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Sector 36 Review Hindi: दिल दहला देगी विक्रांत मैसी की यह फिल्म |
Movie Name | Sector 36 |
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Release Date | 13 September 2024 |
Run Time | 02 Hours 04 Min (124 minutes) |
Cast | Vikrant Massey, Deepak Dobriyal, Akash Khurana |
Director | Aditya Nimbalkar |
Producer | Dinesh Vijan, Jyoti Deshpande |
Production Companies | Maddock Films, Jio Studios |
Our Rating | 3/5 |
Sector 36 Review Hindi
Sector 36 Review By Komal Nahata(Filminformation)
"आदित्य निंबालकर का निर्देशन अद्भुत है। उनका वर्णन नाटक के मूड के अनुरूप है और वे स्पष्टता दिखाने से नहीं कतराते, जिससे प्रभाव और बढ़ जाता है। संगीत (ओफ़ और सवेरा, धुनके, गौरव दासगुप्ता और कनिष्क सेठ) उचित है। गीत (समीर राहत, धुनके, फरहान मेमन और यशवर्धन गोस्वामी) नाटक के साथ तालमेल में हैं। केतन सोधा का बैकग्राउंड संगीत शानदार है। सौरभ गोस्वामी ने सिनेमैटोग्राफी का बढ़िया काम किया है। हरपाल सिंह के एक्शन और स्टंट सीन कच्चे और प्रभावशाली हैं। प्रोडक्शन डिजाइनिंग (सुब्रत चक्रवर्ती और अमित रे द्वारा) शानदार है। श्रीकर प्रसाद का संपादन तेज है। कुल मिलाकर, सेक्टर 36 एक चौंकाने वाला ड्रामा है जो दर्शकों को झकझोर कर रख देता है। इसे सराहना मिलेगी। 13-9-'24 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ किया गया।"
Sector 36 Review By Tanya Arora(Jagran)
"इस क्राइम थ्रिलर फिल्म की कहानी काफी प्लेन है। अगर आपको पहले से ही निठारी केस के बारे में पता है, तो शायद इस फिल्म में आपको चीजें कम ही इंटरेस्टिंग लगे। अगर आप इस क्राइम थ्रिलर फिल्म में सस्पेंस ढूंढेंगे तो वह शायद आपको नहीं मिलेगा, लेकिन कुछ सींस ऐसे हैं, जिसे देखकर आप सोच में डूब जाएंगे। इसके अलावा डीसीपी जवाहर किसे पांडे जी की पोजीशन लेने के लिए फोन करता है और केस सुलझाने के बावजूद क्यों पांडे को पुलिस नौकरी से निकाला जाता है, इसे लेकर कई सवाल मन में आ सकते हैं। मूवी में पांडे का जूनियर बस्सी और जवाहर मिलकर क्या उसे मरवाते हैं, ये क्लियर नहीं हो पाया है। प्रेम के कुछ पार्ट्स को मेकर्स ने रिपीट भी किया है। हालांकि, अगर निठारी केस के बारे में आप इन डिटेल नहीं जानते हैं, तो ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर जरूर देख सकते हैं।"
Sector 36 Review By Pankaj Shukla(Amar Ujala)
"फिल्म ‘सेक्टर 36’ में विक्रांत मैसी का किरदार जिस तरह की दोहरी शख्सियत वाला है, उसे देखना दिलचस्प है। वह महत्वाकांक्षी है। घर परिवार वाला है। और, चलते फिरते अगर टकरा जाए तो पहचानना मुश्किल होगा कि ये वही वहशी दरिंदा है जो कोने में छुपकर बच्चों का शिकार करने का इंतजार करता है। लेकिन, विक्रांत की ये अदाकारी इस फिल्म को मुख्यधारा में लाने के लिए काफी नहीं है। दीपक डोबरियाल का अपना अलग टशन है। वह कोई भी किरदार कर लें, इन दिनों दीपक डोबरियाल ही लगते रहना चाहते हैं। कभी ये गुमान शाहरुख खान को हुआ था कि लोग फिल्में उनके किरदारों की वजह से नहीं उनके नाम की वजह से देखने आते हैं। आकाश खुराना का किरदार अधपका है और दर्शन जरीवाला के किरदार की कमजोरी फिल्म की कमजोरी बन जाती है।"
Sector 36 Review By Subodh Mishra(Aaj Tak)
"कमियों के बावजूद 'सेक्टर 36' से अगर नजरें हटाना मुश्किल है, तो इसकी सबसे बड़ी वजह है एक्टर्स का काम. साइकोपैथिक सीरियल किलर के रोल में विक्रांत मैसी में एक सनक भरी एनर्जी है, जो देखकर ही आपको बेचैनी हो सकती है. स्क्रीन पर खून-खराबे को क्रिएटिव तरीकों से दिखाने के तो हम आदी हो चुके हैं. मगर यहां विक्रांत ने अपने किरदार के बिहेवियर, उसके एक्शन्स और एक्सप्रेशंस के जरिए एक हॉरर क्रिएट किया है. वो देखने में उतना ही सिंपल है जितना राह चलते मिलने वाला कोई भी दूसरा आदमी. मगर उसका दिमाग आपके दिमाग में बनी 'राक्षस' की इमेज से ज्यादा भयानक. इसे विक्रांत की बेस्ट परफॉरमेंसे में गिना जाएगा. दीपक डोबरियाल ने एक्सप्रेशंस की जिस इकॉनमी के साथ कॉप का किरदार निभाया है, वो एक्टिंग सीखने वालों के लिए एक क्लास है. दीपक हर उस रियल पुलिस वाले जैसे हैं जो आपको रूटीन जिंदगी में मिलते हैं. आकाश खुराना और दर्शन जरीवाला जैसे सेनोइर एक्टर्स ने भी अपने काम से फिल्म को वजनदार बनाया है. कुल मिलाकर 'सेक्टर 36' एक देखने लायक फिल्म तो है ही. विक्रांत और दीपक का शानदार काम आपका ध्यान बांधे रखता है. फिल्म की अपील, इसकी कमियों पर भारी पड़ती है और ये खत्म होने के बाद भी कुछ देर आपके जेहन में बनी रहती है."
Sector 36 Review By Upma Singh(NBT)
"निर्देशक आदित्य निंबालकर ने अपनी पहली ही फिल्म में संवेदनशील और सनसनीखेज रह चुके विषय को चुना है, जिसे वह गंभीरता से पर्दे पर उतारने में कामयाब रहे हैं। आदित्य ने ऐसे वारदात करने वाले साइकोपैथ की मनोदशा, अमीर-गरीब की खाई, सिस्टम की खामियां जैसे पहलुओं को भी बखूबी पिरोया है। फिल्म में बहुत ही प्रभावी मेटाफर है कि कैसे अमीर बिजनेसमैन के बेटे को दो दिन में खोज निकालने वाली पुलिस गरीब बच्चों की गुमशुदगी को लेकर दो साल तक कानों में तेल डाले बैठी रहती है। कलात्मक रूप से भी फिल्म कई सीन बेहद समृद्ध हैं। अच्छी बात ये भी है कि बचपन के एक ट्रॉमा को वजह बताने के बावजूद वह आरोपी के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश नहीं करते। क्राइम ड्रामा देखने के शौकीन हैं, तो क्रिमिनल साइकोलॉजी को दिखाती यह फिल्म देख सकते हैं।"
Sector 36 Review By Vineeta Kumar(India Today)
"सेक्टर 36 इस केस का एक नाटकीय चित्रण है और इसमें कुछ रचनात्मक स्वतंत्रताएं ली गई हैं। हालांकि, यह अभी भी एक स्टैंड-अलोन रहस्यमय अपराध फिल्म के रूप में काम करती है। चुनौती यह है कि फिल्म के दो घंटे से अधिक समय तक टिके रहें क्योंकि यह आपकी आंखों के सामने खून-खराबे का एक निरंतर क्रम प्रकट करती है। अभिनय महत्वपूर्ण है, यहां तक कि अभिनेता दर्शन जरीवाला (डीवाई एसपी रस्तोगी) और आकाश खुराना (बस्सी) द्वारा ईमानदारी से किए गए अभिनय भी, लेकिन सवाल यह है: क्या आप कर सकते हैं? यदि आप कर सकते हैं, तो यह आपके द्वारा अब तक देखे गए सबसे भीषण और मनोरंजक अनुभवों में से एक होने जा रहा है।"
Sector 36 Review By Madhav Sharma(Times Now)
"क्राइम थ्रिलर का आनंद लेने वाले दर्शकों के लिए सेक्टर 36 एक देखने लायक मूवी है। पर अगर आपको खून खराबे वाली फिल्में देखना नहीं पसंद तो इसे स्किप कर सकते हैं। फिल्म आपको बोर नहीं करेगी, बल्कि हमेशा ही 'आगे क्या होने वाला है' वाली फीलिंग आती रहेगी। फिल्म को मैडॉक फिल्म्स और जियो स्टूडियो के बैनर बनाया गया है। सच्ची घटनाओं पर आधारित इस फिल्म को आप इस वीकेंड अपनी वॉचलिस्ट में शामिल कर सकते हैं।"
Sector 36 Review By Amit Bhatia(ABP News)
"ये फिल्म कमज़ोर दिल वालों के लिए नहीं है, जिस तरह इसमें बच्चों के साथ वहशीपन दिखाया गया है वो शायद हर कोई नहीं देख पाएगा. गलियां भी खूब हैं तो परिवार के साथ तो नहीं देख सकते. ये फिल्म ये भी बताती है कि पैसे और पावर के दम पर बड़े लोग कैसे इतने बड़े बड़े कांड करके भी बच जाते हैं. जिन लोगों को निठारी कांड का नहीं पता उनके लिए ये शॉकिंग होगी लेकिन फिल्म में रिसर्च की कमी है. ऐसा लगता है कुछ और भी होना चाहिए था, इससे ज्यादा जानकारियां तो न्यूज चैनल वालों ने दे दी थी, लेकिन तब भी ये फिल्म देखी जा सकती है बशर्ते आप कमज़ोर दिल वाले न हों. direction अच्छा है लेकिन कुछ और ट्विस्ट डाले जाते तो फिल्म और दमदार बनती. कुल मिलाकर फिल्म देखी जा सकती है, विक्रांत के फैंस तो बिल्कुल मिस ना करें."
Sector 36 Review By Sakshi Verma(India Tv)
"मैडॉक फिल्म्स और जियो स्टूडियो द्वारा जीवंत की गई, यह फिल्म कुशलता से मानवीय कमजोरियों की भूलभुलैया से गुजरती है। ये एक ऐसी कहानी दिखाती है जो जितनी गहरी है उतनी ही भयावह भी है। विक्रांत मैसी और दीपक डोबरियाल स्टारर यह फिल्म निश्चित रूप से कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है। जो लोग वास्तविक जीवन पर आधारित घटनाओं को देखना पसंद करते हैं, उनके लिए यह फिल्म निश्चित रूप ट्रीट साबित होगी। 'सेक्टर 36' एक बेबाक फिल्म है जो अपने मूल में सच्ची है और अपने डार्क टोन से विचलित नहीं होती है।"
Sector 36 Review By Sahil Sharma(Prabhat Khabar)
"अगर आपको डार्क क्राइम थ्रिलर फिल्में पसंद हैं, तो सेक्टर 36 आपके लिए परफेक्ट फिल्म है. फिल्म की कहानी जितनी सच्ची है, उतनी ही डरावनी भी. हालांकि, फिल्म के कुछ हिस्से कमजोर पड़ जाते हैं, लेकिन फिर भी यह अपने मेसेज को दर्शकों तक पहुंचाने में सफल होती है. ये 5 कारण आपको सेक्टर 36 को इस वीकेंड नेटफ्लिक्स पर देखने के लिए काफी हैं. इस फिल्म में सस्पेंस, थ्रिल और अदाकारी का जबरदस्त मिक्स है जो इसे देखना जरूरी बना देता है."
Sector 36 Review By Archika Khurana(Times Of India)
"सेक्टर 36 यह एक क्रूर, पचाने में मुश्किल कहानी है, लेकिन इसे बताया जाना ज़रूरी था। हालाँकि यह फ़िल्म निठारी हत्याकांड की भयावहता को पूरी तरह से नहीं दिखा पाती, लेकिन यह एक तनावपूर्ण और विचलित करने वाली कहानी पेश करती है जो क्राइम थ्रिलर शैली के प्रशंसकों को पसंद आएगी। हालाँकि यह फ़िल्म हर किसी के लिए नहीं है, लेकिन सेक्टर 36 असल ज़िंदगी की भयावहता की एक कठोर याद दिलाती है जो साधारण मुखौटों के नीचे छिपी हो सकती है।"