Anupama 21th August 2024 Written Update Hindi: नए ठेले को लेकर वनराज ने उड़ाई अनुपमा की

Anupama 21th August 2024 Written Update Hindi
Anupama 21th August 2024 Written Update Hindi: नए ठेले को लेकर वनराज ने उड़ाई अनुपमा की

Anupama 21th August 2024 Written Update Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड की शुरूआत अनुपमा द्वारा अनुज के साथ स्ट्रेस कम करने वाले गैजेट्स के बारे में चर्चा करने से होती है। अनुपमा अनुज से कहती है कि यह स्ट्रेस कम कर देता है और आजकल के बच्चों के पास भी स्ट्रेस कम करने के लिए है कुछ होता है। तब अनुज उसे बताता है की उसे विजिट स्पिनर कहते हैं वह कहता है कि हम ना तो बच्चे हैं और ना ही वह जमाना है हमारे जमाने में मैग्नेट स्पिनर होता था, अनुपमा कहती है जिसके पास यह भी नही होता था वह अंगुलियों के बीच पेन घूमते थे और फिर दोनों उन चुम्बकों से खेलने लगते हैं। उधर मीनू के दोस्त जाते-जाते उसके घर के खाने की तारीफें करते हैं और कहते हैं कास कोई सिंपल खाना उन्हें भी भेज सके, अनुपमा और अनुज भी बाहर ही बैठे रहते हैं और उनकी बातें सुनते हैं अनुपमा के मन में उनकी बातें सुनकर कुछ ख्याल आता है।

आगे टीटू किंजल की बातों से परेशान होकर कहीं जाते हुए सोचता रहता है कि परसों इतना झगड़ा हुआ लेकिन डिंपी ने मुझे एक बार भी सॉरी नही कहा और कल फेस्टिवल में भी मुझे इग्नोर कर रही थी और आज फिर से वही कलेश और झगड़ा वह भी किस लिए क्योंकि में अंश को मंदिर ले जाना चाहता था? मेरा अपने बेटे पर हक नहीं है तो में यहां कर क्या रहा हूं? वह चलते-चलते जैसे ही कील पर पैर रखने वाला होता है की तभी नंदिता उसे खींचती है और कहती है ध्यान कहां है आपका? वह टीटू को बैठाती है और उसे पानी देती है। नंदिता कहती है में यह नहीं पूछूंगी की क्या हुआ अक्सर आपके घर लड़ाइयों की आवाजें हमारे घर में भी सुनाई देती हैं तो मालूम है। वह टीटू को समझती है और टीटू भी कहता है कि बच्चे को लेकर थोड़ा विवाद हो जाता है और वह कहता है की वैसे डिंपी बुरी नही है बस वह गुस्से पर काबू नहीं रख पाती है। फिर नंदिता भी अपनी दुख भरी कहानी सुनाती है और कहती है कि यह में अपने हमदर्दी के लिए नही बता रही हूं इसलिए बता रही हूं कि मेरा दुख सुनकर आपको सायद अपना दुख कम लगे।

आगे डिंपी उन दोनों को बात करते हुए देखती है और कहती है कि बा ने मुझे टीटू को मानने के लिए डांटकर भेजा और यहां यह हंस हंसकर आशा भवन वाली के साथ बातें कर रहा है? आगे अनुपमा अपने किसी आइडिया को लेकर आशा भवन के लोगों से पूछती है कि उन्हें उसका आइडिया कैसा लगा? सभी घरवाले उसके आइडिया की तारीफें करते हैं, अनुपमा कहती है कि लेकिन यह में अकेले नहीं कर सकती आप सबको मेरी मदद करनी होगी। सभी घरवाले तैयार हो जाते हैं अनुपमा कहती है आध्या को भी ढूंढना है सब कुछ एक साथ करना होगा, सबको सबकुछ एक साथ संभालकर चलना होगा। बाबूजी कहते हैं यही तो जीवन है थका देता है लेकिन थकने के बाद रुकने की इजाजत नहीं देता, अनुपमा सभी को काम बंटती है। उधर टीटू नंदिता को कहता है कि तुमसे बात करके मेरा मन हल्का हो गया, नंदिता कहती है अभी देर नहीं हुई है आप और डिंपी अपने रिश्ते को फिर से ठीक कर सकते हैं। तभी उन्हें घर में आते हुए फिर से डिंपी देखती है और गुस्से से नंदिता को कहती है कि खुद के पति ने छोड़ दिया तो तुम मेरे पति पर डोरे डाल रही हो तुम जैसी कैरेक्टर लेस लड़कियों की वजह से दूसरों का घर टूटता है। टीटू उसे रोकते हुए कहता है क्या बकवास कर रही हो? डिंपी कहती है कि तुम इसके लिए मुझे डांट रहे हो मतलब आग दोनों तरफ लगी हुई है।

डिंपी और पाखी टीटू और नंदिता पर आरोपों की बरसात कर देते हैं। तभी बाबूजी नंदिता के पक्ष में उतरते हैं लेकिन वहां बा आती है और बाबूजी पर भी गैरों के पक्ष में होने का आरोप लगाती हैं। पाखी पूरा कसूर अनुपमा पर डाल देती है और बाबूजी पाखी को डांटते हुए कहते हैं चुप हो जा वरना मेरा हाथ उठ जाएगा, वह सबको घर जाने को कहते हैं। नंदिता रोते हुए वहां से चली जाती है, डिंपी और पाखी भी अपने घर निकल जाते हैं टीटू भी वहां से चला जाता है। बा बाबूजी से कहते हैं कि उन्हें पहले सिर्फ अनुपमा प्यारी लगती थी अब यह नंदिता भी लगने लगी और एक हम ही हैं जो आपको एक आंख नहीं भाते। बाबूजी कहते हैं डिंपी, पाखी और तू तीनों गलत हो और मैं गलत का साथ नहीं देता। बा और बाबूजी भी लड़ कर अपने घर को निकलने लगते हैं, बालाकाका कहते हैं कि डिंपी और पाखी वनराज के कान जरूर भरेंगे। उधर घर में नंदिता रोती रहती है बाबूजी उससे कहते हैं कि सामने वाले की सोच छोटी है इसमें तेरी कोई गलती नही है बालाकाका भी उसे चुप होने को कहते हैं। नंदिता बालाकाका और बाबूजी से अनुपमा को कुछ नही बताने के लिए कहती है।

उधर अनुपमा समान लेकर वहां पहुंचती है और कहती है कि सभी काम पर लग जाए, बाबूजी कहते हैं कि ऐसे नहीं पहले गाना लगाओ और फिर नाचते गाते हुए हम काम करेंगे। सागर गाना लगाता है और सभी काम पर लग जाते हैं और फिर अनुपमा 'अनु की रसोई' की ओपनिंग करती है। सागर कहता है परफेक्ट जगह है कॉलेज के बच्चे यहीं से आते जाते हैं और इंद्रा कहती है अनु के खाने की खुशबू उन्हें आगे ही नहीं बढ़ने देगी, अनुपमा कहती है काश ऐसा ही हो। अनुपमा कहती है जिंदगी के दौड़ में हालातों के पत्थर से बार-बार ठोकरें लगेगी और हम बार-बार गिरेंगे लेकिन हमें हर बार उठना है और फिर से दौड़ लगानी है। बाबूजी पूछते हैं कि लेकिन यह 'अनु की रसोई' क्यों? 'अनुपमा की रसोई' क्यों नहीं? अनुपमा कहती है यह अनु ये अनुपमा नहीं है यह हमारी छोटी अनु है। यह सुनकर अनुज ताली बजाने लगता है और अनुपमा कहती है आज नहीं तो कल हमारी अनु मिल जाएगी और जब तक वह नही मिलती तब तक उसका यह नाम हमारे पास है। अनुज अनुपमा में आरती की थाली देता है और अनुपमा जैसे ही आरती उतारने वाली होती है वहां वनराज पहुंच जाता है।

वह हंसते हुए बोलता है वाह! वाह! 'अनु की रसोई' वह अनुपमा से कहता है तुम तो सुपर स्टार सैफ विनर और अमेरिका में स्पाइस एंड चटनी की आधी मालकिन और अहमदाबाद में आके सीधे यह ठेला? वह अनुपमा से आगे कहता है कि थोड़ा सेल वेल कर लो और इसके बाद इन्वेस्ट करके चार बड़े कटोरे ले लो, आगे जाकर भीख मांगने के काम आएंगे पैसा और इकठ्ठा होगा। तुम तो अमेरिका के नीले आसमानो में उड़ना चाहती थी और वह उड़ान भरी और सीधे ठेले पर जाकर लेंड करी? पाखी कहती है मम्मी आपका क्लास नही है स्टेटस नही है लेकिन हमारा तो है ना? क्यों हमें सबके सामने एंबेरेस करने पर तुली हुई हैं आप क्या बोलूंगी में अपने दोस्तों को? अनुपमा कहती है तू अपनी फ्रेंड से यही कहना की यह ठेला तेरी मां का है पर तुझे और तेरी फ्रेंड को यहां पर एक फूटी कौड़ी का डिस्काउंट नहीं मिलेगा और तुम लोग मेरे बारे में क्या सोचते हो मुझे जरा भी फर्क नहीं पड़ता। वनराज कहता है लेकिन हमें फर्क पड़ता है अनुपमा कहती है स्पाइस एंड चटनी में मैने साफ सफाई करके ही शुरुआत की थी तब जाके उसकी मालकिन बनी और में वहां भी मेहनत करती थी और यहां भी करूंगी, काम करने में तुम जैसों को शर्म आती होगी मुझे नही, मेरे लिए मेरा काम पूजा है।


प्रीकैप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि अनुपमा अपने नए ठेले, 'अनु की रसोई' की ओपनिंग करती है और वह कहती है जिंदगी में ठोकरें लिखीं हों तो रास्ते खुद बनाने पड़ते हैं। आगे दिखाया जाता है कि अनुपमा के लिए खाने का एक ऑर्डर आता है जिसे अनुपमा को होम डिलीवरी करना है। अनुपमा उसका ऑर्डर पैक करके उसे देने जाने ही वाली होती है कि तभी वहां अचानक बारिश आने लगती है। अनुपमा कहती है अभी कैसे डिलीवर करूं? तभी वहां अनुज ऑटो लेकर पहुंचता है और अनुपमा से कहता है में कुछ मदद करूं तुम्हारी? अनुपमा कहती है यह ऑर्डर बाजू की गली में देना है एड्रेस लिखा है। अनुज वह पैकेट पकड़ता है और उसे लेकर एड्रेस पर पहुंच जाता है। वह बेल बजाता है और एक लेडी वहां आती है और वह अनुज से पार्सल पकड़ती है और तुरंत दरवाजा बंद कर लेती है अनुज को कुछ अजीब लगता है। आगे दिखाया जाता है कि वह लेडी उस पैकेट को लेकर आध्या के टेबल में रखती है और आध्या उससे खाना निकालकर खाने लगती है। जैसे ही वह एक निवाला मुंह में डालती है उसे अनुपमा के हाथों का स्वाद आता है और वह कहती है मम्मी? आगे क्या अनु की रसोई का स्वाद फिर लायेगा एक मां और बेटी को पास?

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