Anupama 3rd September 2024 Written Update Hindi: अनुपमा ने अस्पताल से आते ही, बा को दिया पांच पन्नों का भाषण

Anupama 3rd September 2024 Written Update Hindi: अनुपमा ने अस्पताल से आते ही, बा को दिया पांच पन्नों का भाषण
Anupama 3rd September 2024 Written Update Hindi: अनुपमा ने अस्पताल से आते ही, बा को दिया पांच पन्नों का भाषण

Anupama 3rd September 2024 Written Update Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड की शुरूआत में दिखाया जाता है कि आध्या, टीटू, सागर और मीनू, अनुपमा के मनोरंजन के लिए ऑपरेशन थिएटर को सजाकर वहां डांस करते हैं। वह अनुज को भी साथ में ले लेते हैं, तभी वहां बा आती हैं और कहती हैं कि क्या हो रहा है यहां? सभी शांत हो जाते हैं और बा भी डांस करने लगती हैं और यह देखकर अनुपमा भी चौंक जाती है। आगे दिखाया जाता है कि सभी अनुपमा का ध्यान रखते हैं और उसे खुश रखने की कोशिश करते हैं। उधर घर अनुपमा के आने की तैयारी में सभी जुट जाते हैं और सागर रंगोली बनाते हुए कहता है कि आज अनुड़ी का ऐसा जबरदस्त वेलकम करेंगे की वह खुश हो जाएंगी। बालाकाका कहते हैं कि अगर नंदिता होती तो वह अकेले कर लेती, सागर कहता है वह हमसे तो कई गुना अच्छी रंगोली बनाती। बाबूजी कॉफी को देखते हुए कहते हैं कि उसे लगता है कि मैं क्यों पीछे रह जाऊं, बालाकाका कहते हैं कि अनु का वेलकम करने के लिए कॉफी का कंट्रीब्यूशन तो देखो।

सागर कहता है कि यह कॉफी इतना सैतान है कि रंगोली देखकर उसे मॉडर्न आर्ट बना देता है लेकिन आज देखो, इंद्रा जी कहती हैं यह कावेरी भी कम नहीं है बाहर तोरण लगाओ तो चपड़-चपड़ करके सारा खा जाती है और आज देखो दोनों इसे तंग नहीं कर रहे हैं। बाबूजी कहते हैं क्योंकि इसे पता है कि आज कौन आने वाला है और यह सब किसके लिए हो रहा है, इंद्रा जी कहती हैं कि अनु जानवरों से बहुत प्यार करती है और जानवर भी उससे बहुत प्यार करते हैं। तभी वहां बा अनुपमा के लिए उसके पसंदीदा लड्डू लेकर आती हैं और बाबूजी उसे धन्यवाद देते हुए कहते हैं मुझे बहुत अच्छा लगा कि अनुपमा के लिए तू यह सब कर रही है। बा कहती है कि मेरा गुस्सा इतना बड़ा नही है कि अनुपमा की जान खतरे में है और मुझे फर्क ही ना पड़े, उस पर गुस्सा है पर प्यार भी तो है। बाबूजी, बा को फूल निकलकर देते हैं और बा खुश हो जाती है, बाबूजी पूछते हैं कि वनराज कब तक आ रहा है। बा बताती हैं कि वह कहकर गया था कि दो-चार दिन में आ जाऊंगा लेकिन मैं जब भी फोन करती हूं तो वह कहता है कि अभी काम खत्म नहीं हुआ है।

मीनू वहां आती है और कहती है कि मैं भी मामी के लिए कुछ लेकर आई हूं वह भी अनुपमा के लिए फूल लेकर आती है और सागर के सामने बैठकर उसके साथ रंगोली बनाने लगती है। रंगोली बनाते हुए उसके चेहरे पर रंग लग जाता है और सागर उसके चेहरे से रंग हटाता है। बालाकाका उन्हें देखते हुए बाबूजी से मजाक में कहते हैं कि हंसमुख भाई पीला कबूतर, बाबूजी पूछते हैं कहां है? बालाकाका कहते हैं उड़ गया, बाबूजी कहते हैं तेरे बालों की तरह वह भी उड़ गया? बालाकाका कहते हैं बालों पर जोक नही। सागर, मीनू का हाथ पकड़कर उसे रंगोली बनाना सीखता है तभी उधर से तोशू उन्हें देखता है और जैसे ही उन्हें रोकने के लिए आ रहा होता है पाखी उसे रोकते हुए कहती है कि अभी शांत हो जाओ मम्मी आ रही है फिलहाल उनके वेलकम पर फोकस करते हैं और सागर और मीनू का भांडा फोड़ने के लिए हमारे पास टाइम ही टाइम है, पापा को आने दो फिर धमाका होगा। उधर अस्पताल में अनुपमा खुद खड़ा होती है और सभी ताली बजाते हैं अनुपमा कहती है कि खुद के पैरों पर खड़ा होना कितनी बड़ी बात है यह वही समझ सकता है जो बहुत दिनों के बाद बिस्तर से उठा हो।

डॉक्टर कहते हैं कि हॉस्पिटल का स्टॉफ आपको बहुत मिस करेगा, नर्स कहती है खासकर कैंटीन का स्टॉफ आपकी बताई रेसिपीज की वजह से जो पेसेंट खाना नही खाते थे अब खाने का इंतजार करते हैं। अनुपमा सभी को धन्यवाद देती है और डॉक्टर साहब अस्पताल की ओर से अनुपमा को तोफा देते हुए केयरफुल रहने की हिदायत देते हैं। अनुज डॉक्टर को उनके लिखे सारे प्रोटोकॉल को फॉलो करने का आश्वासन देता है, अनुपमा कहती है कि अगर वह रसोई में नही जायेगी तो कैसे चलेगा? डॉक्टर साहब कहते हैं चलाना पड़ेगा नही तो दोबारा यहां अस्पताल में आना पड़ेगा। अनुपमा अस्पताल से बिदाई लेती है और कान्हा जी को धन्यवाद देते हुए कहती है कि आपने नया जीवन और जीने की वजह दोनों दे दी। उधर तोशू वनराज को फोन लगाता है और उनसे पूछता है कि आप वापस क्यों नहीं आ रहे हैं और ऐसा कौन सा काम है कि आप वही जाकर बैठ गए? तभी फोन की आवाज कटती है और फोन कट जाता है।

पाखी कहती है कि मैंने भी पापा को फोन लगाने की बहुत कोशिश की लेकिन उनका फोन लग ही नहीं रहा है और मम्मी के बारे में भी बता नहीं पाई हूं। तोशू कहता है कि कुछ तो छिपा रहे हैं वो, या तो वह बहुत बड़ी परेशानी में हैं या कोई बहुत बड़ा झोल कर रहे हैं हमारे साथ। उधर अनुपमा घर आती है और अनुज सिटी मारकर सभी को बुलाता है बा और बाकी घरवाले आरती की थाली लेकर अनुपमा के सामने खड़े होते हैं। बा कहती है कि ठाकुर जी की लाख-लाख कृपा है जो तू बच गई, अनुपमा कहती है सबके आशीर्वाद और प्रार्थनाओं की वजह से यहां पर खड़ी हूं, बा उसकी आरती उतारती है। अनुपमा आध्या को कावेरी से मिलती है और वह दोनों उसे घास खिलाते हैं, सागर अनुपमा के लिए कुर्सी लेकर आता है और सभी उसके चारों ओर डांस करने लगते हैं। तभी अनुपमा की नजर अपने स्टॉल की ओर पड़ती है और अनुज कहता है कि तुम्हारा स्टॉल बंद नही हुआ है, इंद्रा कहती है जो भी बनाया, जैसा भी बनाया सबको खिलाया। अनुज बताता है कि मीनू और उसके दोस्त खुद आकर अपनी पसंद की डिशेज बनाते थे और पैसे भी देकर जाते थे, बाबूजी कहते हैं कि स्टॉल चालू रहेगा लेकिन तू उसके आस-पास भी नहीं जाएगी। अनुपमा पूछती है क्यों? सभी एक-साथ जवाब देते हैं क्योंकि आपको आराम करना है, बालाकाका कहते हैं अब से बनाएंगे हम और तू सिर्फ ऑर्डर देगी वह भी दूर से।

बाकी घरवाले भी अनुपमा को आराम करने की हिदायत देते हैं अनुपमा कहती है कि मैं तो आराम करके ठीक हो जाऊंगी लेकिन आशा भवन के हालात बिगड़ जाएंगे इतनी सारी जिम्मेदारियां हैं इतने खर्चे हैं, ऊपर से घर का टैक्स भी भरना है वह सब कैसे होगा? इसलिए थोड़ा बहुत काम करना तो अलाउड है। आगे वह कहती है कि अगर जिंदगी ने टांग आड़ा कर गिराया है तो नीचे बैठे थोड़ी रह सकते हैं फिर से भाग दौड़ तो करनी है, अनुज कहता है आराम के बाद। आध्या कहती है कि आपकी जिम्मेदारी अब अकेले आपकी नहीं है मैं हूं ना आपके साथ, मैं आपके स्टॉल में भी हेल्प करूंगी और बाकी कामों में भी आपने हमेशा जिम्मेदारी निभाई है अब बेटी की बारी है और मुझे आपकी तरह बनना है। अनुपमा उसे देखकर खुश होती है और सागर कहता है कि अब आपकी लाइफ में सिर्फ एक मोटो होना चाहिए, नो काम सिर्फ आराम। बा, शाह परिवार को वहां से ले जाती है और अनुपमा उठते हुए कहती है लेकिन एक काम करना है वह भी अभी, अनुज और बाकी घरवाले उसे रोकने की कोशिश करते हैं और अनुपमा कहती है मैं बस अभी आई और अपना ध्यान रखूंगी।

आगे बा, शाह परिवार के सभी लोगों से कहती है कि जितना हमारा फर्ज था हमने कर दिया, वनराज को पता चलेगा तो वह गुस्सा होगा, इसलिए मैं तो वहां से आ गई। तोशू कहता है बिल्कुल सही कहा आपने अब तो मम्मी ठीक हैं तो अब हमें आशा भवन के लोगों से बात करने की कोई जरूरत नहीं है। तभी वहां अनुपमा पहुंचती है और बा से पूछती है कि मैं अंदर आ जाऊं, बा कहती है कि अगर मना करूंगी तो क्या तू नही आएगी? वह अनुपमा से पूछती है बोल क्या बात करनी है? अनुपमा कहती है की मैं जानती हूं कि आपने मेरे लिए बहुत प्रार्थना की मेरे लिए रोई और अपने गुस्से को भूलकर मेरे दुःख में शामिल हो गई इसके लिए धन्यवाद। आगे अनुपमा कहती है कि बीते पल वापिस नहीं आएंगे और जब जिंदगी में आखिरी पल आता है तो जिंदगी के अच्छे-बुरे पल फिल्म की तरह आंखों के सामने आते हैं और वह पल भी सामने आते हैं जो अधूरे रह गए, आप सोच रही होंगी की अस्पताल से आते ही इसने पांच पन्नों का भाषण देना शुरू कर दिया, मैं भाषण नही दे रही हूं बा सच कह रही हूं। आगे अनुपमा हाथ जोड़ते हुए कहती है कि बाबूजी के साथ रहिए एक-एक करके पल बीते जा रहे हैं। बा की आंखें नम हो जाती है और वह अनुपमा को गले लगा लेती हैं और इसी के साथ आज का एपिसोड खत्म हो जाता है।



प्रीकैप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि अनुपमा अनुज के चेहरे से लट हटाते हुए कहती है, पहले आप मेरी लट हटाया करते थे और अब मैं आपकी लट हटा रही हूं। आगे तोशू कहता है पारितोष शाह से पूछे बिना तुम लोग वहां कैसे गए? सब लोग अंदर चलो, क्योंकि शाह फैमिली का करता धरता अब मैं हूं। अनुपमा तोशू से कहती है कि नीम के सिंहासन पर करेला नहीं बैठेगा, तो ओर कौन बैठेगा? आगे तोशू कहता है कि आप मेरी बेइजती कर रही हैं। अनुपमा कहती है कि बेइजती करने के लिए, पहले इज्जत होना जरूरी है। तोशू कहता है अब देखना मैं क्या करता हूं, उधर शाह परिवार के घर में पूजा होती है, और बा वहां पहुंचती है और आश्चर्य से कहती है! घर में पूजा हो रही है और किसी ने बताया भी नहीं। तोशू पगड़ी दिखाते हुए कहता है कि अब पापा तो आने से रहे इसलिए आज हमें मिलकर 'हेड ऑफ द फैमिली' डिसाइड करना पड़ेगा। बा कहती है पगड़ी की रश्म पिता के मरने के बाद होती है और मेरा बेटा वनराज शाह अभी जिंदा है। तोशू जबरदस्ती, बा के हाथों से अपने आप को पगड़ी पहना देता है और इसी के साथ आज का प्रोमों खत्म हो जाता है।


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