Anupama 24th July 2024 Episode Written Update In Hindi: अनुपमा लाई अनुज को घर, अनुज ने बताया आध्या...

Anupama 24th July 2024 Episode Written Update In Hindi

Anupama 24th July 2024 Episode Written Update In Hindi: अनुपमा के आज एपिसोड की शुरूआत टीटू से होती है जो किंजल से कहता है, न्यूयॉर्क में मेरे जितने कॉन्टैक्ट है सब को कॉल करके मैंने सबसे पूछ लिया किसी को भी कुछ नही पता। किंजल कहती है मैने भी बहुत ट्राई किया श्रुति ने अपना नंबर बदल दिया और जॉब भी छोड़ दी किसी को उसके बारे में कुछ नही पता है उसका सोशल मीडिया पोस्ट भी चेक किया जिसमें पांच महीने पहले एक पोस्ट डाला है जिसमें लिखा है कि वह सोशल मीडिया छोड़ रही है। टीटू कहता है आध्या का अकाउंट भी इनैक्टिव है और उसकी लास्ट पोस्ट छः महीने पहले की है जब उसने अमेरिका में लेंड किया था। किंजल कहती है कि, सोशल मीडिया के माध्यम से हम अपने पुराने दोस्त ढूंढ लेते हैं पर हम श्रुति और आध्या को नही ढूंढ पा रहे हैं, सब कुछ कितना एनरीयल है। टीटू कहता है, यशदीप सर से बात करें, हो सकता है उन्हें कुछ पता हो या पता लगा सकते हैं । किंजल भी कहती है हां वो हमारी मदद कर सकते हैं।

तभी वहां वनराज आता है और कहता है किसी को फोन करने की जरूरत नहीं है अनुपमा अपनी प्रॉबलम से खुद निपट लेगी, तुम लोगों को बीच में पड़ने की कोई जरूरत नहीं है। और तुम लोग बिना मेरी परमिशन के अनुपमा से मिलकर आए मैने कुछ नहीं कहा, लेकिन अब मेरा पेसेंस टेस्ट मत करना, अपने घर परिवार पर और अपने रिश्ते पर ध्यान दो। और टीटू महास्य आप कहते थे, पापा में अच्छा पति, अच्छा पिता, अच्छा बेटा बनाकर दिखाऊंगा। बड़े-बड़े दावे किए थे कहां गए वह सारे दावे? पहले तुम्हारा एक घर परिवार है उसपर ध्यान दो पूरी दुनिया का ठेका मत लो। टीटू कहता है कि मैं अपने परिवार का ध्यान अच्छे से निभा रहा हूं पापा, में एक अच्छा पति, एक अच्छा पिता और एक अच्छा बेटा भी हूं। इसीलिए आप मुझे पसंद नहीं करते और उन दोनों को मुझसे दूर करने में लगे रहते हैं।

आप डरते हैं कि डिंपी और अंश मेरे इतने करीब ना आ जाए, की इस घर को मेरे साथ छोड़ कर जाने को तैयार हो जाएं। वनराज कहता है, चुप कर। टीटू कहता है, में यह सब नहीं कहना चाहता था, लेकिन कोई कब तक सहेगा कब तक चुप रहेगा, कभी ना कभी तो रिएक्ट करेगा ना। वह दोनों लड़ने लगते हैं और किंजल उन्हें चुप करवाती है। टीटू कहता है आपने डिंपी और अंश को सर चढ़ा रखा है इसलिए उनका एटिट्यूड मेरे प्रति बदल गया है आप डिंपी को पैसे जो देते हैं। वनराज टीटू को कहता है कि में अपने परिवार के लिए कुछ भी करूं तुम्हें उससे क्या? खुद तो तुम उनके लिए कुछ कर नहीं पाए और तुम्हें इतनी ही दिक्कत है तो तुम इस घर से चले जाओ मगर अकेले डिंपी और अंश यहीं रहेंगे, में तो कहता हूं तुम बापूजी की तरह बाजू वाले आश्रम में जाकर अपना डेरा डाल दो मजा आ जायेगा, रात भर बैठकर भजन करना उनके साथ।

उधर आश्रम में अनु कहीं चले जाती है और सभी आश्रम वाले उसके लिए परेशान हो जाते हैं। सागर कहता है यह बात बाबूजी को बतानी पड़ेगी लेकिन सब उसे बाबूजी को बताने से मना करते हैं। वह अनु को ढूंढने बाहर निकलते हैं और देखते हैं कि अनु, अनुज को ठेले पर लेकर वहां पहुंची है। वह बाला काका और सागर को बुलाती है और वह दोनों अनुज को अंदर ले जाते हैं। उधर वनराज अनुज को जोर से कहता है कि अब क्या हुआ हवा निकल गई में छोड़कर आता हूं तुम्हे आश्रम तक जाओ। किंजल कहती है यह घर पहले ही इतना टूट चुका है आप दोनों ओर मत तोड़िए प्लीज। पापा आप तपिश को हर बार क्यों डांटते हैं वही है जो हमारे साथ खड़ा होता है बाकी तोशू का हाल तो आप देख ही रहे हैं ना। आप किस बात पर गुस्सा हैं पापा क्योंकि हम मम्मी की हेल्प कर रहे हैं इसलिए, रिश्ते छोड़िए एक इंसान के नाते हम दूसरे इंसान की हेल्प तो कर ही सकते हैं ना। वनराज कहता है मुझे कोई दलीलें नहीं सुननी है यह मेरा ऑर्डर है की अनुपमा की कोई मदद नहीं करेगा।

मेरे घर पर अगर रहना है तो मेरे हिसाब से रहना पड़ेगा समझे तुम दोनों। तपिश किंजल से कहता है की छः महीने से कोशिश कर रहा हूं भाभी की पापा मुझे अपना लें, पर वो मुझे इनसर्ट करने का एक मौका नहीं छोड़ते सच बताऊं तो मेरा बहुत मन करता है कि मैं यह घर छोड़कर चले जाऊं लेकिन डिंपी और अंश के बिना रह नहीं सकता। किंजल कहती है जानती हूं पापा तुम्हारे साथ बहुत गलत कर रहे हैं लेकिन क्या कर सकते हैं? हम बस उम्मीद कर सकते हैं कि, एक ना एक दिन पापा का गुस्सा ठंडा होगा और वह तुम्हें वह रिस्पेक्ट देगें जो तुम डीजर्व करते हो। तपिश कहता है कि पापा चाहे कुछ भी कहे हम मम्मी का साथ नहीं छोड़ेंगे, मैं यशदीप सर को फोन करता हूं। उधर अनुपमा और बाकी आश्रम वाले अनुज के लिए डॉक्टर बुलाते हैं डॉक्टर कहता है बुखार के लिए मैंने इन्हें इंजेक्शन दे दिया है बाकी इनकी हालत बहुत खराब है इनकी बॉडी को महीनों से आराम नहीं मिला है नाही न्यूट्रीशन उपर से इनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है इनका तन और मन दोनों बीमार है अगर कल सुबह तक इन्हें होश नहीं आया तो इन्हें अस्पताल में एडमिट करना होगा।

अनुपमा अनुज से कहती है साधु बाबा ने इनका नाम कान्हा क्या रखा दिया यह लुका छिपी खेलने लगे आपकी मनमानी नहीं चलेगी कपाड़िया जी। बालाकाका और सभी आश्रम वाले अनुपमा को कहते हैं कि तुम सो जाओ अनुज को हम देख लेंगे। अनुपमा कहती है नही आपलोग सो जाइए अनुज को में देखूंगी अपने से दूर नही होने दूंगी। तभी वहां किंजल भी पहुंचती है वह कहती है की हम सब यहां से बाहर चलते हैं और इन दोनों को अकेले रहने देते हैं। अनुपमा रात भर अनुज को सेवा करती है कभी उसके सिर पर पट्टी लगती है तो कभी उसके पैरों को गीले कपड़े से साफ करती है सुबह होते ही अनुपमा खिलाड़ी के पर्दो को हटाती है और अनुज खड़ा हो जाता है वह अनुज को देखकर उससे बात करने के लिए जाती है फिर उसे याद आता है और वह अगर अनुज के सामने जायेगी तो कही अनुज अपना आपा न खो दे, वह अपने आप को रोक लेती है। लेकिन अनुज का सॉल उसके हाथों में फंस जाता है और जहां अनुज जाता है उसे भी उसी के साथ जाना पड़ता है।

उधर बा कोई चिट्ठी पढ़ रही होती है और किंजल बा के लिए चाय लेके आती है और बा किंजल को देखकर चिट्ठी को छुपा लेती है। किंजल कहती है क्या बा मैंने ही तो आपको लवलेटर लाकर दिया है और आप मुझसे ही छुपा रहे हैं। बा कहती है जब वनराज ने मना किया था तो तुम अनुपमा से मिलने क्यों गई? किंजल कहती है क्या करें बा मुझसे मम्मी की हालत देखी नहीं गई। बा कहती है मुझे तो अनुज के लिए भी बुरा लग रहा है और देखो तुम्हारे बाबूजी भी राजकोट चले गए मुझे बताया भी नहीं अगर मुझे फोन करके बताते तो मैं भी चलती ना उनके साथ। किंजल कहती है वो तो आप अभी भी कर सकती हैं उनको फोन करके उनका एड्रेस ले लीजिए में आपके लिए कैब बुक कर लेती हूं। बा कहती है अब नही जाऊंगी अगर वो अकड़ दिखा सकते हैं तो मैं भी दिखाऊंगी।

उधर अनुज कमरे से बाहर आता है और अनुपमा भी उसके पीछे आती है क्योंकि उसका हाथ अनुज के चादर पर फंसा हुआ है। लेकिन कुछ देर बाद अनुपमा का हाथ छूट जाता है और वह छुपकर देखने लगती है। अनुज गाय को चारा खिलाता है और कुत्ते को रोटी खिलाता है। तभी बालाकाका अनुज के पास जाकर उससे पूछते हैं कैसे हो बेटा? अनुज बालाकाका की ओर देखता है। बालाकाका कहते हैं डरो नहीं बेटा साधु बाबा को बता दिया है वह जल्दी तुम्हें लेने आएंगे तब तक तुम यहीं रहो। तभी वहां छोटी बच्ची आशा रोने लगती है वह अनुज के हाथों में आते ही चुप हो जाती है। अनुज आशा को गले लगाकर कहता है आध्या मेरी बच्ची। सागर अनुज से आशा को छीनता है और अनुज जोर-जोर से आध्या चिल्लाने लगता है। अनुपमा पूछती है हमारी आध्या कहां है? क्या हुआ हमारी बच्ची को? अनुज जोर-जोर से रोते हुए बस आध्या-आध्या करता रहता है 

कितना अच्छा केक बनाया मीनू देखेगी तो खुश हो जायेगी। किंजल कहती है स्टूडेंट बनाकर गई थी डॉक्टर बनके आ रही है केक तो बनता ही है। उधर पाखी कहती है कि मीनू पागल हो गई है रसिया में एमबीबीएस की पढ़ाई करके वापस इंडिया कौन आता है? तोशू कहता है वही तो उसे वहीं सेटल्ड हो जाना चाहिए। डिंपी कहती है या यूएस, यूके या ऑस्ट्रेलिया चली जाती। पाखी कहती है कि डोली फई यूएस में रहती है तो वहां जाना चाहिए हमारे घर क्यों आ रही है। वनराज कहता है डॉली का फोन आया था उसे बहुत डर लग रहा है कि मीनू अकेले इंडिया आ रही है कैसे मैनेज करेगी। इसलिए मैने उससे कहा कि वह मेरे घर पर रहे, और मैने मीनू से कह दिया है कि वह जब तक इंडिया में रहेगी मेरे घर पर रहेगी। पाखी कहती है की जब उनका खुद का घर खाली है तो वहां जाकर रहे, यहां आने का क्या मतलब बनता है?

किंजल करती है मां आपको पता है कि जब मीनू छोटी थी तब वह मम्मी से कितनी क्लोज थी। बा कहती है हां डॉली से ज्यादा तो अनुपमा ने उसे पाला है जैसे उसकी मामी नहीं मां ही हो सगी। इसपर वनराज चिढ़ जाता है और अपना फोन जमीन पर पटककर कहता है सुबह हुई नहीं की अनुपमा नाम का पुराण खोलकर बैठ जाते हैं सब लोग, कितना भी रोक लो, कितना भी टॉक लो, लेकिन किसी के कानों में जूं नहीं रेंगती है, बा मीनू को यह समझा दीजिएगा कि उसे अनुपमा से मिलने की कोई जरुरत नहीं है मीनू को मैं अपनी बेटी की तरह मानता हूं और मैं चाहता हूं कि वह दीवार के उस पार जाने की कोशिश भी ना करें, और अनुपमा नाम का गुणगान इस घर में बिल्कुल बंद कर दिया जाए, जिसे देखो अनुपमा अनुपमा करता रहता है जान खा रखी है इस औरत ने मेरी। उधर अनुपमा अनुज के लिए खीर बना रही होती है वह कहती है की अनुज को मैंने हाथों से ही बनाई ही खीर बहुत पसंद आती है सायद यह खाकर उन्हें कुछ याद आ जाए। इसी के साथ आज का एपिसोड खत्म हो जाता है।

प्रीकेप: आज के अनुपमा के प्रोमों में, दिखाया जाता है कि, अनुपमा अपने मन में सोचती है, बहुत सारे सवाल हैं, लेकिन इस हाल में कैसे पूछूं?। वह अनुज से डरते-डरते पूछती है, हमारी छोटी कहां है?, आपकी आध्या कहां है?। अनुज कहता है, आध्या चली गई। अनुपमा पूछती है, कहां चली गई?। अनुज कहता है, बहुत दूर चली गई वो, मुझसे बहुत दूर चली गई। अनुपमा पूछती है, कहां दूर चली गई?। अनुज कहता है, भगवान के पास चली गई। यह सुनते ही अनुपमा रोने लगती है और कहती है नहीं। अनुज कहता है, मुझे बोला अंकुश भाईया ने बोला। अनुपमा कहती है, अंकुश भाई तो क्या! भगवान भी मुझसे आकर कहे ना, तो मेरा दिल कहता है कि, छोटी को कुछ हुआ है। प्रोमों के लास्ट में अनुज, अनुपमा से कहता है, तुम क्या कर रही हो? दूर हटो तुम मुझसे। और इसी के साथ आज का प्रोमों भी खत्म हो जाता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post