Anupama 8th August 2024 Written Update Hindi: आशा भवन से हुई इंद्रा की बिदाई, अनुज ने बताया उसे अब भी है अनुपमा से प्यार

Anupama 8th August 2024 Written Update Hindi
Anupama 8th August 2024 Written Update Hindi: आशा भवन से हुई इंद्रा की बिदाई, अनुज ने बताया उसे अब भी है अनुपमा से प्यार

Anupama 8th August 2024 Written Update Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड की शुरूआत टीटू से होती है वह अंश को डांटते हुए कहता है कि, मीर को क्यों मारा? मस्ती करने में और बदतमीजी करने में फर्क होता है मेरे पास तुम्हारी स्कूल से रोज कंप्लेंट आती है तुम्हारे टीचर ने कहा कि तुम्हारा पढ़ाई में फोकस बिल्कुल जीरो है लेकिन लड़ाई झगड़ा करने में आगे हो तुम। अंश रोने लगता है टीटू कहता है कि वह उससे बहुत प्यार करता है, जिस पर अंश कहता है कि आप मुझसे प्यार नहीं करते मुझे सब पता है। टीटू कहता है क्या पता है तुम्हें? अंश कहता है दादू ने मुझे सब बता दिया है कि आप मुझसे प्यार नहीं करते क्योंकि मैं आपका सागा बेटा नहीं हूं, आप मेरे सौतेले पापा हैं और सौतेले पापा पागल होते हैं। आगे वह कहता है की मैं पढ़ाई करूं या ना करूं, झगड़ा करूं या चाहे कुछ भी करूं आपको मुझे डांटने का हक नहीं है बस दादू मुझे डांट सकते हैं।

टीटू उसे डांटते हुए कहता है अंश लेकिन वहां डिंपी पहुंच जाती है वह टीटू से कहती है कि मेरे बच्चे को क्यों डांट रहे हो यह 6 साल का बच्चा है, जिस पर टीटू कहता है कि अंश उसका भी बच्चा है। अंश कहता है कि पापा ने मुझे डांटा, डिंपी कहती है अपने कमरे में जाकर खेलो, डिंपी कहती है खुद का बच्चा नहीं है तब यह हाल है और होगा तो तुम मेरे बेटे का जीना ही हराम कर दोगे। टीटू कहता है तुम्हें समझ भी आता है तुम क्या बोल रही हो? और बार बार क्या सागा सौतेला लगा रखा है तुमने? उसके स्कूल से रोज कंप्लेन आ रही है कि वह रोज अपने क्लासमेट को मारता रहता है, उसके मां बाप होने के नाते हम ही उसे समझाइए ना? बचपन में तुम्हारे मां बाप तुम्हें डांटते थे ना?

डांटते थे लेकिन तुम अंश को इस तरह नहीं डांटोगे, कोई भी अंश से बात नहीं करता है पापा भी नही, टीटू कहता है डिंपी मुझसे इस टोन में बात मत करो, डिंपी कहती है तो अब तुम्हें मेरी टोन से भी प्रॉब्लम है। टीटू कहता है प्रॉब्लम मुझे नहीं पापा को है जो दिन रात लगे रहते हैं तुम्हें और अंश को मेरे खिलाफ भड़काने में, अगर मुझे पता होता ना कि तुम शादी के बाद इतना बता जाओगी तो मैं...., डिंपी कहती है तो...तुम शादी नही करते? तुम्हें मुझसे शादी करके अफसोस हो रहा है? उधर अनुपमा उनके झगड़ो की आवाज सुनकर कहती है फिर से झगड़ा? नंदिता कहती है डिंपी और तपिश को मालूम नही है की इनके झगड़ो की आवाज यहां भी सुनाई देती है हमें। अनुपमा कहती है मुझे समझ नहीं आता कि डिंपी को हो क्या गया है, अचानक इतना कैसा बदल गई वो, तपिश इतना अच्छा लड़का है उसे कितना प्यार करता है, कितनी सारी लड़कियां थी आस पास लेकिन फिर भी 6 साल डिंपी का इंतजार किया और उससे शादी करने के लिए घरजमाई तक बनना मंजूर कर लिया और ऊपर से अंश से भी इतना प्यार करता है जैसे कि उसका अपना ही बच्चा है, पर डिंपी को उसकी जरा भी कदर नही है।

नंदिता कहती है डिंपी उन लोगों में से है जो हर बात के लिए किस्मत को दोष देती है लेकिन जब किस्मत उसे खुशियां देती है तो संभाल ही नही पाती। अनुपमा कहती है सायद यह भी किस्मत का ही खेल है या तो किस्मत किसी को दूसरा मौका देती नही है या फिर हम उस दूसरे मौके को गवा देते हैं, और एक वह वनराज शाह है जो प्रेम का यमराज शाह बना हुआ है, जब बहु को बेटी बनाकर उसकी शादी करवा ही दी है तो उसका घर बसने दीजिए, उसे खुश रहने दीजिए लेकिन नही डिंपी का घर तुड़वा कर ही मानेंगे यह सब उनका किया धरा है। टीटू कहता है हां मुझे अफसोस हो रहा है अपने लिए क्योंकि में तुम्हें अंश और पापा को अपना मानता हूं लेकिन तुम लोग मुझे सौतेला फील करवाने का एक मौका नही छोड़ते हो, डिंपी कहती है अगर तुम्हें अफसोस हो रहा है तो मुझे भी हो रहा है, अब तुम्हें अचानक अपना सगा बच्चा चाहिए और कभी तुम मुझे मेरी फैमिली से दूर करने के लिए मुंबई शिफ्ट होना चाहते हो, तुम वह टीटू हो ही नही जिससे में शादी करना चाहती थी।

टीटू कहता है तुम मेरे बारे में यह सोचती हो में तुम्हारे लिए अपना शहर, अपना घर सब कुछ छोड़कर इस घर में घरजमाई बनकर बैठा हुआ हूं और तुम हो की, डिंपी कहती है कि घरजमाई बनने का फैसला तुम्हारा था मैंने तुम्हें फोर्स नही किया था, तो तुम बार बार मुझे मत सुनाया करो की तुम मेरे लिए घरजमाई बने हो। उधर बालाकाका रोते हुए अपने हाथ पर इंद्राजी लिखते रहते हैं, अनुज उन्हें देखकर उनसे पूछता है कि आप रो क्यों रहे हैं? वह कहते हैं कि इंद्रा जी को लेने उनका बेटा आ रहा है और में बहुत खुश हूं कि वह अपने घर जा रही हैं लेकिन दुखी भी हूं क्योंकि वह मुझसे बहुत दूर जा रही हैं और खुद पर गुस्सा भी बहुत है की क्यों में अपने दिल की बात उनसे नही कर पाया, क्यों नहीं बोल पाया की में उनसे प्यार करता हूं? अनुज कहता है दिल की बात कर दीजिए देर मत कीजिए क्योंकि कई बार थोड़ी सी देर की वजह से पूरी जिंदगी रुकना पड़ता है, में अनु से बहुत प्यार करता था लेकिन थोड़ी सी देर हो गई कहने में जिसकी वजह से मुझे 26 साल इंतजार करना पड़ा था।

वह आगे कहता है कि आज भी करता हूं अनु से प्यार उससे नफरत करना चाहता हूं लेकिन कर नही पाता, भूल नही पाता उसे, प्यार दिल में नही रखना चाहिए अच्छी चीज है प्यार। उधर अनुपमा अनुज को देखती रहती है, बालाकाका अनुज से कहते हैं एक बात बताओ तुम को क्या रोका है? तुम क्यों यह प्यार का रास्ता छोड़कर नफरत के रास्ते पर चल रहे हो? हंसमुख भाई ने मुझे तुम्हारे और अनु के लव स्टोरी के बारे में बताया, सुनकर मुझे लगा की इससे सुंदर लव स्टोरी तो हो ही नहीं सकता और तुम दोनों की लव स्टोरी तो खुशियों से भरी और हमेशा के लिए होनी चाहिए दुख भरी तो बिल्कुल नहीं होनी चाहिए, तुम अनु से बहुत प्यार करते हो ऊपर से किस्मत भी तुम्हें बार बार मिलाती है तो फिर तुम लोगों के बीच में यह दूरियां क्यों है? बस एक कदम आगे बढ़ाओ फिर देखो सारी दूरियां में मिट जायेगी, सारी शिकायते खत्म हो जाएंगी और यह दुख के आंसू सुख के आंसुओं में बदल जायेंगे, एकतरफा प्यार और मोहोबत में डर और इंतजार होता है लेकिन तुम दोनों का प्यार एकतरफा नही है फिर यह दर्द क्यों? किस चीज का इंतजार?

आगे दिखाया जाता है कि अनुज अनुपमा को देख देता है और उसके पास जाकर पूछता है अनु हमारी आध्या को ढूंढ सकती हो ना? तुम मुझसे कह रही थी कि वह जिंदा है, तुम्हें विश्वास है? मुझे भी अब ऐसा लगता है कि वह है, प्लीज उसे ढूंढ दोगी हमारी आध्या को वापिस ला सकती हो? अनुपमा खुशी से कहती है हां चाहे कुछ भी हो जाए में हमारी छोटी को ढूंढकर लाऊंगी लेकिन हम दोनों मिलकर ढूंढेंगे तो वह जल्दी मिल जायेगी आपको याद है जब छोटे में आ छुप जाती थी और हम उसे अकेले अकेले ढूंढते थे तो हमें कितना टाइम लग जाता था उसे ढूंढने में लेकिन जब दोनों मिलकर ढूंढेंते थे तो दो मिनट में मिल जाती थी। अनुज कहता है कि लेकिन जब वह छोटी नही है, अनुपमा हंसते हुए कहती है तो उसे ढूंढना अब और भी आसान हो जाएगा ना कपाड़िया जी, अनुज पूछता है हम उसे पक्का ढूंढ लेंगें ना? वह दोनों पिंकी प्रॉमिस करते हैं।

आगे दिखाया जाता है कि इंद्रा सामान लेकर जाने के लिए तैयार है वह आशा भवन के लोगों से कहती है कि बिदाई किसी की भी हो, कहीं भी हो खुशी और आंसू दोनों साथ होते हैं उस परिवार में जाने का सुख और इस परिवार से बिछड़ने का दुख, समझ ही नहीं आता की सुख और दुख में किसका पलड़ा भरी है वह अनुपमा को गले लगाती है। अनुपमा कहती है कि हम सब की आंखों में आंसू है क्योंकि हमें आपके जाने का दुख है लेकिन हम सब आपके लिए बहुत खुश है क्योंकि आपका बेटा आपको ले जाने के लिए आया है तो अब से आंखों में सिर्फ खुशी के आंसू होने चाहिए दुख के नही, वह इंद्रा को चाबी देते हुए कहती है कि यह हमारे आशा भवन की चाबी है आप चाहे तो कभी भी यहां सम्मान और हक के साथ आ सकती हैं यह भी आपका घर है, अनुपमा इंद्रा के बेटे से कहती हैं की जो पहले किया था अब मत करना, हमेशा से कहते आएं हैं कि जो जैसा बोएगा वह वही पाएगा, आपकी मां का आज आपका आने वाला कल है और हर कर्म का फल इसी जन्म में मिलता है तो जो आप अपनी मां के साथ करेंगे कल आपकी संतान आपके साथ वही करेगी, मां को इतना ही चाहिए होता है कि उसकी संतान दिन में पांच दस मिनट उसके साथ बात कर ले, हाल चाल दुख दर्द पूछ ले वह इंसान सबसे ज्यादा अभागा है जिसे अपने मां बाप की कीमत उनके जाने के बाद पता चलती है अपनी मां को आदर और प्यार दीजिए।

इंद्रा का बेटा कहता है मुझसे गलती हो गई और मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा कि यह गलती मुझसे दोबारा ना हो और मैं मम्मी को खुश रखकर सारे सुख दे सकूं। अनुपमा कहती है ऐसी गलती दोबारा होनी भी नहीं चाहिए, इंद्रा सभी से मिलती है और अंत में बा से पूछती है कि आज कोई चुटकला नही सुनाएंगे? बालाकाका हंसने लगते हैं और इंद्रा कहती है ऐसे ही हंसते रहिएगा और सबको हंसाते रहिएगा आप ही आशा भवन की रौनक हैं बालाकाका कहते हैं आप भी अपना ख्याल रखिएगा हम सब आपको बहुत मिस करेंगे, इंद्रा कहती है में भी आप लोगों को बहुत मिस करूंगी, बालाकाका उन्हें एक गिफ्ट देते हैं, इंद्रा उसे खोलती है जिसमें कंगी रखी होती है इंद्रा पूछती है ये? बालाकाका कहते हैं मेरे सर पर तो बाल नहीं है आपके लिए अच्छा है आपको काम आएगा, इंद्रा उन्हें कहती है इतनी प्यारी गिफ्ट के लिए धन्यवाद, वह कहती है काश मैं हसमुख भाईसाहब से भी मिल पाती, अनुपमा कहती है फोन पर बात करवा दूंगी, इंद्रा अनुज को देखती है और उस से कहती है कि आप भी अपना ख्याल रखना में वाहेगुरु से विनती करूंगी की आपकी आध्या जल्दी मिल जाए यह कहकर वह चली जाती हैं।


प्रीकैप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि, अनुपमा उलझकर नीचे गिर जाती है, जिससे उसके पैर में मोच आ जाती है। वहां अनुज आता है, और अनुपमा को उठाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है, कुछ देर बाद वह दोनों हाथ छोड़ देते है। बाद में अनुज, अनुपमा को गोद में उठा लेता है, और उसे बेड पर लेटा देता है। उसके बाद वह उसके पैरों को गर्म पानी की थैली से सेकता है और अनुपमा उसे देखकर खुश होती है। वह अनुज से कहती है कि उन्हें मेरे सवालों के जवाब देने होंगे अनुज, बरखा भाभी और अंकुश भाई ने आपसे क्या कहा था?। अनुज कहता है नहीं पता। वह अनुपमा से खुद को दूर करने की कोशिश करता है लेकिन अनुपमा और उसकी चैन आपस में फंस जाती है। अनुज चैन को छुड़वाने की कोशिश करता है और चैन छुड़वा कर वह बाहर भाग जाता है। वह एक बिजली के बॉक्स के सामने आध्या की कल्पना करने लगता है, और वहां पहुंचकर उसे छूने वाला होता है। आगे अनुज का क्या होने वाला है, यह जानने के लिए आपको कल का एपिसोड देखना होगा।


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