Anupama 9th September 2024 Written Update Hindi: आशा भवन के लोगों ने उतारी बप्पा की आरती, डॉली ने किया सबको सप्राइज

Anupama 9th September 2024 Written Update Hindi: आशा भवन के लोगों ने उतारी बप्पा की आरती, डॉली ने किया सबको सप्राइज
Anupama 9th September 2024 Written Update Hindi: आशा भवन के लोगों ने उतारी बप्पा की आरती, डॉली ने किया सबको सप्राइज

Anupama 9th September 2024 Episode Written Update Hindi By televisiondrama.in

अनुपमा के आज के एपीसोड की शुरुआत में अनुपमा सजावट के लिए कुछ पुराने फूलों को धोकर फिर से इस्तेमाल करती है। सागर कहता है कितनी मेहनत कर रहे हैं सब, अनुपमा कहती है की घर में स्पेशल मेहमान गणपति बप्पा जी आ रहे हैं तो घर की साज सजावट तो बनती ही है। अनुपमा बच्चों की तारीफ करते हुए कहती हैं कि तुम इतना सारा काम कर रहे हो जरूर बा तुम्हें केसर वाला दूध पिला रही होंगी। बच्चे किंजल से वहां से जाने के लिए कहते हैं क्योंकि उन्हें वनराज का डर है कि वह आएगा तो उन्हें हॉस्टल भेज देगा। किंजल उन्हें कुछ नहीं होने का आश्वासन देती है और कहती है कि किसी ने कुछ भी कहा तो वह उसका कचुंबर बना देगी। अंश उससे पूछता है कि क्या वह तोशू ताऊजी का भी कचुंबर बना देगी? किंजल हां कहती है और कहती है कि फेस्टिवल का समय है सभी खुशी-खुशी एंजॉय करो। अनुपमा उसे पूछती है कि वह ऐसा क्यों कह रही है जिसपर किंजल कहती है कि अगर पति तानाशाही करने लगे तो पत्नी को तो बगावत करनी ही पड़ेगी और मुझे परिवार के लिए बोलना ही पड़ेगा।

अनुपमा उससे कहती है कि हर रिश्ते में धैर्य, मर्यादा और सम्मान की एक लकीर होती है और किसी भी रिश्ते में किसी को भी वह लक्ष्मण रेखा पार करने का अधिकार नहीं है। आगे बा वहां प्रसाद के लिए कुछ ड्राई फ्रूट्स लेकर आती है और अनुपमा उन्हें भी वहां गणपति बप्पा की सेवा करने के लिए कहती है। बच्चे उन्हें बाबूजी के पास बिठाते हैं और बाबूजी कहते हैं कि तुमने खुद आकर बहुत अच्छा किया। आगे अनुपमा बा को देखकर खुश होती है और अनुज अनुपमा को देखकर खुश होता है। आगे पाखी को सब के आशा भवन जाने के लिए तोशू पर गुस्सा होती है। आगे आध्या शाह भवन में तोरण लेने के लिए आती है और पाखी को पूजा ज्वाइन करने का ऑफर देती है। पाखी उससे कहती है कि उसे आशा भवन के किसी भी भिकारी से कोई रिश्ता नहीं रखना है। आध्या उसे कहती है कि आप अभी भी उतनी ही बदतमीज हो जिसपर पाखी हंसते हुए कहती है कि तुम अपने बारे में भूल गई की तुम कितनी बदतमीज थी और मम्मी से कैसे बात करती थी।

आध्या उस बात के लिए पछतावा करती है और पाखी उसे अनुज के साथ आशा भवन छोड़कर कहीं दूर जाने के लिए कहती है क्योंकि उसे लगता है कि अनुपमा उसकी बची कूची जिंदगी भी खराब कर देगी। आध्या कहती है कि वह भी ऐसा ही सोचती थी पर मम्मी जिंदगी बर्बाद नही करती उसे संवारती है और अगर मुझे यह चीज समझ आ गई है तो आपको भी बहुत जल्द समझ आ जाएगा। आगे मीनू वहां पहुंचती है और पाखी से पूछती है कि उसने आध्या से कुछ कहा है? पाखी उसे ताना कसते हुए कहती है की तू यह सब छोड़ यह बता की कॉलेज में तुम्हारा दिन कैसा रहा और तुमने क्या किया कॉलेज के अंदर या बाहर। आगे वह कहती है कि कपड़े बदलने से ऑटो वाले की औकात नहीं बदल जाती मीनू और तुम जो कर रहे थे मैंने सब कुछ देखा। मीनू कहती है कि अच्छा है पाखी दीदी अब जब आपने सब देख ही लिया है तो मुझे बताने की जरूरत नहीं है यह कहकर वह वहां से चली जाती है। पाखी कहती है पापा की अब्सेंस में सबके पर निकल आए, तोशू भाई को मीनू और सागर की सारी करतूत बतानी पड़ेगी।

आगे सभी गणपति उत्सव का जश्न मनाने लगते हैं और तोशू वहां पहुंचता है। बा और बाबूजी उसे रोकते हुए कहते हैं कि अगर पूजा में सामिल होने आया है तो ठीक है लेकिन अगर तमाशा करने आया है तो उल्टे पांव निकल। बाबूजी कहते हैं की अगर त्योहार खराब किया तो ढोल काम पिटेगा और तू ज्यादा। आगे अनुपमा और अनुज नाच गाना करने के बाद बप्पा की आरती उतारने लगते हैं और उधर तोशू किसी को फोन करता है और मुस्कुराता है। आरती के बीच में एक गाड़ी वहां पहुंचती है और सभी उसकी ओर देखने लगते हैं। गाड़ी से डॉली निकलती है और अनुपमा कहती है डॉली बहन, आध्या कहती है मम्मी। अनुपमा उसे गले लगाती है और डॉली बा और बाबूजी से मिलती है। आगे अनुपमा कहती है कि आज का दिन बहुत शुभ है एक तो गणपति बप्पा आएं हैं और ऊपर से डॉली बहन भी आ गई खुशियां दोगुनी हो गई। डॉली कहती है कि लेकिन मेरी खुशियां का क्या? जिसके पीछे आप हाथधोकर पड़ी हैं। सभी घरवाले उसकी ओर आश्चर्य से देखते हैं और अनुपमा कहती है क्या कह रही हैं आप? डॉली कहती है कि मेरे भाई से दुश्मनी निकलने के लिए आपने मेरी बेटी को मोहरा बना दिया या फिर मुझसे कोई दुश्मनी है जो मेरी मीनू की जिंदगी बर्बाद करने चली हैं।

आगे डॉली कहती है कि मीनू हमेशा मुझसे भी ज्यादा आपको मां माना है लेकिन आपने साबित कर दिया की मामी आखिर मामी होती है मां नही। अनुपमा उससे पूछने की कोशिश करती है कि आखिर बात क्या है? लेकिन वह कहती है कि मुझे आपसे कोई सफाई नही चाहिए। आगे वह कहती है त्योहार है इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कहूंगी लेकिन इतना जरूर कहूंगी की मेरी बेटी से दूर रहना और उसकी जिंदगी के फैसले मैं करूंगी आप नहीं। मीनू उसे रोकते हुए कहती है कि आप मामी से ऐसे बात नहीं कर सकती लेकिन डॉली उसे खींचते हुए वहां से ले जाती है। तोशू यह देखकर अंदर ही अंदर बहुत खुश होता है। बाबूजी अनुपमा से पूछते हैं कि वह ठीक है, अनुपमा कहती है कि डोली बहन ने ऐसा क्यों कहा? मैंने क्या किया है? बा बच्चों को लेकर वहां से जाने लगती है बाबूजी उन्हें प्रसाद लेने के लिए कहते हैं। आगे मीनू पूछती है कि मम्मी यह आप क्या कर रही हो? डॉली कहती है कि मेरा मुंह मत खुलवा मुझे सब पता है मुझे। मीनू कहती है आपको जो भी पता है गलत वर्जन पता है, डॉली कहती है कि सच का सिर्फ एक ही वर्जन होता है।

मीनू कहती है यहां पर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सादे ढोकले में नमक मिर्ची डालकर सर्व करते हैं। आगे वह कहती है कि आप ही कहती हैं ना की प्रसाद लिए बिना पूजा अधूरी रहती है मैं प्रसाद लेने जा रही हूं। डॉली उसे रोकने की कोशिश करती है लेकिन वह नहीं रुकती। उधर सागर अनुपमा के लिए परेशान हैं और बालाकाका से कहता है कि अनुड़ी को तो हमारे बारे में कुछ पता ही नहीं है। बालाकाका कहते हैं कि मीनू की मां को पता कैसे चला? सागर कहता है दो ही लोग हो सकते हैं तोशू और पाखी। आगे सागर अनुपमा को अपने और मीनू के बारे में सब बताने के लिए कहता है और बालाकाका उसे रोकते हुए कहते हैं कि अनुपमा पहले से परेशान है आज त्योहार है बाद में सही समय देखकर बता देना। आगे अनुज अनुपमा से कहता है कि डॉली की बात का बुरा मत मानो हो सकता है उसे कुछ गलतफेमी हुई होगी बाद में समझा देना उसे वह समझ जाएगी अभी मूड खराब मत करो। आगे आध्या, अनुपमा और अनुज से मांगती है कि वह दोनों एक कपल की तरह साथ में आ जाए। आगे वह कहती है कि पॉप्स के दिल में आपकी जगह कोई नहीं ले सकता मम्मी शू भी नहीं ले पाई, आप दोनों को अपने लिए कभी समय ही नहीं मिला।



प्रीकैप: इस हफ्ते महा सप्ताह पर अनुपमा के प्रोमों में दिखाया जाता है कि घर में डांस का कंपटीशन चल रहा होता है, जिसके लिए पर्चियों पर नाम लिखे जाते हैं और बच्चों से पर्चियां खुलवाये जाते हैं। बच्चे पर्ची खोलते हुए कहते हैं कि पर्ची पर पहला नाम अनु नानी का है और वह जैसे ही दूसरी पर्ची खोलकर नाम लेने वाले होते हैं की आध्या उनसे पर्ची छीनते हुए उसमे लिखे बालाकाका का नाम न बोलते हुए अनुज का नाम बोलती है। जिसके बाद अनुपमा और अनुज को डांस करना पड़ता है। वह डांस करते रहते हैं और इसी के साथ आज का प्रोमों खत्म हो जाता है।


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