Anupama 25th July 2024 Episode Written Update In Hindi: अनुपमा के लिए अनुज ने पकड़ा वनराज का कॉलर

Anupama 25th July 2024 Episode Written Update In Hindi: अनुपमा के लिए अनुज ने पकड़ा वनराज का कॉलर

Anupama 25th July 2024 Episode Written Update In Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड में दिखाया जाता है की अनुपमा किचन में अनुज के लिए खीर बना रही है और अचानक उसे छींके आने लगती है तभी वहां सागर आता है और अनुपमा से कहता है, देखा लग गई ना सर्दी, अनुडी आपको दुनिया का ख्याल रखना पड़ता है और यह खुद का ख्याल नही रखते। नंदिका से कहती है, इसीलिए तो बोल रही हूं तू शादी कर ले, घर में बहु आएगी तो हमारी अनुडी की तबियत भी सही रहेगी। सागर कहता है शादी करके घर में बहु आएगी डॉक्टर नहीं। नंदिका कहती है की बहु डॉक्टर नहीं हो सकती दवाइयों का खर्चा भी बच जाएगा। सागर कहता है मतलब आपलोगों का दवाइयों का खर्चा बचाने के लिए में सूली पर चढ़ जाऊं। नंदिका कहती है सूली पर नही, घोड़ी पर और वैसे भी कहते हैं कि परिवार में एक वकील और एक डॉक्टर तो होने ही चाहिए, वकील तो यह बन ही जाएगा बस एक डॉक्टर हो जाए तो...

अनुपमा कहती है कि मैं कान्हा जी करे तेरे जीवन में एक अच्छी सी प्यारी सी डॉक्टर लड़की आ जाए। सागर कहता है आप तो कान्हा जी से यह प्रार्थना करें कि में जल्दी वकील बन जाऊं, वरना इस ऑटो वाले से कौन डॉक्टर शादी करेगी? नंदिका कहती है वही जिसकी आंखे खराब होंगी और सभी हंसने लगते हैं। नन्दिका और सागर वहां से चले जाते हैं और अनुपमा अपने मन में कहती है मेरे दिल में बहुत सवाल है अनुज जिसका जवाब सिर्फ आप ही दे सकते हैं और मुझे हर हाल में उनके जवाब चाहिए। आगे अनुपमा श्रुति के बारे में सोचती है और कहती है सायद श्रुति जी को कुछ पता होगा वह श्रुति को फोन लगती है पर उसका फोन स्विच ऑफ रहता है। वह सोचती है कि अब किसको फोन करूं, अंकुश भाई को तो मैंने कुछ महीने पहले फोन किया था, उन्होंने कहा था कि अनुज ठीक है और आध्या हॉस्टल में है लेकिन अनुज जी तो इस हालत में है तो आध्या किस हाल में होगी, अंकुश भाई ने झूठ कहा।

आगे अनुज पेन पकड़कर कुछ लिखने की कोशिश करता है अनुपमा भी उसे देखती है और कहती है लिखो अनुज कुछ भी लिखो सायद इससे तुम्हें कुछ याद आ जाए। वह कॉपी पर कुछ बनाता है और उसके बाद पेन से कॉपी पर आड़ी-टेड़ी लकीरें खींचकर खराब कर देता है। अनुपमा उसे देखकर रोने लगती है तभी वहां बालाकाका पहुंच जाते हैं और उसे कहते हैं कि में अनुज को किधर भी नही जाने दूंगा और अनुज के पसंद और नापसंद के बारे में सिर्फ तुम जानती हो इसलिए अनुज को सिर्फ तुम ही ठीक कर सकती हो। अनुपमा कहती है हां काका करूंगी जरूर करूंगी चाहे कुछ भी हो जाए में इन्हें इस हाल में नहीं रहने दूंगी, कागज पर छपी आड़ी-टेड़ी लकीरें जल्द शब्दों का रूप लेंगी। आगे अनुपमा को सागर मिलता है जो अनुज का पंखा ठीक करके आता है और वह कहता है कि कल दिल्ली से कोई लेडी आने वाली है ना, अनुपमा कहती है हां हमारे आश्रम को डोनेशन देना चाहती है इसलिए पहले हमारे आश्रम को देखना चाहती है।

सागर कहता है सही कर रह हैं वह आजकल एनजीओ के नाम पर बहुत फ्रॉड होते हैं अनुपमा कहती है आजकल किसके नाम पर फ्रॉड नही होते, रिश्तों के नाम पर भी फ्रॉड होता है बच्चे अपने मां बाप को ठग लेते हैं पैसों के लिए प्रॉपर्टी के लिए इसलिए पैसे देने से पहले अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए, अनजान लोगों पर तो बिल्कुल भरोसा नहीं करना चाहिए और यह ऑनलाइन पर तो बिल्कुल भी नहीं। सागर कहता है बिल्कुल सही में उन्हें जीएसटी और टैक्स के बारे में बता दूंगा ताकि थोड़ा उनका भी फायदा हो जाए, वैसे उनका नाम क्या है? अनुपमा उनका नाम मीनाक्षी ठक्कर बताती है। उधर बा वनराज को पीछे से पुकारती है और वनराज गुस्सा होकर बोलता है बा आपने फिर पीछे से टोक दिया इतने इंपोर्टेंट काम से जा रहा था पैसों की बात करनी है और आपने पीछे से टोक दिया।

बा कहती है तुम मीनू को एयरपोर्ट लेने जा रहे हो ना, वनराज कहता है नही उसने कहा वह खुद आ जायेगी। बा कहती है उसने कहा और तूने मान लिया। वनराज कहता है बा वह कोई छोटी बच्ची नहीं है रसिया में अकेले रहती है अकेले आ भी जायेगी, ड्राइवर लेने गया है और वह यहां हमेशा के लिए नहीं रहेगी तो अपने आप को उससे इतना अटैच मत कीजिए। बा कहती है में अटैच हूं वह मेरी नातिन है। वनराज को जाते-जाते अनुज मिलता है वह अनुज से कहता है कि तुम बाहर कहां घूम रहे हो? तुम कहां एक बड़े बिजनेस मैन थे और आज बाल वाल बड़े करके बांसुरी लेकर घूम रहे हो इधर से उधर, तुम्हारी हालत का जिम्मेदार पता कौन है अनुज अनुपमा...अनुपमा जोशी, जब तक वह तुम्हारी जिंदगी में नहीं थी तब तक सब सही था लेकिन जब से वह तुम्हारी जिंदगी में आई है तब से सब बर्बाद हो गया, वह है ही ऐसी इतनी मनहूस है कि जिसकी जिंदगी में जाती है उसे बर्बाद कर देती है, मुझे देखो जब से मैंने उसको छोड़ा है तब से मेरी जिंदगी कहा से कहां पहुंच गई, मैं वनराज शाह से द वनराज शाह बन गया।

वह अनुज से पूछता है कि तुम्हारा बिजनेस का क्या हुआ? और आध्या वो कहां है? छोड़कर चली गई अनुपमा की वजह से तुम्हें, मेरी बात मानो तुम यहां से चुप-चाप निकल लो, तुम अनुपमा से जितनी दूर रहोगे उतना तुम्हारे लिए अच्छा है, पहली बार जब हा तुमसे मिली तो तुम्हारा दिल तोड़ा और दूसरी बार जब मिली तो तुम्हें उजाड़ दिया अब तीसरी बार मिली है अनुज कहीं ऐसा ना हो की इस बार तुम्हारी जान ही ले ले। तभी वहां अनुपमा आ जाती है वह वनराज से कहती है मेरे अनुज से दूर रहना। वनराज कहता है तुम भी अपने अनुज से दूर ही रहना, वैसे अनुपमा यह तुम्हारा जो आशा भवन है इसके जो सदस्य हैं उन्हें बोलना की मेरे कंपाउंड में घूमना फिरना जरा बंद कर दें मुझे पसंद नहीं है। अनुपमा कहती है ध्यान रखूंगी और आप भी अपने दायरे में रहिए। वनराज आगे बढ़ता है और इसके बैग में अनुपमा की साड़ी अटक जाती है और अनुपमा जैसे ही गिरने वाली होती है अनुज उसे संभाल लेता है।

उसके बाद अनुज वनराज का कॉलर पकड़ता है और वनराज उसे धक्का देता है अनुज इसके बाद उसे मारने की कोशिश करता है और जोर-जोर से चिल्लाता भी है। तोशू, पाखी, बा और आशा भवन के लोग उन्हें छुड़वाते है। अनुज कहता है ऐसे खतरनाक आदमी को तुमने ऐसे क्यों छोड़ रखा है? इसको तुम्हें अंदर रखना चाहिए। अनुपमा, वनराज से कहती है ऐसे खामखां तमाशा क्यों कर रहे हैं आप? वनराज कहता है तमाशा में कर रहा हूं इस आदमी ने पहले मेरा कॉलर पकड़ा, फिर मेरे बेटे का कॉलर पकड़ा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है और में तमाशा कर रहा हूं। तोशु कहता है, इस आदमी ने पहले पापा पर अटैक किया, फिर मुझपर अटैक किया और आप फिर भी उसी का साइड ले रहे हैं। अनुपमा कहती है अटैक नही किया सिर्फ कॉलर पकड़ा और वह अनुज को शांत करने की कोशिश करती है। बाला काका अनुज को अंदर ले जाते हैं अनुपमा, वनराज से कहती है बात को आगे मत बढ़ाइए अनुज की तरफ से में माफी मांगती हूं।

वनराज कहता है बात तो अब बढ़ेगी अनुपमा मेरे घर में चार छोटे-छोटे बच्चे रहते हैं और वह इसी रास्ते से आते जाते हैं और खेलते रहते हैं तभी अगर इस आदमी ने उनके ऊपर हमला कर दिया तो, तुम्हें अनुज का सत्कार करना है सेवा करनी है तो घर के अंदर करना, लेकिन अनुज इस मोहल्ले में नहीं रहेगा। तोशू भी कहता है ऐसे साइको आदमी को मोहल्ले में नहीं रहना चाहिए, अनुपमा गुस्से से कहती है ऐसे शब्द का इस्तेमाल मत कर हां तोशू, वैसे भी उन्होंने तुम्हें चोट तो नहीं पहुंचाई ना। वनराज कहता है में अभी पुलिस स्टेशन जाकर अनुज के खिलाफ कंप्लेंट लिखाऊंगा। अनुपमा कहती है हां जाइए न में डरती नहीं हूं, तोशू कहता है चलिए पापा कोई फायदा नहीं है समझने का, आगे वनराज कहता है कि अनुपमा मैडम का दिमाग अब और भी खराब हो जाएगा, आसमान में उड़ने लगेगी क्योंकि उस अनुज ने इसकी वजह से मुझ पर अटैक किया, लेकिन मैं भी वनराज शाह हूं उड़ने से पहले ही उसके पर काट दूंगा, क्योंकि में इस आदमी को इस मोहल्ले में रहने ही नहीं दूंगा।

उधर अनुपमा सभी से माफी मांगते हुए कहती है कि अनुज की जिम्मेदारी मैं लेती हूं वह किसी की लिए खतरा नहीं है, वह अनुज के बारे में सोचते हुए कहती है आपके दिल में अभी भी मेरे लिए जगह है। आगे अनुज कमरे में अपनी और आध्या की फोटो को देखकर कुछ याद कर रहा होता है तभी उस तस्वीर के शीशे में अनुपमा की सकल दिखती है और वह शांत हो जाता है।

प्रीकेप: आज के अनुपमा के प्रोमों में, दिखाया जाता है कि, अनुपमा अपने मन में सोचती है, बहुत सारे सवाल हैं, लेकिन इस हाल में कैसे पूछूं?। वह अनुज से डरते-डरते पूछती है, हमारी छोटी कहां है?, आपकी आध्या कहां है?। अनुज कहता है, आध्या चली गई। अनुपमा पूछती है, कहां चली गई?। अनुज कहता है, बहुत दूर चली गई वो, मुझसे बहुत दूर चली गई। अनुपमा पूछती है, कहां दूर चली गई?। अनुज कहता है, भगवान के पास चली गई। यह सुनते ही अनुपमा रोने लगती है और कहती है नहीं। अनुज कहता है, मुझे बोला अंकुश भाईया ने बोला। अनुपमा कहती है, अंकुश भाई तो क्या! भगवान भी मुझसे आकर कहे ना, तो मेरा दिल कहता है कि, छोटी को कुछ हुआ है। प्रोमों के लास्ट में अनुज, अनुपमा से कहता है, तुम क्या कर रही हो? दूर हटो तुम मुझसे। और इसी के साथ आज का प्रोमों भी खत्म हो जाता है।

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