के जुनून और AI के प्रभाव को दर्शाने में बेहतरीन है, इसके थ्रिलर हिस्से अविकसित हैं और लक्ष्य को पूरा नहीं करते हैं। विचारोत्तेजक विषयों और प्रभावशाली दृश्यों के बावजूद, यह दर्शकों को जटिलता और गहराई की लालसा छोड़ देता है।"