Anupama 31st July 2024 Episode Written Update Hindi: वनराज ने की सागर की पिटाई, लगाए संगीन आरोप

Anupama 31st July 2024 Episode Written Update Hindi
Anupama 31st July 2024 Episode Written Update Hindi: वनराज ने की सागर की पिटाई, लगाए संगीन आरोप

Anupama 31st July 2024 Episode Written Update Hindi: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है की अनुपमा खुद से कहती है, छोटी कहां है तू मेरा मन जानता है कि तू हमें छोड़कर नहीं गई, तू नाराज होकर जा सकती है, घर छोड़कर जा सकती है, लेकिन हमेशा के लिए घर छोड़कर ऐसा हो ही नहीं सकता, ऐसा तू नहीं करेगी वापिस आ जा बेटा जहां भी है, मेरे लिए ना सही किसी के लिए ना सही लेकिन अपने पापा के लिए वापिस आ जा। आगे अनुपमा के एपिसोड में आध्या के बारे में खुलासा करते हुए दिखाया जाता है कि आध्या की दोस्त उससे पूछती है, कल से हॉलीडे शुरू है तुम्हें अपने घर वापिस नहीं जाना, आध्या कहती है मेरा कोई घर नहीं है मेरे मम्मी और पापा मर चुके हैं, मेरा अब कोई नहीं है। आगे किंजल माही से कहती है माही बेटा आपकी मम्मी का फोन आया है, माही अपनी मम्मी से कहती है की मुझे आपकी बहुत याद आ रही है और किंजल भाभी उसका अच्छे से ध्यान रखती है, वह आगे कहती है की मुझे आपकी गोदी में सोना है, मुझे आपके बिना अच्छा नहीं लगता प्लीज जल्दी आ जाओ। किंजल माही से कहती है माही बेटा रोते नही है में हूं ना, मीनू माही से पूछती है माही बेटे रो क्यों रही हो? मम्मा की याद तो मुझे भी आती है पर मैं आपकी तरह रोती नहीं हूं।

माही कहती है लेकिन आप तो बड़े हो, मीनू कहती है कि तो बड़े लोगों को भी मम्मी और पापा चाहिए होते हैं और आप तो इतने लकी हो क्योंकि आपके पास पापा है, माही पूछती है कि लेकिन जब आपको मम्मी और पापा की याद आती है तो आप क्या करते हो? मीनू का कहना है कि वह रोती नहीं हूं मैं सेड हो जाती हूं और थोड़ी देर बाद ठीक भी हो जाती है, और अपनी सैडनेस को दूर कर देती है। माही पूछती है कैसे? मीनू कहती है अभी बताती हूं वह 'बम बम बोले' गाने पर डांस करने लगती है और उसके साथ अभी बच्चे की डांस करने लगते हैं और खुशी से झूम उठते हैं। आगे अनुपमा यशदीप को फोन लगती है और उनसे पूछती है की हमारी आध्या का कुछ पता चला, कहीं से कुछ भी पता चला, वह कहती है अनुज तो कुछ नहीं बता रहे हैं, वह इस हालत में नहीं है सर, अब आप ही पता लगाइए ना सर, कुछ समझ नहीं आ रहा है कि अनुज के घर का क्या हुआ? उनके बिजनेस का क्या हुआ? वह इस हालत में कैसे आए? कुछ समझ ही नहीं आ रहा है सर, बस मेरी बच्ची मिल जाए सब ठीक हो जाएगा, उसे ढूंढ दीजिए ना सर, मैंने श्रुति जी को भी फोन लगाया था पर उनका फोन बंद है उनका भी पता चले तो बता दीजिएगा।

सर मैंने सबको फोन करके बोल दिया है कि आध्या का कुछ पता चल तो बता दीजिएगा, अब आप ही एक सहारा हैं सर, हां सर कुछ भी पता चले तो बता दीजिएगा, आध्या के मिलते ही सब ठीक हो जाएगा न तब हम आपसे मिलने आएंगे। आगे दिखाया जाता है कि बालाकाका इंद्रा से कहते हैं कि बैंगलोर में उनकी एक जमीन है और उन्होंने अपने दोस्त से उसे बेचने के लिए बोल दिया है। इंद्रा पूछती है लेकिन क्यों? आपका घर तो आपके परिवार वालों ने छीन लिया है और आपके पास तो यही एक जमीन बची हुई है फिर इसे? बालाकाका कहते हैं अब यह जमीन बेचकर अगर मेरा यह घर और आशा भवन अगर बच जाता है तो यह डील अच्छा है की नहीं? आपको मालूम है अब यह आशा भवन ही मेरा घर परिवार सब कुछ है, मैने सोच लिया की मरते दम तक में यहीं रहूंगा, सबके साथ हंसते-खेलते मिल-जुलकर, जो रूठा सुखा मिलेगा खाएंगे लेकिन यहीं रहेंगे। लेकिन मेरा ऑयल शैम्पू और कंडीशनर में कंप्रोमाइज नहीं करूंगा वह मेरे को चाहिए। 

इंद्रा उनकी बातों पर हंसते हैं, बालाकाका केहतें हैं अगर इस जमीन की कीमत अच्छी मिल गई तो, हमारा यह आशा भवन रॉक हो जाएगा। इंद्रा कहती है मेरा भी बहुत मन है बाला जी की में भी इस आशा भवन के लिए कुछ कर पाती। बालाकाका कहते हैं आप भी बच्चों जैसे बात करती हैं अभी मैंने किया आपने किया एक ही बात है, इंद्रा कहती है मतलब, बालाकाका कहते हैं कि हम सब आशा भवन के लोग एक फैमिली की तरह ही तो हैं इस फैमली में तेरा-मेरा नही होना चाहिए। इंद्रा कहती है मुझे अनु के लिए बहुत बुरा लगता है वह बेचारी आशा भवन के लिए क्या-क्या करेगी, उसके ऊपर इस आशा भवन का बोझ है उपर से अनुज की यह हालत, उसकी बेटी गायब है उसके पैर का दर्द और जो बची कूची कमी है वह नीला जी और वनराज पूरी कर देते हैं, औरत लड़ते-लड़ते थक जाती है लेकिन हार कभी नहीं मानती, अनु भी वही कर रही है अपना दिल का दर्द छिपा रही है अपने पैर के दर्द को अनदेखा कर रही है, लेकिन कब तक? बालाकाका कहते हैं इसी लिए तो मैं मेरी जमीन का प्लान किया है। इंद्रा कहती है में भी सोच रही हूं की में अपनी किडनी, बालाकाका उसे चुप करवाते हुए कहते हैं खबरदार जो ऐसी बात किया आपने तो, आपको मालूम है आपको कुछ हो गया तो मेरा, मतलब हम सब आशा परिवार का क्या होगा? अनु, सागर, नंदिता का क्या होगा? ऐसी बात नहीं करना, देना है तो किडनी क्यों? दिल दे दीजिए ना। इंद्रा कहती है बाला जी में किडनी की नही किडनी बीन्स की बात कर रही थी! बाला काका शॉक हो जाते हैं। इंद्रा कहती है वो राजमा की टिकिया बनाती हूं ना में, बड़े स्वाद बनाती है जो हेल्थी लोग हैं ना, डाइट कंसिस्टेड लोग में उनको बेच दूं और थोड़े पैसे आ जाए तो कितना अच्छा होगा अनु का थोड़ा-सा बोझ भी कम हो जाएगा।

आगे वह कहती है और भला में अपनी किडनी क्यों बेचूंगी? बालाकाका उनसे पूछते हैं कि आप तब से किडनी बीन्स की बात कर रही थी? इंद्रा कहती है हां, बालाकाका कहते हैं में भी कितना बड़ा बेवकूफ हूं, आज मैंने सिर पर तेल नही लगाया इसलिए मेरा दिमाग थोड़ा स्लो चल रहा है। इंद्रा बालाकाका से कहती है आप बहुत क्यूट हैं और दिल के भी बहुत अच्छे हैं, बालाकाका अपनी तारीफ सुन कर बहुत खुश हो जाते हैं। आगे अनुपमा यशदीप से फोन में बात करते हुए कहती है क्या उनका नंबर मिल गया, हां दीजिए ना वह नंबर नोट करती है, और उसे धन्यवाद करती है। वह आगे कहती है कि आप दोनों ने तो नंबर बदल लिए थे, लेकिन मेरे कान्हा जी की वजह से आपका नंबर मुझे मिल गया, अब आप दोनों को मेरे सवाल के जवाब देने होंगे, आप लोगों ने इतना बड़ा झूठ क्यों कहा? अनुज से क्यों कहा कि आध्या अब इस दुनिया में नहीं है और मुझसे क्यों कहा कि मेरे अनुज ठीक हैं? और आध्या हॉस्टल में है वह दोनों ठीक है जबकी अनुज तो वहां थे ही नहीं और मेरी आध्या का कुछ पता नहीं है, आप दोनों को सवालों के जवाब देने ही होंगे, वह फोन लगती है।

आगे दिखाया जाता है कि सागर पाईप ठीक कर रहा होता है वह कहता है कि किंजल भाभी ने कहा है तो आज के आज ठीक कर दूंगा। आगे मीनू नहाने के लिए बाथरूम में जाती है, वह जैसे ही कपड़े उतारने वाली होती है, सागर फिसलता है और बाथरूम की खिड़की से उसकी नजर उधर पड़ती है वह दोनों चिल्लाने लगते हैं, मीनू भागकर दरवाजा खोलती है। तभी वहां पाखी आती है और मीनू से पूछती है क्या हुआ? उसकी नजर सागर पर पड़ती है वह सागर से कहती है तुम पागल हो गए हो तुम लड़कियों को नहाते हुए देख रहे हो? सागर कहता है नही दीदी में पाईप ठीक कर रहा था यहां पर भगवान कसम मुझे नही पता यहां पर बाथरूम है वह माफी मांगता है। पाखी कहती है में तुम्हें छोडूंगी नही वह चिल्लाते हुए वनराज के पास जाती है। आगे तोशू उसे मारने के लिए जाने लगता है वनराज उसे रोकता है, बा वनराज से कहती है घर में बहु बेटियां हैं ऐसा लूचा, लफंगा, मवाली हमारे पड़ोस में नही रह सकता है। किंजल कहती है बा लेकिन सागर गलत आदमी नही है मीनू भी कहती है की वह सिर्फ अपना काम कर रहा था, डिंपी कहती है लेकिन वह हमारे घर का काम क्यों कर रहा था? किंजल कहती है उसे मैंने कहा था घर का पाईप ठीक करने। पाखी कहती है हां तो पाईप थी करता ना, वह बाथरूम में झांक झांककर क्यों देख रहा था? वह तो ठीक हुआ की मीनू ने उसे देख लिया नही तो पता नहीं क्या होता इसके साथ?

आगे वनराज गुस्से में जाता है, उधर सागर सीढ़ी से उतरता रहता है और वनराज उसे पकड़कर पीटने लगता है। किंजल कहती है पापा रुक जाइए पाखी को कुछ मिस अंडरस्टैंडिंग हुई होगी, तोशू कहता है तुम इस फटीचर की साइड क्यों ले रही हो? किंजल कहती है क्योंकि में सागर को भी जानती हूं और पाखी को भी जानती हूं। पाखी कहती है इसका मतलब में झूठ बोल रही हूं, किंजल कहती है कई बार आंखों देखा भी सच नहीं होता पाखी! मीनू कहती है मामू रुक जाइए प्लीज। वनराज उसे मरना जारी रखता है। उधर अनुपमा हल्ला सुनकर बाहर जाती है, वनराज सागर को पकड़कर आशा भवन की ओर लाता है और उसे फिर मरने लगता है, अनुपमा कहती है यह क्या कर रहे हैं आप? रुक जाइए। वहां सब इकठ्ठा हो जाते हैं वनराज अनुपमा को चुप करवाता है, सागर अनुपमा से कहता है कि यह लोग मेरे बारे में गलत बोल रहे हैं मैने कुछ नहीं किया।

वनराज फिर से उसे मरने के लिए आगे बढ़ता है अनुपमा उसे रोकती है और कहती है इसके बाद सागर को एक भी खरोंच आई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। वनराज कहता है अरे है ना यह लड़का तुमसे कई गुना ज्यादा बुरा है, ऐसे लड़कों की वजह से तो अच्छे घर की बहु बेटियों का जीना हराम हो गया है, लेकिन इस बार तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी तुमने मेरी भांजी पर गलत नजर डाली है तुमने उसे छूने की गलती की है। सागर कहता है अनुड़ी मैने कुछ नहीं किया, अनुपमा पूछती है बात क्या है? वनराज कहता है में बताता हूं क्या किया इसने? हमारे घर का पाईप ठीक करने के बहाने यह मीनू को नहाते हुए देख रहा था, वैसे तो तुम छाती कूट कूट कर औरतों के लिए भाषण देती रहती हो और अब तुम्हारी भांजी के बारे में सुनकर तुम्हें गुस्सा नहीं आ रहे? बुरा नहीं लग रहा है?। सागर कहता है मैनें कुछ नहीं किया वनराज उसे कहता है चुप कर, अनुपमा कहती है मुझे बात करने दीजिए। वनराज कहता है कोई बात नही करनी, ऐसी गन्दी नाली के कीड़े को कुचल देना चाहिए पैर के नीचे, अनुपमा कहती ह बस मुझे बात करने दीजिए, क्या हुआ बोल? सागर कहता है अनुड़ी बा को दिक्कत होती इसलिए में पाईप ठीक करने ऊपर चढ़ा था मुझे नही पता था की ऊपर किसका कमरा है, मुझे सच में नही पता था, मैंने किसी लड़की को गंदी नजर से नहीं देखा है और ना कभी देख सकता हूं, में कोई संत महात्मा नही हूं लेकिन इतना घटिया लड़का नहीं हूं की इतनी नीच हरकत करूंगा।


प्रीकेप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि अनुज आध्या की फोटो के आगे खड़ा होता है और कहता है, में दर्द सह-सह कर थक चुका हूं, बस अब और नहीं संभल सकता। अनुपमा कहती है, में भी नही संभाल सकती, सब कुछ खोते-खोते थक गई हूं, अभी तो बस उम्मीद है कि एक दिन हमारी छोटी जरूर मिल जाएगी।


Anupama Today New Promo




यह भी पढ़े:

Post a Comment

Previous Post Next Post