Anupama 21st June 2024 Episode Written Update In Hindi: टीटू और डिम्पी के संगीत समारोह में बनाया अनुपमा ने खाना

Anupama Written Update In Hindi
Anupama 21st June 2024 Episode Written Update In Hindi: टीटू और डिम्पी के संगीत समारोह में बनाया अनुपमा ने खाना

Anupama 21st June 2024 Episode Written Update In Hindi: अनुपमा के आज के नए एपिसोड की शुरुआत देविका और अनुज से होती है जिसमें देविका, अनुज से बात करते हुए कह रही है की आदिक सही कह रहा था सच्चा प्यार और सच्चा प्यार करने वाले बहुत मुश्किल से मिलते हैं। वह आगे कहती है, तुम दोनों इडियट हो जो यह प्यार खो रहे हो किस्मत बार-बार तुम दोनों को एक दूसरे के सामने लाकर खड़ा कर रही है इसका मतलब यह भगवान का कोई इशारा होगा प्लीज इस इशारे को समझो अनुज। देविका आगे कहती है, मैं आदिक से सहमत हूं, मान की लवस्टोरी बहुत स्पेशल है यह अधूरी नहीं रह सकती।

इसके बाद कहानी आगे बढ़ती है अनुपमा को किचन में दिखाया जाता है जहां अनुपमा मन में सोच रही होती है आखिरी समय में कोई कैटरर नहीं मिला लेकिन मेरे रहते में टीटू और डिंपी की शादी में कोई प्राब्लम नहीं आने दूंगी। वह सब्जियों को अपने दोनों हाथों में लेती लेकिन तभी उसे पुराने बीते ख्याल याद आते हैं। अपने पुराने ख्यालों को याद करके वह रोने लगती है और तभी उसके मन से दो आवाजें निकलती है। एक आवाज अनुपमा से कहती है, अनुपमा खाने और रसोई से तेरा सालों साल का संबंध हैं और याद रख यह वही रसोई है जो 25-26 साल तक तेरी पूरी दुनिया हुआ करती थी। तेरे दिन की शुरुआत यही चूल्हा जलाकर हुआ करती थी तो फिर आज तू इतना क्यों सोच रही है इतना क्यों डर रही है जो हुआ वह तेरी गलती नही थी गुलाटी की साजिश थी और राहुल ने बेईमानी की थी तो तेरी गलती कैसे हुई? तू खाना बना। जबकि दूसरी आवाज उसे कहती है, लेकिन राहुल को मौका किसने दिया तूने तेरी लापरवाही से यह सब हुआ वह अनुपमा को खाना बनाने से रोकती है। आगे अनुपमा खुद से कहती है, मुझे डरना नहीं चाहिए खाना ही तो बनाना है वह तो मैं आंख बंद करके बना सकती हूं। वह माँ अन्नपूर्णा से आशीर्वाद लेती है और कहती है अब ऐसा खाना बनूंगी की शादी और शादी वाला खाना लोगों को हमेशा याद रहेगा।

आगे बा कहती हैं, अच्छा लगा वनराज ने हमारी तरफ से बात की, पर मैं नहीं चाहती कि वह बच्चों और हमारे बीच पिस्ता रहे। बापूजी कहते हैं, इसलिय हमने जो सोचा है वही ठीक है और अपना बैग पकड़ते हैं। बा कहती हैं, अरे इस बैग पर तो धूल लग गई है इसे साफ करके रख देते हैं। डिम्पी बाबूजी के हाथ में बैग देखकर कहती है यह बैग किसलिए? इसपर बाबूजी और बा थोड़ा चकित हो उठते हैं बा कहती हैं, हां वो मेरी एक पुरानी साड़ी नही मिल रही थी तो इसलिए। इसके बाद बाबूजी पूछते हैं, कुछ काम था बेटा तब डिम्पी कहती है, हां बा वो दुपट्टा मैने आपको दिया था ना हल्दी वाला। बा हल्दी वाला दुपट्टा लाकर डिम्पी को दे देती है डिम्पा बा की तारीफ करते हुए कहती है, वाह बा आपने सिंपल से दुप्पटे को कितना सुंदर बना दिया पता है कोई डिजाइनर दुपट्टा भी इसका मुकाबला नहीं कर सकता। बा कहती हैं, डिजाइनर दुपट्टे में तो कितनी डिजाइन होती है स्टाइल होती है यह तो ऐसे ही है। डिम्पी कहती है, होता होगा लेकिन उसमें बड़ो का प्यार और आशीर्वाद तो नही होता ना। बा कहती हैं, सच में तुझे अच्छा लगा ना, मतलब मेरा मन रखने के लिए तो नहीं कह रही है ना? यह दुपट्टा अच्छा नहीं लगा तो मैं बॉर्डर निकालकर दूसरा लगा सकती हूं। इसपर बाबूजी भी कहते हैं हां बेटा अच्छा नहीं लगा तो बता देना तेरी हल्दी में कमी नहीं रहनी चाहिए। डिम्पी कहती है, बा यह दुपट्टा परफेक्ट है और नही भी होता ना तो आपको तो मुझे बोलना चाहिए कि जो है यही है इसे ही पहन वरना कान के नीचे रखूंगी। इसके बाद बाबूजी और बा भावुक हो उठते हैं इसपर डिम्पी पूछती है, क्या हुआ सबकुछ ठीक है ना कुछ हुआ है क्या? इसपर घबराकर बाबूजी जवाब देते हैं, हां वो आदिक और बाकी को लेकर थोड़े परेशान थे। आगे बा कहती हैं अरे तू यहां क्यों खड़ी है? जा जाके जल्दी से तैयार होना शुरू कर दे तुझे टाइम लगेगा तैयार होने में। डिम्पी के जाने के बाद बाबूजी बा से कहते हैं, जब तक शादी नही हो जाती किसी को पता नही चलना चाहिए कि हमने क्या सोचा है मन कितना भी भारी हो बच्चों की खुशी के लिए हमें खुश दिखना ही है।

अनुपमा समारोह के लिए तैयार हो जाती है और सोचती है की खाना सब बना दिया बस बा से मीठा बनाने के लिए कहूंगी ताकि उन्हें मेरी जरूरत महसूस हो। अनुपमा जैसे ही आगे की ओर बढ़ती है तो पाती है कि उसकी प्लीटिंग सही नहीं है वह कहती है, पता नहीं आज क्या गड़बड़ है या तो साड़ी का कपड़ा ही ऐसा है या मैने ही घाई घाई में अजीब साड़ी पहनी है। तभी अनुज वहां आकर अनुपमा की साड़ी की प्लीटिंग ठीक करता है और कहता है अब ठीक है। अनुपमा, अनुज से थैंक यू कहती है अनुज अनुपमा से कहता है अनु वो में तुम्हारे लिए कुछ लाया था वह गजरा दिखाता है अगर तुम इसे पहनोगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा, लेकिन अगर नहीं पहनना चाहती हो तो इसे भी छोड़ सकती हो। इतना कहकर वह अनुपमा के हाथों में गजरा रखकर वहां से चला जाता है।

इसके बाद बा और बाबू जी भी तैयार होकर समारोह में पहुंचते हैं जहां बच्चे बच्चे चुपचाप बैठे हैं बा कहती हैं, सुबह जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से बच्चे चुपचाप बैठे हैं और  सब उदास हैं मुझसे बच्चों की उदासी देखी नही जाती उसके  बाद दोनों बच्चों के सामने आते हैं और उनसे पूछते हैं कि तुम सब उदास क्यों हो। बच्चे पूछते हैं कि बड़े झगड़ा क्यों कर रहे हैं? बाबू जी और बा उन्हें बेहकाकर खुश करने की कोशिश करते हैं।

डिंपी, काव्या और किंजल अपने बच्चों को खुश देखकर कहती हैं देखा हमसे नहीं हुआ लेकिन बा और बाबूजी ने चुटकियों में बच्चों को हंसा दिया। वह कहती हैं कि कल पाखी की बातों से मां बाबूजी का दिल बहुत दुखा होगा मुझे उम्मीद है कि शादी के टाइम पर बा बाबूजी को पाखी की बाते हर्ट न करें। बा बाबूजी अगर उनसे बात कर लेते तो अच्छा होता और अगर वनराज बा बाबूजी से बात करेंगे तो उन्हें बहुत अच्छा लगेगा। डिम्पी कहती है मुझे लगता है बा बाबूजी दिखा नहीं रहे हैं पर अंदर से वह बहुत ज्यादा दुखी हैं। वह बा बाबूजी को फंक्शन में खुश करने की बात करते हैं। 

इतने में समारोह में गाना बजता है और अनुपमा अनुज के दिए हुए गजरा पहनकर आ जाती है जिससे अनुज आश्चर्यचकित हो जाता है। इस बीच अनुपमा का फ्लैशबैक शुरू होता है जिसमें पता चलता है कि अनुपमा ने गजरा क्यों लगाया। फ्लैशबैक में अनुपमा खुद से कहती है कि उसने पांच सालों से बालों में फूल नहीं लगाया है और आज अनूप जी पर और उनकी दी हुई चीजों पर सिर्फ श्रुति का अधिकार है लेकिन इतने में डिम्पी वहां आकर वह गजरा अपनी मां अनुपमा के बालों पर जबरदस्ती गजरा लगा देती है। फैशबैक खत्म होने के बाद टीटू और डिम्पी का समारोह में डांस शुरू हो जाता है। आगे वनराज और तोषु के साथ सभी डांस करते हैं। अनुज अनुपमा के साथ डांस करने का ख्वाब देखता है और शर्माता है। फिर सब मिलकर डांस करने लगते हैं डांस के बाद किंजल बा और बाबूजी को टीटू और डिम्पी की नजर उतरने को कहते हैं जिसके बाद टीटू और डिम्पी उनका आशीर्वाद लेते हैं। बाबूजी कहते हैं कि बच्चों की खुशी के लिए हम कुछ भी करेंगे।

उधर आद्या कहती है की श्रुति का फोन अभी भी नहीं लग रहा है और न नर्स फोन उठा रही है पता नहीं क्या हो गया है श्रुति ने मुझे मैसेज भी किया था कि कॉल बैक करना पर अब वह फोन नही उठा रही है यहां सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल होती जा रही है और यहां श्रुति फोन भी नही उठा रही है उधर वनराज बाबूजी से बात करने का मौका ढूंढ रहा है वह जैसे ही बाबूजी की और बढ़ता है तभी वहां बच्चे आ जाते हैं और बा और बाबूजी को बुला लेते हैं।

काव्या बा से कहती हैं कि आइए बा डिंपी और तपिश की आरती कीजिए। बा कहती हैं कि तू घर की बहु है न तो तू ही कर। काव्या कहती है हां बा मैं कर लेती पर आरती हमेशा आप उतरती हैं ना जिसपर बा कहती है कि मैं तो हमेशा नहीं रहूंगी ना। यह सुनकर सभी घरवाले बा को देखने लगते हैं और बा कहती है कि मतलब तुझे कभी न कभी तो सीखना पड़ेगा ना मेरे बाद तो तुम्हें ही करना है और घर में इतनी बहुएं हैं तो हमेशा मैं ही क्यों करूं? तभी अनुपमा कहती है की घर मैं बहुएं कितनी भी हों लेकिन बा तो एक ही है ना हमारी ओर बा को आरती करने के लिए मना लेती है। बा आरती करके मिठाई खिलाती हैं इतने में सभी बच्चे भी मिठाई मांगते हैं। बा कहती हैं तुम्हारी मम्मी को बोलो वह सबको खिला देंगी। इतने में वनराज वहां आता है और बाबूजी का हाथ पकड़कर बच्चों को बाबूजी के हाथों मिठाई खिलवा देता है। वनराज बच्चों से कहता है बेटा खाना हमेशा बा और बाबूजी के हाथों से ही खाना क्योंकि अगर इनके हाथों से खाओगे तो उसमें ज्यादा स्वाद होगा ज्यादा पोषण होगा और ढेर सारा आशीर्वाद भी होगा। वनराज पाखी को बुलाता है और बाबूजी उसे मिठाई खिलाते हैं यहां आज का एपिसोड खत्म हो जाता है।


प्रीकैप: संगीत समारोह खत्म होने के बाद सभी घरवाले एक-दूसरे को हल्दी लगाने में व्यस्त हैं। उधर देविका अनुज के चेहरे पर रंग लगने के लिए उसके पीछे भागती है और गलती से अनुपमा के हाथ से उसके चेहरे पर हल्दी लग जाती है। इतने में अनुज के चेहरे पर हल्दी देख श्रुति मन में कहती है मेरे शिवाय तुम्हें हल्दी और कौन लगा सकता है और अनुज को अनुपमा से अलग करके उसके चेहरे से हल्दी साफ करती है।आगे श्रुति अनुज के हाथ से अपने चेहरे पर हल्दी लगती है और मन में कहती है तुम्हें हल्दी लगाने का हक सिर्फ मेरा है।


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