Anupama 2nd August 2024 Episode Written Update Hindi: अनुपमा पहुंची अंकुश और बरखा के घर

Anupama 2nd August 2024 Episode Written Update Hindi: अनुपमा पहुंची अंकुश और बरखा के घर

Anupama 2nd August 2024 Episode Written Update Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड में दिखाया जाता है कि अनुपमा कहती है में देर-सवेर कल तक आ ही जाऊंगी, तब तक अगर कोई भी इमरजेंसी हो तो किंजल और तपिश को बुला लेना, वह मदद कर देंगे। इंद्रा पूछती है तेरे पास उनका एड्रेस तो है ना! अनुपमा का कहना है कि उसके पास एड्रेस है यशदीप सर ने उसे भेजा था, वैसे अंकुश भाई अनुज से बहुत प्यार करते थे पता नहीं क्या हुआ जो उन्होंने अनुज से इतना बड़ा झूठ कहा, बस उन्हें जाकर पूछना है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? और हो सकता है कि उन्हें आध्या के बारे में कुछ पता हो। नंदिता पूछती है अनुड़ी आपने उन्हें बता तो दिया ना की आप वहां आ रही हो? अनुपमा का कहना है उसने नही बताया क्योंकि उनका फोन नहीं लगा और वह उनके बात होने तक नही रुक सकती, 24 घंटे अनुपमा के दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा है कि कब वह आध्या के बारे में उनसे पूछेगी? क्योंकि उसके सवालों के जवाब अनुज नही दे पा रहे हैं इसलिए वह अपने सवालों का जवाब अंकुश भाई और बरखा भाभी से लेगी, अनुपमा का मानना है कि एक बार आध्या उसे मिल गई तो अनुज सदमे से बाहर आ जायेगा।

सागर अनुपमा से कहता है कि वह अकेली क्यों जा रही है वह भी उसके साथ चला जाएगा। अनुपमा उसे पूछती है कि वह उसके साथ ऐसी हालत में कैसे जाएगा, क्योंकी सागर को इतनी अभी अभी चोट लगी है और वह दर्द से खड़ा नही हो पा रहा है, अनुपमा का कहना है कि अगर वह ठीक होता तो वह उसे जरूर ले जाती। बालाकाका कहते हैं कि वह अनुपमा के साथ जायेंगे, अनुपमा उससे कहती है कि अगर वह चलें जायेंगे तो अनुज का ध्यान कौन रखेगा? उनके भरोसे ही तो वह अनुज को छोड़कर जा रही है। वह आगे कहती है वैसे में जानती हूं कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है पर फिर भी कहे बिना दिल नही मानेगा, आप सभी से विनती है कि मेरे अनुज का ध्यान रखिएगा और उन्हें शाह परिवार के गेट के आस-पास भी मत जाने देना। बालाकाका कहते हैं तुम फिक्र मत करना मैं साए की तरह उसके साथ रहूंगा, तुम आराम से जाओ। इंद्रा कहती है और अगर बालाजी बिजी हो किसी काम में तो मैं अनुज का ध्यान रखूंगी।

नंदिता कहती है की खाने-पीने की जिम्मेदारी वह लेती है, वह सभी कोई न कोई काम की जिम्मेदारी लेकर अनुपमा को बेफिक्र रहने के लिए कहते हैं, आगे अनुपमा जाने लगती है और बालाकाका से कहती है कि वैसे कल शाम तक तो आ ही जाऊंगी, लेकिन अगर राजपाल आए तो उसे कहना की में बाहर गई हूं, और कावेरी का चारा उठा लेना, और मीनाक्षी ठक्कर को फोन करके टैक्स के बारे में बता दीजिए, हो सकता है कि उनका मन बदल जाए और वह हमें डोनेशन दे दे। इंद्रा कहती है हां हां हम सब संभाल लेंगे अभी तू जा, आगे अनुपमा अनुज को देखती है और कहती है आपके सामने आ कर आपको तकलीफ नहीं दूंगी कपाड़िया जी, में हमारी आध्या को ढूंढने जा रही हूं सोचा था मिलकर ढूंढेंगे लेकिन अब यह लड़ाई मुझे अकेले ही लड़नी होगी, कोई बात नहीं आप नही तो कम से कम आपका प्यार तो मेरे साथ है, सवालों के जवाब लेकर आती हूं, अनुपमा जाने लगती है वह कावेरी से कहती है कि कल तक आ आऊंगी मेरे पीछे भूख हड़ताल पर मत बैठना और कॉफी का भी ध्यान रखना उसके साथ झगड़ा मत करना।

आगे वहां बाबा आते हैं अनुपमा कहती है बाबा आप वह उन्हें प्रणाम करती है बाबा उसे अनुज का सामान देते हुए कहतें हैं कि हम आश्रम छोड़ कर जा रहे हैं और हमें कान्हा का यह समान मिला तो सोचा उसे दे दूं। अनुपमा कहती है यह तो अनुज का है वह पर्स को खोलती है जिसमें अनुज ने उसकी ओर आध्या की फोटो लगाई है वह उसे देखकर रोने लगती है अनुपमा कहती है आपके बटवे में, दिल में और यादों में मैं हूं फिर मुझसे दूर क्यों भाग रहे हैं कपाड़िया जी? अनुज उससे पर्स छीनता है और कहता है यह मेरा है, इसमें आध्या है। बाबा कहते हैं सवालों के जवाब इतनी आसानी से नहीं मिलते पर तू हिम्मत मत हारना, कोशिश करते रहना राधे राधे। अनुपमा अपने आंसू पोंछती है और वहां से चली जाती है, उधर मीनू डॉक्टर के कपड़े ट्राई करते हुए खुद को ऑल द बेस्ट कहती है, किंजल और बा वहां आती है किंजल कहती है में भी कभी-कभी चीजों से बातें करती रहती हूं जब बच्चे में ही नहीं सुनते तो मैं अपनी सारी भड़ास चीजो पर निकाल लेती हूं। कभी-कभी आशा भवन की कॉफी के साथ भी। मीनू कहती है बेजान चीजों में भी एनर्जी होती है हम चाहे तो उनके साथ भी कनेक्ट कर सकते हैं, किंजल पूछती है कि आज तुम्हारी इंटेनशिप का पहला दिन है ना? मीनू कहती है हां भाभी बहुत डर लग रहा है।

किंजल कहती है डरने की क्या जरूरत है? डरने वाली कोई बात नहीं है, बा कहती है हां तू हॉस्पिटल जा रही है युद्ध भूमि में नहीं। मीनू कहती है हां बा लेकिन कॉलेज कैंपस में एमबीबीएस करना और रियल लाइफ में रीयल पेसेंट के साथ डील करना बहुत अलग है, कितने लोगों की जान मेरे हाथों में होगी और कितने लोगों की उम्मीदें मुझसे बंधी होगी, रोज जिंदगी और मौत लड़ाई लड़नी होगी, बा डॉक्टर बनना इतना मुश्किल नहीं है जितना कि डॉक्टर होना, में डॉक्टर बनना चाहती थी ताकि लोगों की सेवा कर सकूं, लेकिन कल को मेरी किसी गलती की वजह से किसी की जान पर बन आए बस इसलिए ज्यादा डर लग रहा है। किंजल कहती है डरो मत पर मैं समझ सकती हूं कि, पहले दिन ज्यादा नर्वसनेस होती है बा कहती है फिर चाहे वह पहला दिन ससुराल में हो, रसोई में हो या गाड़ी चलाना हो डर तो लगता है, किंजल कहती है यही डर आपको अच्छा करने के लिए इंस्पायर करता है। बा कहती है तू चिंता मत कर तू अच्छी भी है और काबिल भी, मीनू बा को धन्यवाद देती है और बा उसे दही शक्कर खिलाने को कहती है। उधर अनुपमा सागर को फोन करके अनुज का हाल पूछती है, सागर पूछता है कि वह पहुंच गई जिसपर अनुपमा कहती है कि वह अभी बस स्टैंड से बाहर निकली है और अब ऑटो पकड़ रही है।

अनुपमा सागर से एक साथ कई सवाल पूछती है जिसपर सागर कहता है कि सवाल किए जा रही हैं पर जवाब नहीं सुना जा रहा है, वह अनुपमा को बताता है कि बालाकाका ने अनुज जी का सॉल अपने गमछे से बांध कर रखा है और उनके पीछे-पीछे ही घूम रहे हैं और नंदिता और आशा के पास इंद्रा जी हैं और उसने दरवाजे और खिड़कियां सब बंद करवा दिया है और उसने मोहल्ले में सबको बोल लिया है कि सुशील जहां दिखें टांगे तोड़ देना उसकी, अनुपमा पूछती है कि वह हमारे पड़ोसियों ने परेशान तो नहीं किया ना? वह कहता है कि फिलहाल सब शांत है लेकिन आपका कॉफी ना पानी पी रहा है और ना खाना खा रहा है, आप नही हो तो इसका मन ही नहीं लग रहा है, अनुपमा कहती है एक काम कर स्पीकर पर फोन डालकर उसे फोन दे, सागर कॉफी के सामने जाकर उससे अनुपमा की बात करवाता है। अनुपमा उसे कहती है कि वह उसका राजा बेटा है ना तो वह खाना खा ले, में जल्दी यहां का काम खत्म करके वहां जाऊंगी, सागर कुछ लाया है तेरे लिए खाने को, वह खा लेना भूखे पेट मत रहना, सागर कहता है कावेरी जितनी समझदार है, यह उतना ही शैतान है।

आगे सागर अनुपमा से पूछता है कि वह ठीक है ना? अनुपमा कहती है कि उसके अनुज ठीक नहीं है तो वह कैसे ठीक हो सकती है वह फोन रखती है और कहती है कि अंकुश भाई और बरखा भाभी अब इनसे मिलना है, इनसे बहुत सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे। उधर वनराज मीनू की आरती उतरता है और बा उसे दही शक्कर खिलाती है, वनराज मीनू को आशीर्वाद देता है कि वह खूब बड़ी डॉक्टर बने, मीनू उसे धन्यवाद देती है। किंजल कहती है नर्वस होने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह रॉकस्टार है, बाकी घरवाले भी उसे ऑल द बेस्ट कहते हैं, वह सभी को धन्यवाद देती है। वनराज कहता है बेटा मैंने ड्राइवर को कह दिया है वह तुम्हें छोड़ देगा, मीनू कहती है की इसकी जरूरत नहीं है वह मैनेज कर लेगी, बा कहती है कि गाड़ी होते हुए वह रिक्शे के धक्के क्यों खायेगी। मीनू कहती है कि वह रसिया में भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज करती थी और इंडिया में तो इतने सारे ऑप्शन हैं और ऑटो तो बेस्ट हैं, कहीं से भी पकड़ो और कहीं भी रोको और घर के अन्दर तक छोड़ता है। पाखी कहती है मीनू कहीं ऑटो लव के चक्कर में पड़ोसी पर मेहरबान मत हो जाना ठीक है, यह सुनते ही सभी घरवाले शॉक होते हैं।

किंजल कहती है कि मीनू को वह ड्रॉप कर देगी, मीनू सभी से बिदाई लेती है। वनराज तोशू से पूछता है कि उसे कुछ काम है वैसे भी तुम फ्री हो ना? और वह चाहता है कि तोशू मीनू पर 24 घंटे नजर रखे, क्योंकि मीनू है तो बहुत पढ़ी लिखी लेकिन है तो बच्ची ही, और डॉली ने और संजय भाई ने इसे यहां पर उसकी जिम्मेदारी पर भेजा है और वह नही चाहता कि यहां पर उसके साथ कुछ भी उल्टा सीधा हो। तोशू कहता है कि वह मीनू के सारे अपडेट्स उसे देता रहेगा, वह वनराज से पूछता है कि वह गाड़ी की चाबी ले ले, वनराज कहता है ले जा, उधर वनराज को राजपाल का फोन आता है वह वनराज से कुछ कहता है जिसपर वनराज कहता है कि यह तो बहुत अच्छी खबर है, आज ही मिल लेते हैं। उधर अनुपमा को एड्रेस नहीं मिल रहा है वह लोगों से भी पूछती है लेकिन उसे कुछ पता नहीं लगता वह थक हारकर फिर से ऑटो में बैठ जाती है। इधर मीनू और किंजल ऑटो को रुकाने की कोशिश करते हैं पर कोई नहीं रुकता वह कैब बुक करने की सोचते हैं लेकिन कैब 17 मिनट बता रही होती है मीनू कहती है कि वह फर्स्ट डे पर ही लेट हो जायेगी।

तभी वहां सागर ऑटो लेकर आता है और कहता है कि इस वक्त में पड़ोसी नहीं बस एक ऑटो वाला हूं जल्दी बैठ जाओ कोई देख न ले। किंजल कहती है तुम्हारा फर्स्ट डे है कहीं लेट ना हो जाओ, में लेट हो जाऊं तो चलेगा लेकिन तुम्हें लेट नहीं होना है, प्लीज चलो चलते हैं। उधर अनुपमा को एड्रेस मिल जाता है वह ऑटो वाले को पैसे देती है, किंजल सागर को धन्यवाद देती है, सागर कहता है यह उसका काम है वह कोई एहसान नहीं कर रहा है। मीनू कहती है कि तुम्हारा ऑटो काफी यूनिक है और उसने पहले भी नोटिस किया है पर वह बोल नही पाई, वह मीनू को धन्यवाद देता है, आगे मीनू को खांसी होती है सागर उसे पानी देता है पर उसकी खांसी नही जाती, वह अपनी जेब से खांसी की गोली उसे देता है मीनू पूछती है कि उसके ऑटो में सिर्फ काम का सामान रहता है क्या? वह कहता है कि यह कोई मामूली ऑटो नही है।


प्रीकेप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि, आध्या अपने साथी बच्चों के साथ खेल रही है, और अनुज उसे देखकर, दौड़ते हुए उसकी ओर जाता है। आध्या कहती है, पॉप्स मैं आपका कब से इंतजार कर रही हूं, जल्दी आइए, वह दोनों गले मिलते हैं। तभी हमें पता चलता है कि अनुज, इशू को गले लगाकर उसे आध्या समझ बैठा है। वह इशू कहती है, छोड़ो ना अंकल, प्लीज अंकल छोड़ो ना। बा अनुज को देखती है और घबराकर उससे कहती है, मेरी बच्ची को छोड़। वहां सारा शाह परिवार इकट्ठा हो जाता है और वनराज इशू को अनुज से छुड़वाता है। वह अनुज के धुनाई करने लगता है, लेकिन तभी वहां अनुपमा पहुंचती है, और वनराज को रुकने के लिए कहती है। बा अनुपमा से कहती है की, इसे आशा भवन में रखना है, तो संभाल के रखना पड़ेगा, इसकी वजह से हमें, कोई परेशानी नहीं चाहिए। अनुपमा अनुज को समझाते हुए कहती है, आध्या अभी यहां नहीं है। अनुज कहता है, कैसे? हो सकती है वह आध्या, आध्या हमेशा के लिए, अपने पिता को छोड़कर चली जो गई है। आगे अनुज अनुपमा से कहता है, मेरी आध्या के मरने की सबसे बड़ी वजह तुम हो, और आध्या की मौत, तुम्हारी वजह से हुई है। इसी के साथ आज का प्रोमों खत्म हो जाता है।


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