Anupama 23rd July 2024 Episode Written Update In Hindi: अनुपमा को मिला अनुज, अनुज ने बताया आध्या का पता

Anupama 23th July 2024 Episode Written Update In Hindi
Anupama 23rd July 2024 Episode Written Update In Hindi


Anupama 23rd July 2024 Episode Written Update In Hindi: अनुपमा के आज के एपिसोड में दिखाया जाता है कि अनुपमा बाबाओं को समझाती है कि बाबा जी यह मेरे अनुज हैं वह फोन में दोनों की शादी वाली फोटो को दिखाती है और कहती है अब तो विश्वास हो गया ना बाबा जी की यह मेरे अनुज हैं और में झूठ नही बोल रही हूं। बाबा कहते हैं तुम्हारी बात ठीक है बेटी पर जब यह तुम्हारे साथ नहीं जाना चाहते तो जबरदस्ती मत करो, इसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है अभी इसे आप हमारे साथ जाने दीजिए। अनुपमा कहती है नही मेरी इतने महीनों की प्रार्थनाओं के बाद यह मुझे मिले हैं इन्हें मुझसे दूर मत लेजाइए। बाबा कहते हैं कान्हा को हम कहीं दूर लेकर नही जा रहे हैं यह हमारे साथ सुरक्षित है कुछ दिन हम यहीं पास में मुरलीधर धर्मशाला है वहीं रुके हैं। अभी कान्हा को हमारे साथ जाने दो, कल देखते हैं।

टीटू अनुपम को संभालता हैं वनराज अनुपमा से कहता है अनुपमा उसे जाने दो, लेकिन अनुपमा जिद पर अड़ जाती है कि नही मेरे अनुज को मुझसे दूर मत ले जाइए। टीटू बाबाओं से कहता है आप ले जाइए, बाबा अनुज को ले जाते हैं और उधर टीटू, किंजल और बाकी लोग अनुपमा को संभालते हैं। तोशू कहता है मम्मी जी आप दुखी क्यों हो रहे हैं? आपको तो खुश होना चाहिए की आपको अनुज मिल गया, जिस भी हालत में मिला मिल गया ना। उधर किंजल भी कहती है कि मम्मी जी आज अनुज जी मिले हैं कल वह हमसे बात भी करेंगे। अनुपमा कहती है जो तुम लोग कह रहे हो सब समझ रही हूं पर अपने दिल को कैसे समझाऊं? अनुज मुझे भूल गए ऐसा कैसे हो सकता है? जब 26 साल इन्होंने मुझे याद रखा तो अब कैसे भूल गए? मैं अनुज के लिए इतनी पराई कैसे हो गई? 

अनुपमा आगे कहती है, मेरी बच्ची मेरी छोटी कहां है वह चिल्लाते हुए कहती है अनुज बताइए मेरी छोटी कहां है? तोशू, वनराज से कहता है पापा यह सचमुच हो रहा है मैं कोई सपना देख रहा हूं? वनराज कहता है सच बेटा। उधर अनुज को बाबा अपने साथ लेजाकर उसे बिस्तर पर लेटाते हैं अनुज को अनुपमा की कही बातें याद आती रहती है वह बस यही कहता रहता है की तुम चली जाओ। बाबा अनुज के माथे पर लेप लगाते हैं और अनुज के हाथ और पैरों को अपने हाथ से रगड़ते हैं। उधर अनुपमा को बड़ा सदमा पहुंचा है वह बिस्तर पर सोते हुए भी बड़बड़ाती है अनुज मुझसे दूर मत जाइए, वह अचानक खड़ी होती है और वहां से जाने लगती है और कहती है मेरे अनुज मेरा इंतजार कर रहे होंगे। बाबूजी अनुपमा को जोर से कहते हैं चुप। रात बहुत हो चुकी है अनुज से मिलने के लिए तुझे कल तक रुकना ही पड़ेगा, छः महीने प्रतिक्षा की है ना तो एक रात और सही।

अनुपमा कहती है बाबूजी मेरे अनुज की हालत देखी न आपने ऐसा लग रहा है की कई दिनों से आइना तक नही देखा उन्होंने और वह मुझे पहचान नही रहे हैं बाबूजी, मेरे अनुज मुझे नही पहचान रहे हैं वह मुझसे दूर भाग रहे हैं। अनुज इस हाल में है तो हमारी छोटी वह पता नहीं कैसे होगी? कहां होगी? मुझे जाने दीजिए बाबूजी। बाबूजी कहते हैं अनुज को भी लायेंगे आध्या को भी ढूंढेंगे, पहले तू अपने आप को संभाल वर्ना अनुज को कैसे संभालोगी? उधर घर में अनुज को लेकर चर्चा चल रही होती है बा कहती है, अनुज तो अमेरिका में था तो यहां कैसे पहुंचा। और श्रुति ने भी उसे ढूंढने की कोशिश नही की, ओर अमेरिका में उसका इतना बड़ा बिजनेस था, नाम था, तो किसी ने पता लगाने की कोशिश नही की, कि अनुज कहां है? राजा जैसा था भिखारी जैसा बन गया है। तोशू और पाखी कहते हैं कि वह अनुज जो सांस बाद में लेता था और अनु, अनु पहले करता था वह मम्मी से दूर क्यों भाग रहा है?

उधर बच्चे भी आपस में अनुज और अनुपमा के बारे में बात कर रहे होते हैं वह कहते हैं की अनुज दादू कितने हैंडसम थे लेकिन आज उनके कपड़े कितने गंदे थे और उन्होंने अनुपमा दादी और हमें क्यों नहीं पहचाना? मूवी के जैसे उनके सिर पर किसी ने डंडा मारा होगा और उनकी मेमोरी चली गई होगी, एक काम करते हैं हम फिर से उनके सिर पर एकबार डंडा मरते हैं। फिर वह सभी अनुज और अनुपमा के लिए प्रार्थना करते हैं कि अनुज दादू और अनुपमा दादी की जिंदगी में सब कुछ ठीक कर दीजिए। उधर किंजल कहती हैं मम्मी की हालत बहुत खराब थी वह ठीक तो होंगी ना? तोशू कहता है कि मम्मी के बर्बाद करने वालों की लिस्ट में अब अनुज का नाम भी एड हो गया। पाखी कहती है मम्मी ने बड़े और श्रुति की शादी तुड़वा दी और अगर बड़े की शादी श्रुति से हो गई होती तो बड़े श्रुति आध्या कितने खुश होते यूएस में शेटल्ड होते। मम्मी ने बड़े की शादी तुड़वा दी, इसीलिए बड़े देवदास बन गए और आध्या इसी वजह से कहीं चले गई।

तोशू कहता है जब तुम दोनों को पता ही नही है कि एक्जेक्टली हुआ क्या है तो क्यों जजमेंटल हो रहे हो? डिंपी कहती है लेकिन मम्मी को ऐसे कभी हां कभी ना नही करना चाहिए, जब अनुज सर उन्हें यूएस लेकर जा रहे थे तो चली जाती, एक दिन बाद भी तो मानी ना! पहले ही मान जाती। टीटू कहता है कि डिंपी रियली इन दोनों से तो एक्सपेक्टेड है लेकिन तुम भी मम्मी को ब्लेम कर रहे हो? किंजल कहती है की डिंपी तुम्हें तो एक औरत की सिचुएशन, हेजिटेशन समझनी चाहिए थी। तुम भी तो तपिश को पिछले पांच साल से कभी हां! कभी ना! कभी हां! कभी ना! करती रही। किंजल और टीटू कहते हैं हमें मम्मी से मिलने जाना है उधर तोशू कहता है किंजल कोई जरूरत नहीं है उधर मम्मी की नई फैमिली है उन्हें देखने के लिए। वह दोनों बहस करने लगते हैं तभी वनराज कहता है कोई भी आशा भवन नही जायेगा तोशू पाखी बिल्कुल सही कह रहे हैं, अनुपमा ने जो कुछ भी किया है या जो कुछ भी उसके साथ हुआ है उसकी जिम्मेदार वह खुद है, उसे जितने भी दुख है उस सारे दुखों की जिम्मेदार वह खुद है।

टीटू और किंजल कहती है हमें तो मम्मी से मिलने जाना है डिंपी टीटू से कहती है सुना नहीं तुमने पापा ने क्या कहा? टीटू कहता है कि मम्मी ने मेरे लिए और तुम्हारे लिए जो किया है उसे में भूल नही सकता। किंजल कहती है जब-जब बुरा वक्त आया है तब-तब मम्मी हमारे साथ खड़ी रही है, और मम्मी के बुरे वक्त में मैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकती इसलिए में जा रही हूं। उधर पाखी कहती है देखा पापा किंजल और जीजू आपकी बात नहीं मान रहे हैं तोशू कहता है घरजमाई नही आस्तीन का सांप पाला है। वनराज कहता है इन्हें तो मैं बाद में देख लूंगा, पहले मुझे यह पता करना है कि इन 6 महीना में इतना बड़ा बिजनेसमैन एक भिखारी कैसे बन गया? उधर किंजल और टीटू आशा भवन में पहुंचते हैं जहां वह बाबूजी से मिलते हैं बाबूजी एक कुत्ते को खाना खिलाते हुए कहते हैं की यह जानवर भी खाना नही खा रहे हैं। किंजल कहती है मम्मी की जान बस्ती है इन बेजुबान जानवरों पर उन्हें दुखी देख यह भी बहुत उदास हैं।

बाबूजी कहते हैं कुछ लोग हैं अनुपमा के साथ और अपनो के साथ रहने से दुख कम तो नहीं होता पर बंट जाता है। टीटू पूछता है सबको अनुज अंकल के बारे में पता है ना। बाबूजी कहते हैं इतना पता है कि दोनों एक थे, मुझे उसकी हालत देखी नही गई इसलिए यहां चला आया, में कल राजकोट जा रहा हूं पर मेरा ध्यान तो अनुपमा और अनुज पर ही अटका है। उधर आशा भवन के लोग अनुपमा को सुला के आते हैं और बाबूजी से कहते हैं आप भी सो जाइए कल आपको राजकोट जाना है। अनुपमा अपने में देखती है कि अनुज उससे मिलने आता है और उसे गले लगाकर कहता है मुझे छोड़कर मत जाना अनु प्लीज, तभी अनुपमा की आंखे खुल जाती है वह कहती है मेरे अनुज को मेरी जरूरत है वह बाबा के बताए हुई जगह पहुंचती है और देखती है कि सभी बाबा अनुज को ढूंढ रहे हैं अनुपमा बाबाओं से पूछती है बाबा आप मेरे अनुज को क्यों ढूंढ रहे हैं कहां है मेरा अनुज? 

बाबाजी कहते हैं पता नहीं कहां चला गया और उसे ढूंढते हुए आगे चले जाते हैं और अनुपमा कहती है इतनी मुश्किल से मुझे मेरे अनुज मिले थे, वह ऐसे नहीं जा सकते अनुपमा अनुज अनुज चिल्लाने लगती है। वह अनुज को ढूंढते हुए नीचे गिर जाती है और अनुज उसे उठाता है। वह अनुपमा को देखता है और कहता है तुम? और बेहोश हो जाता है अनुपमा देखती है कि अनुज को तेज बुखार है वह मदद मांगने के लिए जोर से आवाज लगती है और कहती है कोई तो मदद करो। उधर वनराज अनुज के बारे में सोचते हुए कहता है किस्मत का सचमुच कोई भरोसा नहीं इसीलिए डर लगता है कि अनुज जैसा स्मार्ट बिजनेसमैन अर्श से फर्श पर आ सकता है तो मैं क्या चीज हूं ऊपर से मेरी औलाद इतनी निक्कमी है कि जिनसे कोई उम्मीद रखना बेवकूफी है।

लेकिन एक बात तो है इंसान को अपने कर्मों का फल यही मिलता है अनुपमा ने मेरे परिवार में फूट डाली तो आज खुद भी कहीं की नही रही। अंजानो को परिवार बना कर रखा हुआ है उसने मेरे बाबूजी मुझसे दूर किया तो किस्मत ने उसे अनुज और आध्या से दूर रखा हुआ है। सपनों के लिए अपनों को छोड़कर अमेरिका गई थी लेकिन आज ना सपने हैं और ना अपने उसके आशिक तक ने उसे पहचानने से इंकार कर दिया। मैं तुमसे कहा था अनुपमा, की तुम्हें श्रुति की हाय लगेगी, लग गई और बहुत बुरी लगी है। लेकिन मुझे तुम्हारे लिए बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा जानती हो क्यों? क्योंकि तुम इसी के लायक हो। उधर अनुपमा अनुज को उठाने के लिए ठेला लेकर आती है और अनुज को बैठकर ले जाने लगती है, और इसी के साथ आज का एपिसोड खत्म हो जाता है।


प्रीकेप: आज के अनुपमा के प्रोमों में दिखाया जाता है कि अनुपमा सोचती है कि बहुत सारे सवाल हैं लेकिन इस हाल में कैसे पूछूं? वह अनुज से पूछती है, हमारी छोटी कहां है? आपकी आध्या कहां है? अनुज कहता है, आध्या चली गई। अनुपमा पूछती है, कहां चली गई? अनुज कहता है, बहुत दूर चली गई वो, मुझसे बहुत दूर चली गई वो। अनुपमा पूछती है, कहां दूर चली गई? अनुज कहता है, भगवान के पास चली गई। यह सुनते ही अनुपमा रोने लगती है और कहती है नहीं। अनुज कहता है, मुझे बोला अंकुश भाईया ने बोला। अनुपमा कहती है, अंकुश भाई तो क्या! भगवान भी मुझसे आकर कहे ना, तो मेरा दिल कहता है कि छोटी को कुछ हुआ है। अनुज अनुपमा से कहता है, तुम क्या कर रही हो? दूर हटो तुम मुझसे और इसी के साथ आज का प्रोमों भी खत्म हो जाता है।

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