Anupama 1st September 2024 Written Update Hindi: अनुपमा को डॉक्टरों ने किया मृत घोषित, अनुज हुआ मंदिर में बेहोश

Anupama 1st September 2024 Written Update Hindi
Anupama 1st September 2024 Written Update Hindi: अनुपमा को डॉक्टरों ने किया मृत घोषित, अनुज हुआ मंदिर में बेहोश

Anupama 1st September 2024 Written Update Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड में दिखाया जाता है कि अनुज दौड़ते हुए गिरते पड़ते मंदिर में पहुंचता है और कान्हा जी से पूछता है कि यह क्या लगा रखा है? इतनी बेरहमी से तो बच्चे अपने पुराने खिलौनों से नही खेलते जितनी बेरहमी से आप मेरी जिंदगी से खेल रहे हैं। आगे वह कहता है मुझे जब अनु मिली तब आपने मेरी बेटी मुझसे छीन ली और अब जब मुझे आध्या मिल गई है तो आप मुझसे अनु को छीन रहे हैं। आगे वह कहता है कि लोग कहते हैं कि अच्छे इंसान के साथ अच्छा होता है और मुझे अब और अच्छा नहीं बनना है और इंतजार नहीं करना है अब मुझे बस मेरी अनु वापिस दे दीजिए। आगे वह कहता है कि अनु के हिस्से का दर्द भी मुझे दे दीजिए और मेरी जान ले लीजिए पर उसकी जान बक्श दीजिए। आगे वह कहता है कि आज आपका जन्मदिन है और जन्मदिन के दिन सब खुश होते हैं तो आप भी होंगे ना, मेरा भी जन्मदिन है अगर आप जिद पर उतर सकते हैं तो हम इंसान भी जिद पर उतर सकते हैं।

आगे वह कहता है कि अगर आप मुझे जिंदगी देना चाहते हैं तो उसमें मुझे मेरी बेटी और अनु दोनों चाहिए। उधर सागर भी भगवान से कहता है कि मैं रोज आपकी प्रार्थना करने आता हूं, लेकिन आज मैं शिकायत करने आया हूं। वह आगे कहता है कि अभी मैं वकील नहीं बना हूं तो केश लड़ नही सकता लेकिन केश कर तो सकता हूं ना, मेरा यह केश आपके खिलाफ है। आगे वह कहता है आप भगवान हैं आपका काम अच्छे-बुरे का फैसला करना है लेकिन आप अपना काम सही से नही कर रहे हैं। आगे वह कहता है कि आपने बचपन में मेरे मां-बाप मुझसे दूर कर दिए और जब अनुड़ी ने उनकी जगह ली तो आपने उन्हें भी मुझसे दूर कर दिया, वह मेरा पूरा परिवार हैं और आप मेरा परिवार मुझसे छीन रहे हैं। आगे वह कहता है कि अगर बात सिर्फ एक जान की है तो आप मेरी जान ले लीजिए लेकिन मेरी अनुड़ी की जान बक्श दीजिए। तभी वहां मीनू आती है और कहती है कि मामी को कुछ नहीं होगा, वह भी सागर के साथ प्रार्थना करने लगती है।

आगे बालाकाका अस्पताल में फोन करते हैं और बताते हैं कि अगर अनु को 15 मिनट में होश आ गया तो ठीक है वरना। सभी घरवाले उनकी बातें सुनकर रोने लगते हैं और बा उनकी बातें सुनकर भी कान्हा जी का जल अभिषेक करती रहती हैं। उधर अनुज भगवान से कहता है कि आप यही चाहते हैं ना कि मैं आपके सामने पूजा, आरती करूं? तो ठीक है वह भगवान की आरती उतारने लगता है। उधर डॉक्टर कहते हैं कि पेसेंट की बॉडी रिएक्ट नही कर रही है और अनुज आरती करके मंदिर की घंटी बजाने लगता है। मीनू नर्स से पूछती है कि अंदर क्या सिचुएशन है? नर्स बताती है कि पेसेंट की बॉडी ने रिएक्ट करना बंद कर दिया है। यह सुनकर सभी घबराते हैं और बाबूजी और आध्या रोने लगते हैं। उधर अनुज घंटी बजाना जारी रखता है और अनुपमा की बॉडी कोई रिएक्ट नही करती, डॉक्टर आपस में कहते हैं कि आखिरी सांस तक प्रयास करना हमारा फर्ज है।

आगे घंटी बजाते-बजाते अनुज के हाथों से खून निकलने लगता है और वह बेहोश होकर नीचे गिर जाता है। उधर डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बाबजूद भी अनुपमा की सांसे चलना भी बंद हो जाती है। आगे एक लाइन चलती है कि फैसला यह अबकी बार होकर रहेगा सांस रहे ना रहे लेकिन प्यार रहेगा, वह प्रेम के आकाश में अब ना चंद्रमा था, कान्हा हैं पूर्ण तभी जबकी उनके साथ हो राधा, वह साथ ना हों तो ना यह संसार रहेगा, सांस रहे ना रहे मगर प्यार रहेगा, थक गए सफर से तो घर जाएंगे दोनों साथ, जब जिये साथ में लगता है की अब मर जाएंगे दोनों साथ, मरके भी इस प्रेम में उनका ही अधिकार रहेगा, सांस रहे ना रहे मगर प्यार रहेगा। तभी नर्स बाहर निकलती है और सभी घरवाले उनकी ओर देखते हैं, टीटू पूछता है कि नर्स मम्मी! नर्स बताती है कि अनुपमा अब नही रही। सभी को बड़ा सदमा लगता है और बाबूजी बैठकर रोने लगते हैं और आध्या, सागर और तोशू भी रोने लगते हैं। 

उधर बेहोश पड़े अनुज के कानों में अनुपमा की आवाज जाती है जो उसे पुकार रही है। अनुज अपनी आंखें खोलता है और अनुपमा को कहता है कि तुम मुझे छोड़कर नहीं जा सकती अनु, तुम जहां जाओगी मैं तुम्हारे साथ आ जाऊंगा। अनुपमा कहती है कि आप ऐसा नहीं कर सकते! अनुज कहता है क्यों नहीं कर सकता? अनुपमा कहती है क्योंकि आप पिता हैं और हमारी छोटी हम दोनों के बिना कैसे रहेगी? उसे अपने पिता की जरूरत है। अनुज कहता है उसे सिर्फ एक पिता की नहीं अपनी मां की भी जरूरत है, तुम दोबारा मुझे छोड़कर नहीं जा सकती। अनुपमा कहती है उसकी मां का तो बुलावा आ गया और मैं जा रही हूं लेकिन आपको हमारी छोटी के लिए जीना पड़ेगा। अनुज कहता है यह सब तुम मुझसे क्यों कह रही हो? यह तो मुझे तुमसे कहना चाहिए और अध्या तुम्हारे बिना कैसे रहेगी? वह बर्दास्त नही कर पाएगी। अनुपमा कहती है की उसे बर्दास्त करना होगा क्योंकि मां का साथ हमेशा तो नही रहता, कभी ना कभी मां का हाथ छूट ही जाता है चाहे किसी भी उम्र में छूटे दर्द कम नहीं होता।

आगे अनुपमा कहती है लेकिन मैं जानती हूं कि आप उसे बहुत अच्छी तरह से संभालेंगे और उसे मेरे हिस्से का भी प्यार देंगे। अनुज उससे न जाने की विनती करता है और अनुपमा कहती है कि मैं सिर्फ आपकी आंखों से दूर जा रही हूं आपके दिल से नही। अनुज उसे पकड़ लेता है और कहता है कि मैं तुम्हें नहीं जाने दूंगा तभी वहां एक लाइन शुरू होती है, प्रेम बसा है गोकुल में प्रेम बसा बृंदावन में, प्रेम की पीड़ा मुझसे ज्यादा किसने रखी है मन में प्रेम तो मेरी पूजा है, प्रेम तो पावन होता है प्रेम विनय बन जाए तो नैनों में सावन होता है, बीत गया वह सावन प्रेम पुष्प को खिलना है प्रेम जगत को सिखलाने को तुम दोनों को मिलना है। आगे वह दोनों अपनी राधा-कृष्ण वाली तावीज को मिलाते हैं और हम देखते हैं कि अनुज वापस मंदिर में बेहोश पड़ा है। पुजारी और अन्य लोग उसे उठाने की कोशिश करते हैं और अनुज उठकर वहां से अस्पताल की ओर भागने लगता है और इसी के साथ आज का यह एपिसोड खत्म हो जाता है।



प्रीकैप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि अनुज मंदिर से लौट कर वापिस हॉस्पिटल में आता है और आध्या उससे कहती है कि पॉप्स मम्मी हमें छोड़कर चली गई। आगे अनुज कहता है कि ऐसा नहीं हो सकता, वह जोर जोर से दरवाजा खटखटाने लगता है और कहता है अनु प्लीज खड़ी हो जाओ, कान्हा जी ने कहा है की हम एक-दूसरे से अलग नही हो सकते। तुम सबकी बात टाल सकती हो पर तुम कान्हा जी की बात नहीं टाल सकती। आगे वह कहता है अनु कान्हा जी ने मेरे जन्मदिन पर मुझे तोफा दिया है, मुझसे वह तोफा मत छीनो, दरवाजा खोले और उठ जाओ अनु। टीटू अनुज को दरवाजे से पीछे खींचता है और उधर अनुपमा की सांसे चलने लगती है, डॉक्टर कहते हैं कि यह जिंदा है और यह अविश्वसनीय है, इसी के साथ आज का प्रोमों खत्म हो जाता है।


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