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Anupama 29th July 2024 Episode Written Update: वनराज ने गुस्से में गिराई अनुपमा की आरती की थाली |
बालाकाका कहते हैं वह सब तो ठीक है लेकिन एक चीज मुझे समझ नहीं आ रहा है कि सागर तो मीनाक्षी ठक्कर को लेने गया था तो फिर? अनुपमा कहती है हां मीनाक्षी जी कहां पर है फिर? सागर बताता है कि वह एयरपोर्ट पर मीनाक्षी जी को ढूंढ रहा था लेकिन तभी वहां मीनू आती है और कहती है की मैं ही मीनाक्षी हूं, इसने अपना नाम मीनाक्षी बताया और मुझे लगा यह मीनाक्षी ठक्कर हैं। बालाकाका कहते हैं रॉन्ग नंबर लग गया, इंद्रा कहती है कभी कभी रॉन्ग नंबर भी राइट कनेक्शन से जुड़ जाता है भगवान अनु और मीनू को मिलना चाहते थे। मीनू कहती है कि होता वही है जो भगवान चाहता है, सागर कहता है हां तभी तो उस मीनाक्षी की जगह यह मीनाक्षी आ गई। अनुपमा कहती है की उसे मीनाक्षी जी का मैसेज आया है की उनकी फ्लाइट मिस हो गई इसलिए वह नहीं आ पाई।
आगे मीनू कहती है मामी आरती तो कीजिए मैं इंडिया आई हूं और आप आरती करें इससे अच्छा तो और कुछ हो ही नही सकता। अनुपमा कहती है की उसके लिए बा रुकी होगी तो वह आरती करेंगी, में कैसे आरती कर सकती हूं। मीनू कहती है कि मैं चाहती हूं कि आप मेरी सबसे पहले आरती करें और मुझे आशीर्वाद दीजिए। उधर वनराज, बा और बाकी घरवाले भी हैरान हो जाते हैं अनुपमा मीनू की आरती उतारने लगती है उधर वनराज गुस्सा होकर अनुपमा की और बढ़ने लगता है और अचानक अनुपमा के आरती की थाली गिरा देता है। अनुपमा वनराज से कहती है दिमाग खराब हो गया है आपका यह क्या बदतमीजी है? वनराज उसे चुप होने के लिए कहता है और उससे कहता है तुम्हारी याददाश्त चली गई है या फिर बेशर्म ज्यादा हो गई हो तुमसे कितनी बार कहूं की मेरे घर और परिवार से दूर रहो, मीनू अगर गलती से यहां आ भी गई थी तो तुम उसे घर नहीं भेज सकती थी, दिख नहीं रहा है कि हम सब लोग कितनी देर से उसकी राह देख रहे हैं बा के पैरों में दर्द है उसके बावजूद वह आरती की थाली लेकर वहां खड़ी है लेकिन तुम बेशर्मों की तरह यहां पर इसकी आरती उतार रही हो।
आगे वनराज कहता है कि मुझे तो यह भी पता नहीं है कि मीनू यहां पर गलती से आई है या फिर तुम्हारा और इस गधे सागर का प्लेन था। अनुपमा कहती है मिस्टर शाह दिमाग के को घोड़े दौड़ रहे हैं उन्हें जरा कंट्रोल में रखिए, वरना जिस तरह से तुम्हारा जुबान कंट्रोल में नही है कहीं ऐसा ना हो की दिमाग भी बेकाबू ना हो जाए। जब मैने मीनू को इतना साल से नहीं देखा है तो उस बेचारे सागर को क्या पता? कौन है कैसी दिखती है मीनू। मीनू कहती है मामा गलती मेरी है, वनराज कहता है चुप तुझे इतनी अक्ल नहीं है, हम लोग नहीं दिखे तुझे? तू अपने आप नही आ सकती थी वहां पर? आगे वनराज अनुपमा से कहता है कि मैं कहते कहते थक चुका हूं और आगे भी कह रहा हूं तुम्हारा मेरे परिवार से कोई लेना देना नहीं है बापूजी के अलावा तुमने किसी और से रिश्ता जोड़ने की कोशिश करी तो मैं तुम्हारे इस आशा भवन को आग लगा दूंगा। वह मीनू कहां पकड़ दीवार से उधर लेजाता है, और कहता है तेरा घर और तेरा परिवार इस दीवार के इधर है, उस तरफ जाने की सोचना भी मत, चल वहां देख बा तेरा इंतजार कर रही है।
मीनू कहती है सॉरी बा मैं आपको दुखी नहीं करना चाहती थी पर मैं जैसे ही ऑटो से उतरी सामने मामी दिखी, और में दौड़ के उनकी तरफ चली गई, मैंने आप लोगों को नही देखा, सॉरी सभी को सॉरी बा। आगे बा बिना कुछ कहे उसकी आरती उतारने लगती है, मीनू उन्हें प्रणाम करती है पर वह मुंह फेर लेती है जिस पर मीनू उनसे पूछती है आशीर्वाद नही देंगी? वनराज कहता है चलिए अंदर चलते हैं बाकी सारी बातें अंदर करेंगे। मीनू अनुपमा की और देखती है अनुपमा उसे इशारा करती है, वनराज वहां आता है और सागर से कहता है ओह ऑटो वाले तेरे बनते तो बहुत कम है पर फिर भी में तुझे तेरी औकात से बहुत ज्यादा दे रहा हूं यह उठा लेना और समान अंदर रख देना हम खुद ले जायेंगे, यह कहकर वह अंदर चला जाता है। अनुपमा कहती है एकदम पागल हो गए हैं वह सागर से कहती है सॉरी बेटा सॉरी। सागर कहता है अनुड़ी प्लीज लक्ष्मी माता का ना अपमान कर सकता हूं ना सह सकता हूं, सम्मान के साथ उनके छुट्टे भी छोड़ दूंगा पर अपना हक क्यों छोड़ूं? अनुपमा कहती है बराबर, वैसे वकील साहब थैंक्यू अगर आपने यह गलती नहीं करी होती तो मैं मीनू से नहीं मिलती।
प्रीकेप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि अनुज कान्हा जी की फोटो के आगे हाथ जोड़कर खड़ा होता है और कहता है, में दर्द सह-सह कर थक चुका हूं, बस अब और नहीं संभल सकता। अनुपमा कहती है, में भी नही संभाल सकती, सब कुछ खोते-खोते थक गई हूं, अभी तो बस उम्मीद है कि एक दिन हमारी छोटी जरूर मिल जाएगी।
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