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Anupama 3rd August 2024 Episode Written Update Hindi: अनुज ने अनुपमा को बताया आध्या की मौत की वजह |
अब इस उम्र में तो दूसरी नौकरी नहीं मिलती मालिक बदल गया नए मालिक के साथ काम करना पड़ रहा है, अनुज सर ने कपाड़िया एम्पायर को अंकुश सर और बरखा मैम के नाम कर दिया। अनुपमा पूछती है नाम कर दिया मतलब अनुज ने पूरा बिजनेस भाई और भाभी के नाम कर दिया? मेहता जी बताते हैं कि सिर्फ बिजनेस नही बल्कि सब कुछ, बिजनेस, घर, शेयर्स, इन्वेस्टमेंट सब कुछ उन्होंने उनके नाम कर दिया है, अनुज सर कहां है कुछ पता है आपको आपकी बात हुई उनसे, वह ठीक तो है ना? मुझे तो बस यही बताया गया था कि वह वापिस अमेरिका चले गए हैं। अनुपमा बताती है कि उसकी अभी अनुज से बात नहीं हुई वह अमेरिका कब गए और आपसे किसने कहा की वह अमेरिका चले गए? वह बताते हैं कि अंकुश और बरखा ने उसे यह बताया और उन्होंने बताया कि वह सिर्फ अमेरिका का बिजनेस संभालेंगे और यहां का सारा बिजनेस यह दोनों देखेंगे।
अनुपमा पूछती है कि और क्या कहा उन्होंने? बताइए ना मेहता जी। मेहता जी इधर उधर देखते हैं तभी उन्हें बरखा और अंकुश दिखता है वह वहां से निकल जाते हैं। बरखा और अंकुश अनुपमा से पूछते हैं कि वह कैसी है और कहां रह रही है? अनुपमा कहती है कि वह अपने बारे में बताने नही आई है बल्कि वह अनुज के बारे में पूछने आई है वह पूछती है कहां है अनुज? उन्हें ढूंढ रही हूं तो अब आप लोग ही हैं जिनसे मुझे उनके बारे में कुछ पता चल सकता है इसलिए जैसे तैसे आपका एड्रेस पूछते पूछते यहां तक पहुंची हूं बताइए ना मेरे अनुज कहां है?, मेरी आध्या कहां है? बरखा कहती है अनुपमा क्या बताएं? कैसे बताएं? संभालना हां, जब हमें यूएस से कॉल आया की उसका एक्सीडेंट हुआ है हम भाग-भाग कर वहां गए, बहुत बुरी हालत थी अनुज की डॉक्टर ने तो यह तक कह दिया था कि बच पाना बिल्कुल आसान नहीं है। अंकुश बताता है कि यूएस का हेल्थ केयर सिस्टम थोड़ा अलग है लेकिन जैसे ही अनुज की हालत थोड़ी स्टेबल हुई हम उसे इंडिया ले आए, दिन-रात उसकी सेवा की।
बरखा कहती है दो महीने लगे अनुज को ठीक होने में अक्सर बेहोशी में नींद में वह बस आध्या आध्या करता था, अनुपमा पूछती है कि आप लोगों को पता है कि आध्या कहां है? अंकुश कहता है नही आध्या को बहुत ढूंढने की कोशिश की लेकिन उसका पता नहीं चला। बरखा कहती है में अनुज की देखभाल यहां कर रही थी और अंकुश आध्या को ढूंढने यूएस गए, वहां पर पुलिस की मदद भी ली पर आध्या नहीं मिली फिर अंकुश थके हारे वापस इंडिया आ गए और अभी अनुज को भी तो संभालना था उसकी हालत ठीक नहीं थी। अनुपमा पूछता है तो आध्या मिली फिर, कुछ पता चला कि वह कहां है? बरखा कहती है फिर एक दिन वह फोन आया उस फोन कॉल ने सब कुछ बदल दिया, न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट से फोन आया था उन्होंने बताया की उन्हें आध्या का समान और उसकी बॉडी एक लिफ्ट के सामने मिली थी।
अंकुश कहता है कि आध्या की मौत की खबर सुनकर अनुज की हालत और बिगड़ गई, अनुपमा उसे बोलने से रोकती है, वह मन में सोचती है 5 महीने पहले जब मैं इन्हें फोन किया था तब इन्होंने कहा था अनुज ठीक है और आध्या हॉस्टल में है और आज यह सब बोल रहे हैं, सायद यह झूठ बोलकर भूल गए हैं और अब तो यह पक्का झूठ बोल रहे हैं। बरखा पूछती है क्या हुआ अनुपमा? अनुपमा कहती है आध्या के बारे में ऐसा मत बोलिए, मुझे पुलिस पर भरोसा नहीं है, वह उनसे पूछती है कि अनुज कहां है? बरखा कहती है पता नहीं अनुपमा वही तो पता नहीं है कि अनुज कहां चला गया, अनुपम पूछता है ऐसे कैसे चले गए? अंकुश कहता है आध्या की मौत की खबर सुनने के बाद अनुज तो जैसे जीते जी मर गया, अनुपमा कहती है ऐसा मत बोलिए। बरखा कहती है सच में अनुपमा सच में, उसे ना जिंदगी से प्यार था ना किसी और चीज से, बिजनेस में भी उसका कोई इंटरेस्ट नहीं था, सब कुछ जबरदस्ती हमें सौंप कर चला गया, लेकिन उसने कहा कि कंपनी बंद नहीं हो सकती हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा।
अंकुश कहता है कि हमने उसे समझाने की बहुत कोशिश की, कि यह सब हमसे नहीं हो पाएगा लेकिन अनुज ने अपनी कसम दे दी हमें, एक दिन जब मैं उसके रूम में मेडिसिन लेकर गया था तो वह वहां पर था ही नहीं। बरखा कहती है हां, गायब ही हो गया उसी दिन से। अनुपमा पूछती है गायब हो गया मतलब वह कहां गए? आप लोगों ने उन्हें ढूंढने की कोशिश क्यों नहीं की। बरखा कहती है हमने बहुत कोशिश की अनुपमा भाई था वह हमारी जान सूख गई, अनुपमा पूछती है पुलिस के पास गाए थे, यह सुनकर बरखा घबराकर कहती है पुलिस के पास भी गए थे हम लोग। जब से अनुज गया है कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है यह बिजनेस भी मैं मन मारकर कर रहा हूं क्योंकि अनुज ने कसम दी थी हमें, बरखा कहती है यह पार्टी जो तुम देख रही हो यह क्लाइंट के लिए पार्टी की है अनुज का बिजनेस है तो संभालना पड़ेगा।
अनुपमा उन्हें धन्यवाद देती है कि उन्होंने अनुज के लिए इतना कुछ किया है और इतना कुछ कर रहे हैं, पर जब मैंने आपको फोन किया भाई तब आपने क्यों नहीं बताया की आध्या घर से चली गई है, कहां गई वह? अंकुश कहता है हमने भी अनुज से पूछा कि आध्या घर छोड़कर क्यों चली गई? लेकिन अनुज ने हमें कुछ भी नहीं बताया। बरखा कहती है तुम्हें कुछ पता है आध्या के बारे में की वह घर छोड़कर क्यों गई थी? अंकुश पूछता है या अनुज के बारे में कुछ पता हो? बरखा कहती है अनुपमा कुछ भी पता हो, कोई भी इनफॉर्मेशन हो हमें बता दो,बहुत फिक्र हो रही है हमें अनुज की पता नहीं किस हाल में होगा कहां होगा। वह दोनों अनुपमा को बार-बार यही पूछते हैं कि कुछ भी पता हो तो हमें बता देना, अनुपमा कहती है अगर पता होता तो मैं उन्हें ढूंढने यहां क्यों आती? मुझे तो लगा था कि वह आप दोनों के पास होंगे यहां होंगे आप दोनों को उनके बारे में सब कुछ पता होगा इसलिए मैं यहां आई थी पर?
बरखा कहती है सही बात है अगर तुम्हें पता होता तो तुम यहां क्यों आती उसे ढूंढने? लेकिन तुम्हें देखकर लगा कि शायद तुम्हें कुछ पता हो, इसलिए उम्मीद सी जाग गई मन में यह बहुत अनफॉर्चुनेट है कि अनुज के बारे में ना हमें पता है और ना ही अनुपमा को, कहां होगा अनुज अंकुश? अनुपमा उनसे विदा लेती है। वह जाते-जाते मन में सोचती है की यह सौ टका सच नहीं बोल रहे हैं इनके झूठ बोलने की वजह पता चल जाती तो सच अपने आप बाहर आ जाएगा। उधर बालाकाका अनुज को बच्चों के सामने ले जाता है और कहता है यह चारों बच्चे बहुत शैतान हैं लेकिन बहुत क्यूट भी हैं, वह अनुज से कहता है कि लगता है तुम्हें बच्चे बहुत पसंद है ना? बच्चे घर की रौनक होते हैं जिनसे घर हरा-भरा रहता है लेकिन मेरे लिए तो मेरे हरे-भरे पौधे ही मेरे बच्चे हैं। अनुज बालाकाका की बातें ना सुनकर, बच्चों की ओर देखने लगता है जिसमें उसे आध्या नजर आती है।
प्रीकेप: अनुपमा के आज के प्रोमों में, दिखाया जाता है कि, वनराज अनुज को उठाते हुए कहता है, उठो अनुज। अनुज कहता है, आध्या चली गई, वनराज उसे कहता है कि, मुझे माफ कर दो। अनुपमा अनुज से कहती है कि, आध्या आएगी, अनुज चिल्लाते हुए कहता है, नही आएगी आध्या, आध्या के जाने की सबसे बड़ी वजह, तुम जानती हो तुम क्या है? मैंने तुम्हें चुना, जिसकी वजह से मेरी बेटी, मुझे छोड़कर चली गई। वनराज कहता है, यह अनुपमा जोशी, किसी का भला नहीं कर सकती। तोशू कहता है, औलाद तो औलाद, इन्होंने तो अपने पतियों को भी बर्बाद कर दिया, पाखी कहती है की, यह अपने सगे बच्चों की, सगी नही हो सकी, तो किसी एडोप्टेड बच्चे की, सगी कैसे होगी? वनराज अनुपमा से कहता है कि, तुम अपना नाम बदल लो, क्योंकि तुम, मां बनने और मां कहलाने के लायक हो ही नहीं, इसी के साथ आज का प्रोमों भी खत्म हो जाता है।
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