Anupama 14th September 2024 Written Update Hindi: आशा भवन के लोगों को मिली आशा भवन खाली करने की धमकी

Anupama 14th September 2024 Written Update Hindi: आशा भवन के लोगों को मिली आशा भवन खाली करने की धमकी
Anupama 14th September 2024 Written Update Hindi: आशा भवन के लोगों को मिली आशा भवन खाली करने की धमकी

Anupama 14th September 2024 Episode Written Update Hindi By televisiondrama.in

अनुपमा के आज के एपिसोड की शुरुआत अनुज से होती है जो आंगन में परेशान होकर बैठा है और अनुपमा उसके लिए अदरक वाली चाय बनाकर लाती है। अनुपमा कहती है कि अंकुश भाई और बरखा भाभी ने धोखे से आपसे सब कुछ छीन लिया पर आपका हौसला नहीं छीन पाए। अनुज कहता है कैसे छीनते? अनुज का होसला अनु है और तुम मेरे पास हो। आगे अनुज कहता है कि बरखा भाभी और अंकुश भाई से लड़ने के लिए कोर्ट में हमें एक अच्छा बड़ा वकील चाहिए जिसको एक्सपीरियंस हो क्योंकि सामने कंपनी बड़ी है नाम बड़ा है। आगे वह कहता है कि उसके लिए हमें पैसे चाहिए होंगे क्योंकि बड़े वकीलों की फीस इतनी होती है और हमारे हालात इस वक्त ऐसे हैं। अनुपमा कहती है की कपाड़िया जी हमें बड़ा वकील नहीं चहिए बल्कि हमें ऐसा वकील चाहिए जिसे पैसों की नहीं बल्कि मौके की तलाश हो, आपने हमेशा नए लोगों को काम दिया है। अनुज कैसा है क्योंकि अनुज कहता है क्योंकि नए लोगों में एक भूख होती है खुद को साबित करने की एक जोश होता है खुद को प्रुफ करने के लिए। अनुपमा उससे कहती है कि तो इस बार भी हमें कोई ऐसा ही चाहिए जिसने अभी-अभी अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की हो।

आगे अनुज कहता है बहुत अच्छा आइडिया है जब मैं न्यू कमर को जॉब दे सकता हूं तो इस केस के लिए भी कोई तो होनहार न्यू कमर लॉयर होगा। अनुपमा कहती है अक्षर दो लोगों की जरुरत ताला चाबी की तरह होती है, दोनों मिल जाए तो दोनों की किस्मत का ताला खुल जाता है। अनुज चाय का कप आगे लाते हुए कहता है तुमने जो ताला चाबी वाली बात बोलकर मेरे दिमाग के ताले खोलें हैं ना इसी बात पर चेस धन्यवाद अनु। आगे शाह परिवार खाने के लिए डायनिंग टेबल पर बैठे होते हैं और बा वहां आती है और कहती है कि हाय! मेरा घुटना। जिसपर तोशू बा से कहता है कि चलना फिरना नही है ऐसे सारा दिन टीवी के आगे बैठे रहना है बा इंसान को थोड़ा एक्टिव होना चाहिए। बा कहती है तुझसे तो ज्यादा एक्टिव हूं पूरा दिन बच्चों के पीछे भागती रहती हूं कभी दूध का ग्लास लेकर तो कभी खाना लेकर। किंजल कहती है कि सबसे ज्यादा भाग दौड़ बा ही करती हैं इसलिए तो उनके घुटनों पर दर्द रहता है। मीनू कहती है बिल्कुल सही और ऊपर से बा की उम्र भी हो गई है, मैं आपको एक पैंनकिलर देती हूं उससे आपको बहुत आराम मिलेगा। बा तोशू से कहती है कि जब तू बूढ़ा होगा तब तुझपर क्या बीतेगी वह देखना।

आगे किंजल बच्चों से पूछती है कि वैसे माही और इशानी कहां है? परी बताती है कि इशू तो ट्यूशन गई है और माही का पता नहीं और सुबह से दिखी नही। किंजल कहती है और यह तुम मुझे अब बता रही हो पहले क्यों नहीं बताया? तोशू कहता है कि परी पर क्यों चिल्ला रही हो? तुमने सारे बच्चों की जिम्मेदारी ली थी तुम्हें क्यों नहीं पता कि वह कहां है? आया बनने का बड़ा शौक था ना? अब बोलो। किंजल कहती है कि तुम प्लीज अपनी बकवास बंद करो वह अंश से पूछती है कि अंश बेटा परी कहां है? अंश कहता है पता नहीं! वह परी से अपने रूम में और बाथरूम में माही को चेक करने के लिए कहती है। परी कहती है कि हम अभी रूम से ही आ रहे हैं पर माही वहां नहीं है परी और अंश बताते हैं कि कल माही बहुत रो रही थी। बा पूछती हैं क्यों? वह बताते हैं कि शायद वह अपनी मां को बहुत मिस कर रही थी। मीनू कहती है आप लोग परेशान मत होइए घर में ही होगी मैं जाकर ढूंढती हूं। सभी माही को ढूंढने लगते हैं और उधर अनुज को आइडिया आता है कि सागर भी तो लॉ की पढ़ाई कर रहा है वह अनुपमा से कहता है कि वह लॉयर नहीं बना पर कानूनी दांव पेंच में हमारी मदद कर सकता है। अनुपमा कहती है बिल्कुल और बालाकाका और बाबूजी वह भी काफी एक्सपीरियंस है हमारी मदद कर सकते हैं। अनुज, अनुपमा को बताता है कि वह जब भाई से मिलने गया था तब गार्ड्स ने कैसे एक्स बॉस के लिए अपनी करेंट जॉब का ख्याल भी नहीं किया था। अनुपमा कहती है लोग कहते हैं कि इस दुनिया में अच्छे लोग नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि पूरी दुनिया लोगों की अच्छाई पर टिकी है। 

अनुज आगे बताता है कि वह अपने स्टॉफ से मिला था और उन्होंने मुझसे कहा कि वह मेरी मदद करने के लिए तैयार हैं। आगे अनुज कहता है कि मैं मिस्टर अंकुश और मिस बरखा को उनके किए कि सजा दिलाकर रहूंगा। आगे अनुज अनुपमा को चाय की पैसे देने लगता है और कहता है कि अगर घोड़ा घास से दोस्ती करेगा तो खाएगा क्या? अनुपमा कहती है इस चाय के बदले मैं आपसे पैसे नहीं लूंगी लेकिन आप कप धोकर मेरी मदद कर सकते हैं। आगे अनुज मजाक करते हुए कहता है कि हां धो तो सकता हूं पर मैं तो घर के और बर्तन भी धोता हूं जिसपर दोनों हंसने लगते हैं। उधर मीनू बा से कहती है कि पूरे घर में ढूंढ लिया पर माही कहीं नहीं मिली। तोशू कहता है इसीलिए कह रहा था की काव्या को बोलो की अपनी बेटी को ले जाए उसकी बेटी को हम क्यों संभाल रहे हैं? हम उसके नौकर हैं क्या? वह बा से पूछता है कि उसने काव्या को फोन किया था? बा कहती है हां किया था लेकिन वह वनराज को लेकर पहले ही परेशान है। तोशू ताली बजाते हुए कहता है बस इसीलिए काव्या को आपने माही के बारे में नहीं बोला, वाह! आगे वह कहता है कि पापा को पैसों से मतलब है सौतेली मां को करियर से मतलब है उनकी बेटी को संभाले हम उसका खर्चा उठाए हम क्यों? मैंने क्या अनाथ आश्रम खोला हुआ है।

आगे बा उसे चुप कराते हुए कहती है बस कर माही अपनी भी बेटी है। तोशू कहता है नहीं वह काव्या और अनिरुद्ध की बेटी है वह बा के लाख मना करने पर भी काव्या को फोन लगा देता है। आगे आशा भवन के लोग गणपति विसर्जन की तैयारी करने लगते हैं और तभी वहां कुछ लोग आते हैं और उनसे कहते हैं कि गणपति बप्पा के साथ अपने प्रस्थान की भी तैयारी कर लीजिए। आगे आध्या नंदिता से पूछती है कि यह कौन है नंदिता बताती है कि यह आशा भवन के ओनर और स्वर्गीय आशा आंटी के बेटे हार्दिक है। आगे वह लोग गणपति बप्पा के आगे हाथ जोड़ते हुए आशा भवन के लोगों से कहते हैं कि बप्पा आप सब पर अपना आशीर्वाद बनाए रखे क्योंकि आशा भवन से निकलने के बाद आपको बप्पा के आशीर्वाद की बहुत जरूरत पड़ेगी। आध्या यह सुनकर कहती है क्या? हम आशा भवन से क्यों निकलेंगे? वह लोग कहते हैं क्योंकि आशा भवन रहेगा ही नही। यह सुनकर सभी शौक हो जाते हैं और सागर उन्हें कहता है कि फालतू की बात करने की जरूरत नहीं है। सागर उनसे लड़ाई करने लगता है और अनुपमा उसे रोकती है। हार्दिक कहता है कि मेरी मां सटिया गई थी जो इतनी प्राइम प्रॉपर्टी को एक अनाथ आश्रम को दान में देकर चली गई। अनुपमा कहती है कि इस आशा भवन में एक परिवार रहता है और जहां परिवार रहता है वह अनाथ आश्रम नहीं होता खैर यह सारी बातें आपकी समझ से बाहर हैं। हार्दिक कहता है मुझे समझना भी नहीं है मैं तो समझाने आया हूं कि जल्दी से जल्दी इस प्रॉपर्टी का टैक्स भरो वरना आशा भवन को खाली करो।


प्रीकैप: अनुपमा के आज के प्रोमों दिखाया जाता है कि आशा भवन में नाच गाना चल रहा होता है जिसकी आवाज शाह परिवार में भी जाती रहती है। पूरा शाह परिवार उसे सुनकर इरिटेड हो जाता है और तोशू कहता है कि बहुत हुआ, मैं अभी जाकर इनका नाच गाना बंद करवाता हूं। वह जैसे ही वहां से जाने लगता है वहां उस घर का मालिक आ जाता है, जिसपर शाह परिवार किराए पर रहते हैं। तोशू उससे पूछता है कि आप? वह आदमी बताता है कि मैं जिस घर में तुम रहते हो उसका भी और जिस घर में रहते थे उसका भी मालिक हूं। आगे वह कहता है कि अगले एक घंटे के अंदर मुझे यह घर खाली चाहिए। एक ओर आशा भवन में खुशियां मनाई जा रही है और वहीं दूसरी तरफ शाह परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। इसी के साथ आज का प्रोमों भी खत्म हो जाता है।


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