Anupama 5th August 2024 Written Update Hindi: अनुपमा ने मांगी देविका से मदद, अंकुश और बरखा हुई चिंतित

Anupama 5th August 2024 Written Update Hindi: अनुपमा ने मांगी देविका से मदद, अंकुश और बरखा हुई चिंतित

Anupama 5th August 2024 Written Update Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड में इंद्रा अनुपमा से पूछती है कि तुझे बहुत बुरा लग रहा है ना अनु, जिस पर अनुपमा कहती है हां लेकिन अपने लिए नहीं मेरे अनुज के लिए, छह महीने से वह कितने दर्द के साथ कितनी तकलीफ में जी रहे थे हां उनकी बातें दिल पर लगी है लेकिन। इंद्रा पूछती है लेकिन क्या? अनुपमा कहती है लेकिन उन्होंने गलत क्या कहा? जो कहा सच ही तो कहा, गलत में ही थी क्योंकि मैं वह मां हूं जिसने सिर्फ अपने बारे में सोचा, अपनी बेटी के बारे में नहीं, मेरे अनुज मुझसे मिलने नहीं आ रहे होते उस दिन, तो आज वह और आध्या साथ होते, खुश होते। आगे वह कहती है, में अच्छी तरह से जानती थी कि, आध्या मुझसे बहुत नफरत करती है और वह नहीं चाहती कि मैं उसके और अनुज के साथ आऊं उनकी जिंदगी में वापिस आऊं, लेकिन फिर भी मैं अपने आप को नहीं रोक पाई कोशिश की लेकिन नहीं रोक पाई, सोचा कि उनके साथ रहूंगी तो किसी तरह अपनी बेटी का दिल जीत ही लूंगी, अपने प्यार से अपने हाथों से उसे खिलाऊंगी और वह नफरत करना भूल जाएगी मैंने उससे किया वादा तोड़ दिया।

लगा कि आध्या बच्ची है सब ठीक हो जाएगा लेकिन, पता नहीं था कि वह ऐसा कदम उठाएगी, पता होता तो मैं कभी अनुज को आने नहीं देती, मीरा बनी रहती राधा रुकमणी बनने की कोशिश नहीं करती, आध्या और अनुज की खुशी के लिए जिंदगी भर उन से दूर रहती और कुछ नहीं चाहिए था बस वह खुश रहते, पता नहीं क्यों मैं खुदगर्ज हो गई। आगे वह कहती है जब अनुज 6 महीने पहले मुझसे मिलने भारत आ रहे थे, तब उनकी आवाज में कितनी खुशी थी, कितना प्यार था उनकी खुशी, उनके जीवन का सबसे बड़ा दुख बन गया और वह प्यार इतनी नफरत में बदल गया, सब इसलिए क्योंकि मैं इतनी खुदगर्ज हो गई सब मेरी वजह से हुआ। बालाकाका पूछते हैं, लेकिन अनु आध्या तो अब इस दुनिया में नहीं रही ना? अनुपम कहती है नहीं, काका ऐसा भूल कर भी मत बोलिएगा, उसकी मां हूं मैं जानती हूं कि मेरी बेटी जिंदा है बस मुझसे नाराज होकर कहीं छुप गई है पर कितने दिन तक छुपेगी, एक न एक दिन तो वह सामने आएगी ही उसे आना ही होगा। इंद्रा कहती है लेकिन तब तक तुझे अनुज को संभालना होगा अनु, चाहे वह कितना ही गुस्सा करें, कितनी ही नफरत करें, कितना तुझे अपने आप से दूर करें, पर संभालना तुझे ही होगा।

अनुपम रहती है संभालूंगी मैं, मेरे अनुज को मैं नहीं संभालूंगी तो कौन संभालेगा? मैं पूरा ध्यान रखूंगी उनका सब कुछ करूंगी उनके लिए और उनकी आध्या को ढूंढकर उनके सामने लेकर आऊंगी, वनराज शाह कुछ भी कहे लेकिन मैं मां हूं और मां का दिल जानता है कि मेरी बेटी जिंदा है और वह जल्द वापस आएगी और मुझे मेरे सवालों के जवाब देगी, लेकिन वह जवाब पूरे नहीं है सब आधा है, जानती हूं अंकुश भाई और बरखा भाभी मुझे कुछ छुपा रहे हैं और वह क्या छुपा रहे हैं यह तो मैं पता लगा कर ही रहूंगी। आगे मीनू कहीं जा रही होती है और वह अचानक वनराज से टकराती है, मीनू वनराज से कहती है सॉरी मामू सॉरी, वनराज कहता है इट्स ओके, बस जरा संभल कर, कदम अगर बहक जाए तो लड़खड़ा कर गिरने में समय नहीं लगता है पर कोई नहीं मैं जानता हूं कि तुम एक समझदार लड़की हो, कैसा रहा पहला दिन?

मीनू कहती है बहुत अच्छा था मामू सर मेरे काम से बहुत इंप्रेस हो गए, वनराज कहता है ऐसे ही अच्छा काम करते रहना और किसी ने परेशान तो नहीं किया? मीनू कहती है नही, हां थोड़ी सीनियर एटिट्यूड दिखा रहे थे रैगिंग कर रहे थे। वनराज कहता है अरे लेकिन रैगिंग तो अलाउड ही नहीं है, मीनू कहती है हां लेकिन कैंपस में ऐसे दो तीन नमूने मिल ही जाते हैं जो इंट्रो के नाम पर रैगिंग करते हैं। वनराज कहता है में तुम्हारे एचओडी से बात करता हूं, मीनू कहती है इसकी कोई जरूरत नहीं है, वनराज कहता है जरूरत है बेटा, ऐसे लड़कों को ढील दोगी तो वह सर में चढ़ जाएंगे। तोशू कहता है मुझे फोन करती ना एक एक की हड्डियां तोड़कर उसी अस्पताल में भर्ती करता में, मीनू कहती है तोशू भाई इट्स ओके, वनराज कहता है ऐसे कैसे उनकी हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी रैगिंग करने की, मीनू कहती है अरे नहीं मामू उन्होंने मेरी रैगिंग नही की, मतलब वह कर रहे थे पर सा...... वह सागर का नाम लेने से अपने आप को रोक लेती है और बात को घुमाकर कहती है की सारे लोग थे वहां पर तो में बच गई, वह कहती है ठीक है मामू में फ्रेश होकर आती हूं।

आगे अनुपमा पुरानी बातों को याद करती रहती है और उसे चोट आ जाती है नंदिता वहां आ जाती है और अनुपमा से पूछती है सब ठीक है ना अनुडी, अनुपमा कहती है कुछ ठीक नहीं है, मैं अनुज की भाई भाभी से अपने सवालों के जवाब मांगने गई थी, पर उनके जवाब ने मुझे और उलझा दिया। नंदिता पूछती है क्या बताया उन्होंने? अनुपमा कहती है कि बताने से ज्यादा वह छुपा रहे थे, अचानक मुझे वहां मेहता जी भी मिल गए, वह कुछ ओर बता रहे थे और अंकुश भाई और बरखा भाभी कुछ और ही कहानी बता रहे थे, अगर उन्हें अनुज की जरा भी चिंता होती तो जिस तरह से वह पार्टी कर रहे थे, जिस तरह से वह खुश थे वैसे नही होते, वह अभी तक उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रहे होते और जब मैंने पुलिस ने कंप्लेन करने के बाद में पूछा तो, बरखा भाभी के चेहरे का रंग ही उड़ गया इसका मतलब सायद उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट तक नहीं की है, गुमशुदा की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराई है तो जो लोग अनुज के लिए इतना नही कर सकते वह मेरी आध्या को ढूंढने अमेरिका क्या ही गए होंगे।



प्रीकेप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि अनुपमा, देविका से कहती है, मुझे तेरी मदद चाहिए सच में। देविका कहती है, बोल में तेरी क्या मदद करूं? अनुपमा कहती है, अनुज की हालत चाहे जैसे भी है, पर अपना सारा का सारा बिजनेस, अपना घर, अपनी इन्वेस्टमेंट, बरखा भाभी और अंकुश भाई के नाम कर देंगे, ऐसा नहीं हो सकता। देविका कहती है, इस बात पर तो मुझे भी यकीन नहीं हो रहा है। अनुपमा कहती है, मेरा मन जानता है कि मेरी बेटी जिंदा है, और ठीक है, बस अब उसे ढूंढना है, एक बार वह मिल जाएगी तो, मेरे अनुज भी ठीक हो जाएंगे। देविका कहती है की, तो इस पहेली का मिसिंग पीस आध्या है। तभी वहां दौड़ते हुए सागर आता है, और अनुपमा से कहता है कि, अनुज जी कमरे में नहीं है, और खिड़की भी खुली है। यह सुनकर अनुपमा के होश उड़ जाते हैं, और इसी के साथ आज का प्रोमों भी खत्म हो जाता है।


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