Anupama 28th July 2024 Episode Written Update: अनुपमा के घर आई मीनू

Anupama 28th July 2024 Episode Written Update
Anupama 28th July 2024 Episode Written Update

Anupama 28th July 2024 Episode Written Update: अनुपमा कहती है आरती की थाली तैयार रखती हूं मीनू आएगी तो सबसे पहले उसकी आरती करूंगी। अचानक वहां अनुज आता है और अनुपमा पूछती है आपको कुछ चाहिए? अनुज पूजा की थाली से पेड़ा उठाकर खाने लगता है। अनुपमा उसे देखकर चकित हो जाती है वह थाली से दो-तीन पेड़े उठाकर खाता है। अनुपमा उसका मुंह साफ करती है और वह पुराने ख्यालों को याद करने लगती है जिसमें वह सुबह-सुबह पूजा करती है और अनुज चुपके से पेड़ा उठाकर छिप जाता है और खाने लगता है जिसपर अनुपमा कहती है की आपने जो पेड़ा उठाया है कृपा करके उसे वापिस रख दीजिए। वह कहती है की आईसपाइस मत खेलिए यहां कोई बच्चे नहीं है, अनुज बाहर आता है और कहता है वो आईज स्पाई होता है, जिसपर अनुपमा कहती है कि वैसे तो हम भारतीय हैं हम आईसपाइस ही कहते हैं वैसे तो लुका छिपी बेस्ट होता है पर मेरी शादी अमेरिकन से हुई है तो में आईसपाइस ही कहूंगी, पेड़े को वापिस रखिए। अनुज कहता है नही रखूंगा, वैसे मैं भी भारतीय ही हूं लेकिन तुम आरती दे रही हो इसका मतलब, तुम्हारी पूजा हो चुकी है तुम्हारा प्रसाद चढ़ चुका है और तुम्हें अब इस पेड़े की कोई जरूरत नहीं है।

अनुपमा का कहना है की, जरूरत है क्योंकि जब से मैंने पेड़े बनाए हैं आप पेड़े पर पेड़े खाए जा रहे हैं, इतना मीठा खाएंगे तो पेट निकल आएगा। आप इतने हैंडसम और यंग दिखते हैं लेकिन यंग हैं नहीं, इस उम्र में बीमारी भी आईसपाइस खेलती है किसी बीमारी ने ठप्पा बोल दिया तो? अनुज कहता है एक बात बताइए कि हिंदुस्तानी पत्नियां अपने पति की खुशी देख क्यों नहीं सकती? अनुपमा अनुज के हाथ से पेड़ा छिनती है और अनुज उसका हाथ पकड़ कर उस पेड़े को खा लेता है और कहता है कि अब तो मैंने तुम्हारे हाथ से पेड़े खा लिए, अब क्या कहोगी? अनुपमा कहती है आप बहुत दुष्ट हैं। वह तो मैं बचपन से ही हूं लेकिन तुम एक और चीज में सही थी की मुझे मीठा नही खाना चाहिए, तो फिर क्या खाऊं? वैसे मन भी है समय भी है और मीठा इतना खाया है कि थोड़ा सा तीखा खाना बनता है ना? और वैसे भी तुम तीखी लग रही हो, खा लिया जाए क्या? अनुपमा कहती है पेड़ा खा तो लिया, लेकिन ठीक से खाना भी नहीं आता बच्चे जैसे मुंह पर लगाया हुआ है। अनुज का कहना है कि तुम ही कहती थी कि बच्चे जैसे आई स्पाई खेल रहा था पेड़ा भी वैसे ही खाऊंगा ना, अनुपमा कहती है यह लगा हुआ है अनुज कहता है तो साफ कर दो ना ऑफिस जाऊंगा लोग बोलेंगे कैसी बीवी है साफ करके भी नहीं भेजती।

आगे अनुपमा ख्वाबों से बाहर आती है और अनुज दो-तीन पेड़े और उठाता है और वहां से चले जाता है, अनुपमा खुश होती है और मन में कहती है अधिकार कोई दूजा भले ही मुझे ना देना, लेकिन अपने आंचल से पोंछू चेहरा तेरा, यह हक मुझसे कभी ना लेना। बालाकाका का कहना है की उसकी सागर से बात हुई है वह रास्ते में है जल्दी पहुंचने वाला है, वह अनुपमा से पूछता है सब ठीक तो होगा ना? अनुपमा का कहना है जो होगा देख लेंगे। उधर सागर मीनू को लेकर आ रहा होता है मीनू सागर से पूछती है इतनी तेज बारिश हो रही है तुम ऑटो में भीगते नहीं होते? सागर का मानना है कि बारिश से तन को नही धन को बचाना चाहिए क्योंकि बारिश से धन गीला हो जाएगा लेकिन तन-मन वह भीग जाता है, गीले होने में और भीग जाने में तो जमीन आसमान का अंतर है। आगे सागर, मीनू को कांच से देख रहा होता है जिस पर मीनू कहती है कि ड्राइव करते समय आगे देखना चाहिए, थोड़ी आगे चलने पर इसके रिक्शे के आगे कोई आता है जिसकी वजह से उसे अचानक ब्रेक लगाना पड़ता है।

मीनू कहती है ठीक से चलाओ ना! सागर कहता है कि वह सविता जी अचानक ऑटो के आगे आ गया गई तो मुझे ब्रेक लगानी पड़ी। मीनू पूछती है कौन सविता? वह ऑटो से उतरता है और सविता को कहता है मैने आपको कहा था ना कि देखकर सड़क पार करना चाहिए। वह कहती है क्या करूं बेटा एक आंख से तो देख नहीं सकती मुझे टेस्ट कराने के लिए जाना था, लेकिन ऑटो नही मिल रहा। सागर मीनू की ओर देखता और उसकी आंखों में उसे ना ले जाने की शर्म होती है जिसपर मीनू कहती है कोई बात नहीं अंदर दो लोग आराम से आ सकते हैं। सविता उसे खुश रहने का आशीर्वाद देती है और उससे पूछती है कि मेरा कोर्ट वाला काम का क्या हुआ? सागर कहता है हां आंटी हो गया बस वो नाउट्री करवाना बाकी है मंडे को वह भी हो जाएगा फिर में आपको पेपर दे दूंगा। सविता उसे धन्यवाद करते हुए कहती है वैसे तो वकील थोड़े से काम के लिए भी बहुत पैसे मांगते हैं। मीनू पूछती है तुम लॉयर हो? सागर कहता है अभी स्टूडेंट हूं पर एलएलबी पूरी करने के बाद लॉयर भी बन जाऊंगा।

मीनू कहती है तो फिर तुम ऑटो क्यों चलाते हो? सागर कहता है लक्ष्मी माता और सरस्वती माता एक-दूसरे के बेस्ट फ्रेंड है एक के बिना दूसरी नही आती। उधर बच्चों की बॉल आशा भवन के अंदर जाती है वह बाला काका से बॉल मांगते हैं, बाला काका बच्चों से कहते हैं अच्छा तुम लोगों ने मेरे सर पर बोल मारी जिससे मेरे बाल खराब हो गए, अब तुम्हें पनिशमेंट मिलेगी। बच्चे कहते हैं पेनिशमेंट, बाला काका कहते हैं हां पनिशमेंट, तुम्हें मेरे साथ एक मैच खेलना होगा। बच्चे हंसते हुए कहते हैं, रहने दीजिए अंकल इस उम्र में आप हमसे हारते हुए अच्छे नहीं लगेंगे। बाला काका कहते हैं मुझे अंडरएस्टीमेट मत करना अपने कॉलेज के समय में बेस्ट बैट्समैन था। सभी बच्चे फिर से हंसने लगते हैं वह कहता है कि ठीक है तुम्हें मेरी बात पर यकीन नहीं है तो जो भी मुझको आउट करेगा उसको एक चॉकलेट मिलेगी। बच्चे कैसे हैं अरे अंकल चॉकलेट तो हमें रोज मिलती है, बाला काका कहते हैं ठीक है तो एक-एक बॉल मिलेगा। बच्चे उनके साथ खेलने के लिए राजी हो जाते हैं, मैच शुरू होने पर बाला काका इंद्रा को देखने लगते हैं और वह ऑउट हो जाते हैं, जिसके बाद बच्चे इंद्रा की पीठ पर बॉल मार कर बाला काका को फंसा देते हैं।


प्रीकेप: अनुपमा के आज के प्रोमों में दिखाया जाता है कि अनुज कान्हा जी की फोटो के आगे हाथ जोड़कर खड़ा होता है और कहता है, में दर्द सह-सह कर थक चुका हूं, बस अब और नहीं संभल सकता। अनुपमा कहती है, में भी नही संभाल सकती, सब कुछ खोते-खोते थक गई हूं, अभी तो बस उम्मीद है कि एक दिन हमारी छोटी जरूर मिल जाएगी।


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