Anupama 6th August 2024 Written Update Hindi: अनुज हुआ आशा भवन से गायब

Anupama 6th August 2024 Written Update Hindi: अनुज हुआ आशा भवन से गायब

Anupama 6th August 2024 Written Update Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड की शुरुआत मीनू और किंजल के आपस में बात करने से होती है। जहां मीनू किंजल से कहती है कि वनराज बुरे इंसान नहीं है पर बस एक अच्छे हस्बैंड नहीं बन पाए, और मामी वह इतनी अच्छी है कि दुनिया की हर खुशी डिजर्व करती हैं। किंजल कहती है खुशी भी और रिसपेक्ट भी, अपने पर्सनल एक्सपीरियंस से कह रही हूं कि शादी सिर्फ प्यार नही चलती है, रिश्ते में एक दूसरे के लिए रिस्पेक्ट होना बहुत जरुरी है और अगर आपके रिश्ते में रिस्पेक्ट ना हो तो वह शादी सिर्फ नाम की रह जाती है, तुम चाहे लव मैरिज करो या फिर आए मैरिज पर मीनू एक बात का हमेशा ध्यान रखना, की तुम्हारे रिश्ते में रिस्पेक्ट हो। आगे वह कहती है की पैसा आता जाता रहेगा, बड़ी गाड़ी बड़ा घर होता है चाहे नहीं होता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर आप दिल से ही खुश नहीं हो तो यह सारी चीजें आपको खुशी नहीं देती है, मुझे शाह परिवार में बहुत प्यार मिला बहुत रिस्पेक्ट मिली तभी तो मेरी मॉम का इतना बड़ा घर छोड़कर में इस घर में आई जहां Ac तक नहीं थे, तोशू की बाइक तक मुझे मेरी मॉम की लग्जरी कार से बड़ी लगती थी क्योंकि उस वक्त हमारे रिश्ते में इज्जत थी, प्यार था।

आगे वह कहती है कि वह बात अलग है कि शादी के बाद तोशू बदल गया हमारा रिश्ता बदल गया पर सारे रिलेशनशिप सबकी किस्मत एक जैसी नहीं होती, तुम दिल से चुनना दिमाग से मत चुनना पैसा, गाड़ी, घर यह सब मत देखना प्यार और रिस्पेक्ट देखना। मीनू किंजल को गले लगाते हुए कहती है आप सच में बिल्कुल मामी की परछाई हो, भाभी अब जब हम यहां तक आ ही गए हैं तो राजा-कृष्ण के मंदिर भी चलते हैं, आपके मामी और बाकी सब के लिए प्रे भी कर लेंगे। किंजल कहती है ऑफकोर्स और तुम्हारे लिए भी की तुम्हें ऐसा जीवन साथी मिले जो तुम्हें सरआंखों पर बिठा के रखे। उधर अनुपमा देविका से कहती है कि सच कहूं तो मन कर रहा था कि उन्हें झिंझोर कर रख दूं, जरुरत पड़े तो गला भी पकड़कर पूछूं कि बताओ सच क्या है? मेरे अनुज की यहां हालत कैसे हुई? और मेरी बच्ची कहां है? देविका कहती है इन दोनों ने तो कमीने पन में डबल एमए कर रखी है। अनुपमा कहती है की एक बार सच सामने आ जाए और सबूत मिल जाए तो उन दोनों को माफी मांगेंगे में पछतावा में पीएचडी न करवा दी, तो मेरा नाम भी अनुपमा नहीं।

आगे वनराज पार्सल लेने के लिए बाहर आता है और उसकी नजर अनुपमा पर पड़ती है और अनुपमा और देविका भी उसे देखती है, देविका वनराज को सुनाते हुए कहती है अनुपमा प्लीज मेरी नजर उतार देना किसी की बहुत बुरी नजर लगी है। वनराज उसकी बातें सुनकर वहां से अंदर चला जाता है और देविका अनुपमा से कहती है कि किराए पर घर लेने के लिए इसे पूरे में अहमदाबाद में यहीं मिला, तेरे पड़ोस में, मुझे तो लगता है कि तुमने पिछले जन्म में घोर पाप किया होगा, जो तेरी कुंडली में यह शाह परमानेंटली फिट हो गया है। लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है पर तेरी कुंडली में यह वनराज शाह दोष है, अनुपमा कहती है बिल्कुल बराबर कह रही है तू पिछले जन्म के पाप ही हैं जो यह वनराज शाह मेरी जीवन में आया, लेकिन मेरे अनुज ने कौन-सा पाप किया है जो उनको इतना दर्द झेलना पड़ रहा है इतनी तकलीफ सहनी पड़ रही है, वह आगे कहती है देविका सच में तेरी मदद चाहिए, तू सोच रही होगी कि कैसी दोस्त है? जब जरूरत पड़ती है तभी याद करती है। देविका कहती है तेरी जो टूटी टांग है वह दुबारा तोड़ दूंगी, बोल मैं तेरी क्या मदद करूं?

अनुपमा कहती है की अनुज की हालत चाहे जैसे भी है, पर मेरा मन मानने को तैयार नहीं है कि चाहे कुछ भी हो जाए, उनके जैसा बिजनेसमेन अपना सारा का सारा बिजनेस, अपना घर, अपनी इंवेस्टमेंट, अपने शेयर सब कुछ बरखा भाभी और अंकुश भाई के नाम कर दे, ऐसा नहीं हो ही सकता, अनुज ऐसा नहीं कर सकते। देविका कहती है इस बात पर तो मुझे भी यकीन नहीं हो रहा है वह अपने स्टॉफ के किसी भी भरोसेमंद आदमी को बिजनेस सौंप सकता है लेकिन अंकुश और बरखा को सौंप दे ऐसा नही हो सकता, मैंने यूएस में आध्या से बात की थी, उसे बहुत अच्छी तरह से समझाया था, मुझे नहीं लगता कि वह ऐसा स्टूपिड कदम उठा सकती, और तू गधी है एक नंबर की उसने धमकी दी और तूने मान ली, दो चांटा उसे लगा कर देती ना तो वह खुद कहती मम्मी आप हमारे साथ यूएस चलो। अनुपमा कहती है काश ऐसा कहती, पर मेरा मन जानता है कि मेरी बेटी जिंदा है और जहां कहीं भी है ठीक है, यह मत पूछना कि कैसे जानता है? यह मां का दिल जानता है कि मेरी बच्ची ठीक है बस अब उसे किसी भी तरह से ढूंढना है, एक बार वह मिल जाएगी तो मेरे अनुज भी ठीक हो जाएंगे और सब ठीक हो जाएगा।

देविका कहती है तो इस पहेली का मिसिंग पीस आध्या है, अनु तू फिक्र मत कर में यूएस में किसी को जानती हूं मैं उनसे कहूंगी वह आध्या को ढूंढ लेंगे। वैसे मैंने यशदीप सर, विक्रम भाई, केडी सबको बोल कर रखा है कि आध्या को ढूंढे लेकिन अभी तक कुछ भी पता नहीं चला है लेकिन फिर भी तू भी बोल, देविका कहती है अनु, तू इतना मत सोच यह सोशल मीडिया का जमाना है यहां किसी को भी ढूंढें में वक्त नहीं लगता, आध्या मिल जाएगी तू सिर्फ अपना और अनुज ख्याल रख। आगे सागर भागते हुए वहां पहुंचता है और अनुपमा से कहता है की बालाकाका अनुज जी को बैठकर बाथरूम चले गए थे, बालाकाका कहते हैं में दरवाजा बंद करके बाथरूम गया था लेकिन आ कर देखा तो... सागर कहता है अनुज जी कमरे में नहीं है और खिड़की भी खुली है बालाकाका कहते हैं सॉरी अनु मेरे को मालूम नहीं था कि अनुज को इतनी शुद है कि वह खिड़की से....

अनुपमा घबराते हुए अंदर की ओर जाने लगती है देविका उसे रोकते हुए कहती है कि अनुज ज्यादा दूर नहीं गया होगा तुम उसे बाहर ढूंढो मैं अंदर देखती हूं, वह सागर को लेकर अनुज को ढूंढने निकलते हैं। उधर मीनू और किंजल पेड़ पर सिक्का चिपकने की कोशिश कर रहे होते हैं पर सिक्का चिपकता ही नहीं है, मीनू कहती है भाभी यह तो चिपकने का नाम ही नहीं ले रहा है। तभी अनुज मंदिर में आता है और एक काजल को भगवान के सामने रखता है मीनू और किंजल उसे देखते हैं। उधर अनुपमा, सागर और बालाकाका अनुज को जगह-जगह ढूंढते हैं, मंदिर में अनुज का पेपर उड़ता है और अनुज उसे पकड़ने की कोशिश करता है उधर अनुपमा नीचे गिर जाती है, मीनू और किंजल अनुज को रोकने की कोशिश करते हैं, बालाकाका कहते हैं खुद को संभालो अनु तुम कुछ हो गया तो हमारा क्या हुआ आशा भवन का क्या होगा? अनुज को ढूंढना है ना तो ऐसे पागलों की तरह कोई भागता है भला, वह सागर से कहते हैं कि तू अनु को ले जा और मैं अनुज को ढूंढता हूं।

बालाकाका को पुरानी बातें याद आती है और वह सोचते हैं कि अनुज शाह परिवार में गया होगा वह जैसे ही वहां जाते हैं बीच में वनराज से टकरा जाते हैं। वनराज कहता है दिमाग खराब हो गया क्या? कैसे घर में घुसे आए तुम? इतनी महंगी घंटी लगा रखी है तुमसे बजाई नहीं गई? बालाकाका उससे सॉरी कहते हैं और उनकी बात सुनने को कहते हैं। वनराज कहता है क्या सॉरी? अंदर कैसे घुस गए तुम? और क्या बात सुनू काम क्या है तुम्हें? बा कहती है एक मिनट वनराज इनकी बात सुन तो ले, शायद तेरे बाबूजी के बारे में कुछ कहना चाहते हों। बालाकाका कहते हैं नहीं हंसमुख भाई एकदम ठीक है मैं दरअसल अनुज को देखने आया था यहां, वनराज कहता है क्या तुम लोगों के नाटक हैं अनुज क्या कर रहा है यहां पर? कैसे घुस जाएगा वो यहां पर? तोशू पूछता है वह फिर से भाग गया? बालाकाका कहते हैं प्लीज चेक कर लीजिए ना यहीं कहीं होगा, पाखी कहती है की उन पर नजर रखनी चाहिए थी ना और अगर नजर नही रख सकते तो आशा भवन में रखा क्यों है उनको?

तोशू कहता है हमें परेशान करने के लिए और क्यों? वनराज कहता है अनुज यहां पर नहीं है जाकर उसे किसी मंदिर में ढूंढो उसका इलाज करवाओ तुम लोग खुद डॉक्टर बने फिर रहे हो, उसकी शक्ल देखकर तुम्हें समझ नहीं आता कि उसकी तबीयत खराब है, अब जाओ यहां से वरना उम्र का लिहाज भूल जाऊंगा मैं, बालाकाका कहते हैं मुझे अपनी प्रवाह नहीं है आप एक बार चेक कर लीजिए कहीं वह खिड़की से कूद कर कमरे में तो नहीं आ गया। वनराज कहता है तुम लोग आशा भवन में सब नमूने हो क्या? पहले वह छिछोरा हमारी खिड़की पर आकर लटक जाता है दूसरा वो हमारे बच्चों को पकड़ लेता है, गोद में उठा लेता है। बालाकाका उसके आगे हाथ जोड़कर कहता है अनुज मेरी जिम्मेदारी थी में चूक गया मेरी गलती से वह चला गया मुझे मेरी तसल्ली के लिए एक बार देखना दीजिए, तोशू कहता है बहुत तमीज से समझा रहा हूं अंकल, अगर मैं अपनी पर आ गया ना तो फिर अनु, अनु चिल्लाते फिरोगे आप।


प्रीकेप: अनुपमा के आज के प्रोमों में, दिखाया जाता है कि, अनुज आइने के सामने खड़ा होकर, खुद से कहता है, तुम्हें उसे और ढूंढना चाहिए था, तुमने मान कैसे लिया कि वह अब नही है, तभी उसे आइने में अध्या नजर आती है, जो अनुज से कहती है, पॉप्स मैंने आपसे यह एक्सपेक्ट नही किया था, मम्मी मुझे ढूंढने की कोशिश कर रही है, मम्मी को यकीन है कि मैं जिंदा हूं, लेकिन आप, आपको यकीन नहीं है की मैं जिंदा हूं, वहां अनुपमा उसे पीछे से देखती रहती है, अनुज उसके सामने जाता है और उससे कहता है, अनु तुम मुझसे कह रही थी कि वह जिंदा है, तुम्हें विश्वास है? मुझे भी अब ऐसा लगता है कि वह है, प्लीज उसे ढूंढ दोगी हमारी आध्या को वापिस ला सकती हो? इसी के साथ आज का प्रोमों खत्म हो जाता है।


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